Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Explainers Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019देश में अब तक 700 से ज्यादा अध्यादेश लाए गए, जानिए पूरा इतिहास 

देश में अब तक 700 से ज्यादा अध्यादेश लाए गए, जानिए पूरा इतिहास 

अध्यादेश क्या होता है, इसे कैसे और क्यों लागू किया जाता है, किस साल सबसे ज्यादा अध्यादेश लागू किए गए यहां जानिए

अभय कुमार सिंह
कुंजी
Updated:
देश में अब तक 700 से ज्यादा अध्यादेश लाए गए, जानिए पूरा इतिहास
i
देश में अब तक 700 से ज्यादा अध्यादेश लाए गए, जानिए पूरा इतिहास
(फोटो: AP)

advertisement

मोदी सरकार के तीन तलाक से जुड़े अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. इसी के साथ मौजूदा सरकार ने अपने 4 साल से अधिक के कार्यकाल में कुल 38 अध्यादेश ला दिए हैं. पिछली सरकार से तुलना करें, तो मनमोहन सरकार के पहले कार्यकाल (2004-2009) में 36 अध्यादेश लाए गए थे, वहीं दूसरे कार्यकाल (2009-14) में 25 अध्यादेश. साफ है कि अध्यादेश के मामले में मोदी सरकार एक साल पहले ही मनमोहन सरकार को पीछे छोड़ चुकी है.

अध्यादेश क्या है? इसकी जरूरत क्यों पड़ती है?

अध्यादेश सरकार के लिए एक विशेषाधिकार है, इसकी जरूरत तब पड़ती है, जब सरकार किसी बेहद खास विषय पर कानून बनाने के लिए बिल लाना चाहे, लेकिन संसद के दोनों सदन या कोई एक सदन का सत्र न चल रहा हो. या फिर सरकार का कोई बिल राज्यसभा में सांसदों की संख्या कम होने से या किसी और वजह से लटका हुआ हो. ऐसे में सरकार अध्यादेश लाती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर(फोटो: The Quint)
अध्यादेश का प्रभाव संसद के जरिए बनाए गए कानून के बराबर ही होता है. तीन तलाक के मामले में भी ऐसा ही हुआ. लोकसभा में तीन