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US: राष्ट्रपति Biden के स्टोर रूम से मिली सीक्रेट फाइल,Trump केस से कितना अलग?

Joe Biden Classified Documents Case Explainer: बाइडेन के खिलाफ मामला चलेगा? क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट होते क्या हैं?

आशुतोष कुमार सिंह
कुंजी
Published:
<div class="paragraphs"><p>US Joe Biden Classified documents Case Explainer</p></div>
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US Joe Biden Classified documents Case Explainer

(फोटो- Altered By Quint)

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US Joe Biden Classified documents Case Explainer: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को जिस मुद्दे पर एकबार निशाने पर लिया था आज वो खुद उसी में घिरते दिख रहे हैं.

जो बाइडेन से जुड़े निजी ठिकानों से एक के बाद एक क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिल रहे हैं जिसे सिर्फ हाई क्लीयरेंस प्राप्त लोग ही देख सकते हैं और जिसे आधिकारिक रूप से सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

इसी कड़ी में शनिवार, 14 जनवरी को व्हाइट हाउस ने जानकारी दी कि डेलावेयर में राष्ट्रपति बाइडेन के परिवार के घर में अतिरिक्त पांच पन्नों के क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट/गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. बाइडेन के वकीलों ने दावा किया है कि ये डॉक्यूमेंट उस समय के हैं जब बराक ओबामा के कार्यकाल में बाइडेन उप-राष्ट्रपति थे.

इस एक्सप्लेनर में हम आपको आसान शब्दों में बताते हैं कि आखिर

  • क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट होते क्या हैं?

  • अबतक बाइडेन के ठिकानों से कब और कहां से कितने ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं?

  • अभी तक अमेरिकी अथॉरिटी ने क्या एक्शन लिए हैं?

  • क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिलने पर ट्रंप और बाइडेन के मामले कैसे अलग हैं?

  • क्या इससे बाइडेन को कोई राजनीतिक नुकसान हो सकता है?

  • क्या इससे बाइडेन को कोई कानूनी नुकसान हो सकता है?

Biden Classified documents Case: क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट होते क्या हैं?

क्लासिफाइड जानकारी, या क्लासिफाइड राष्ट्रीय सुरक्षा सूचना उन डाक्यूमेंट्स या खुफिया जानकारी के अन्य रूपों को कहते हैं जिन्हें सरकार संवेदनशील/सेंसिटिव मानती है और इसलिए इसे अनधिकृत तरीके से जारी किए जाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा होता है.

दरअसल इंटेलिजेंस पर अमेरिकी सीनेट की सेलेक्ट समिति के अनुसार अमेरिका में क्लासिफाइड जानकारी के तीन अलग-अलग लेबल होते हैं.

टॉप सीक्रेट: वो सूचना जिसे यदि कोई अनधिकृत रूप से रिलीज कर दे तो "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए असाधारण रूप से गंभीर क्षति" होगी.

सीक्रेट: वो सूचना जिसे यदि कोई अनधिकृत रूप से रिलीज कर दे तो राष्ट्रीय सुरक्षा को "गंभीर" नुकसान पहुंचा सकती है.

कॉन्फिडेंशियल/गोपनीय: वो सूचना जिसमें अनधिकृत रूप से रिलीज होने की स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता होती है.

एक सवाल यह भी है कि अमेरिका में किसी डॉक्यूमेंट को क्लासिफाइड घोषित करने की शक्ति किसके पास होती है? 2010 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन कर में डॉक्यूमेंट को क्लासिफाइड घोषित करने की शक्ति बांटी थी. इस शक्ति को "क्लासिफिकेशन अथॉरिटी" कहते हैं. इसके अनुसार ऐसी शक्ति निम्न 3 के पास होती है:
  1. राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति

  2. एजेंसी के प्रमुख और राष्ट्रपति द्वारा नामित अधिकारी

  3. अन्य अमेरिकी सरकारी अधिकारी जिसे एजेंसी प्रमुखों ने ऐसा अधिकार दिया है

Biden के ठिकानों से कब कौन से  Classified documents मिले? पूरी टाइमलाइन

2 नवंबर 2022: इस दिन बाइडेन के वकीलों ने बताया कि उन्हें "छोटी संख्या" में क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिले हैं. व्हाइट हाउस के अनुसार ये डॉक्यूमेंट वाशिंगटन में स्थित एक थिंक टैंक- पेन बिडेन सेंटर फॉर डिप्लोमेसी एंड ग्लोबल एंगेजमेंट में मौजूद बाइडेन के एक ऑफिस से मिले थे. व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने इसकी जानकारी खुद राष्ट्रीय अभिलेखागार/National Archives को दी.

3 नवंबर 2022: राष्ट्रीय अभिलेखागार इस दिन उन डॉक्यूमेंट को वहां से ले गया.

4 नवंबर 2022: राष्ट्रीय अभिलेखागार के अधिकारियों ने यह मामला जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया.

10 नवंबर 2022: जस्टिस डिपार्टमेंट ने इस मामले में प्रारंभिक पूछताछ शुरू कर दी.

14 नवंबर 2022: शिकागो में अमेरिकी अटॉर्नी जॉन आर लॉश जूनियर को इन डॉक्यूमेंट्स के मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी दी गयी ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या मामले में एक विशेष वकील/स्पेशल कॉउंसिल की आवश्यकता थी.

20 दिसंबर 2022: बाइडेन के वकीलों ने जॉन आर लॉश जूनियर को बताया कि उन्हें विलमिंगटन, डेल में बाइडेन के घर के गैरेज में फिर से क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट का दूसरा सेट मिला है. इसकी जानकारी जस्टिस डिपार्टमेंट को भी दी गयी.

5 जनवरी 2023: जॉन आर लॉश जूनियर ने तय किया कि मामले में स्पेशल कॉउंसिल की आवश्यकता है.

9 जनवरी 2023: CBS न्यूज ने पहले बार यह रिपोर्ट प्रकाशित की कि पेन बाइडेन सेंटर से क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिले थे. व्हाइट हाउस ने अपने बयान में इस बात को तो स्वीकार किया लेकिन उसने विलमिंगटन मिले दूसरे ऐसे सेट पर कुछ नहीं कहा.

11 जनवरी 2023: एक बार फिर CBS न्यूज ने फिर से रिपोर्ट प्रकाशित की फिर से बाइडेन के ठिकाने से क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट का दूसरा सेट मिला है. हालांकि यह नहीं बताया कि कहां और कब मिला.

12 जनवरी 2023: व्हाइट हाउस ने अपने बयान में इस बात को तो स्वीकारा कि विलमिंगटन स्थित बाइडेन के घर के गराज से ऐसे क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिले हैं. अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने मैरीलैंड के पूर्व अमेरिकी अटॉर्नी Robert Hur को जांच की निगरानी के लिए स्पेशल कॉउंसिल नियुक्त किया.

14 जनवरी 2023: व्हाइट हाउस ने फिर बयान जारी कर बताया कि उसी गराज के बगल वाले स्टोर रूम से क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट के पांच और पेज मिले हैं.

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Biden Classified documents Case: ट्रंप और बाइडेन के मामले कैसे अलग हैं?

पिछली गर्मियों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रिजॉर्ट Mar-a-Lago FBI की छापेमारी में ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल से जुड़े 11,000 से अधिक डॉक्यूमेंट और तस्वीर मिले थे. इसमें कई हाई क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट थे. आगे ऐसे और डॉक्यूमेंट मिले.

अगर अभी तक सामने आई जानकारी को देखें तो ट्रंप और बाइडेन से जुड़े क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट के मामले एक-दूसरे से बहुत अलग प्रतीत होते हैं. दरअसल ट्रंप के मामले में, महीनों तक उनसे सभी सरकारी डॉक्यूमेंट्स को वापस करने की मांग की गयी थी लेकिन जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो कोर्ट की इजाजत के बाद अगस्त 2022 में FBI ने छापा मारा था.

इसके विपरीत, बाइडेन की टीम का कहना है कि उन्होंने क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिलने पर स्वेच्छा से अधिकारियों को सूचित किया और सरकार को सभी ऐसे डॉक्यूमेंट वापस कर दिए हैं. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोगों के लिए (जिनके पास सुरक्षा क्लीयरेंस है) क्लासिफाइड डॉक्यूमेंटको गलत तरीके से संभालना या पद छोड़ने के बाद भी अनजाने में ऐसे डॉक्यूमेंट को अपने पास रखना असामान्य बात नहीं है.

Biden Classified documents Case: क्या इससे बाइडेन को कोई राजनीतिक नुकसान हो सकता है?

ट्रंप के रिजॉर्ट से गोपनीय डॉक्यूमेंट मिलने का मिश्रित प्रभाव देखने को मिला था. कई रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति का सामने आकर बचाव करने से बचने की कोशिश कर रहे थे जबकि अन्य ने ट्रंप का समर्थन किया और कहा कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा था.

लेकिन अब बाइडेन खुद ट्रंप टीम के निशाने पर होंगे. यह किसी से छिपा नहीं है कि ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ना-जीतना चाहते हैं. और वो इसका फायदा उठाने का प्रयास करेंगे. साथ ही अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बाइडेन की विरोधी पार्टी रिपब्लिकन के पास बहुमत और अपना स्पीकर है. शुक्रवार को उसने ज्युडिशियल कमिटी द्वारा मामले की जांच की घोषणा की.

दूसरी ओर बाइडेन की पार्टी- डेमोक्रेट्स के लिए, क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिलना एक अप्रत्याशित और ऐसा राजनीतिक सिरदर्द है, जो वे नहीं चाहते. जिस मुद्दे पर वो खुद टीम ट्रंप को घेर रहे थे, आज वो उसी में खुद घिर गए हैं.

गौरतलब है कि व्हाइट हाउस के अनुसार बाइडेन के वकीलों ने इन डॉक्यूमेंट के मिलने के बाद खुद ऑथोरिटी को जानकारी दी थी. ऐसे में सवाल है कि क्या राजनीतिक और कानूनी विवाद को रोकने के लिए इन फाइल्स को दबाया जा सकताथा ? लेकिन उस स्थिति में अगर किसी और तरीके से इसका खुलासा होता तो बाइडेन के पास यह मोरल हाईग्राउंड नहीं होता कि इसकी जानकारी मैंने खुद दी थी. साथ ही उनके वकीलों को कोर्ट में यह स्वीकार करना होता कि उन्हें ऐसे डॉक्यूमेंट मिले थे और इसके बावजूद वो चुप बैठे. ऐसे इसलिए है क्योंकि कोर्ट में झूठ बोलने की स्थिति में उन्हें कानूनी परिणाम भुगतना पड़ता.

Biden Classified documents Case:  क्या इससे बाइडेन को कानूनी रूप से नुकसान हो सकता है?

ट्रंप और बाइडेन, दोनों मामलों में अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट जांच कर रहा है. यह क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट को अपने पास रखने के व्यवहार और उसके पीछे के संभावित इरादे पर गौर करेगा. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि राष्ट्रपति बाइडेन या उनके किसी सहयोगी को कानूनी दंड का सामना करना पड़ेगा या नहीं.

फ्लोरिडा में पूर्व सरकारी वकील डेविड वीनस्टीन ने बीबीसी को बताया कि बाइडेन के मामले में कुछ चीजें आपराधिक आरोपों को असंभव बना देती हैं. सबसे पहले, आरोप लगाने के लिए यह मंशा साबित करनी होगी कि बाइडेन या उनकी टीम ने इन फाइलों को जानबूझकर हटाया और अपने पास रखा. और दूसरा अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट की यह पॉलिसी है कि वह किसी सिटिंग/ मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करता है.

डेविड वीनस्टीन के अनुसार "यह मामला जो बाइडेन के लिए आपराधिक आरोपों की तुलना में राजनीतिक रूप से बड़ी समस्या है."

(Input- NYT,BBC, द गार्डियन, US Today, द वाशिंगटन पोस्ट)

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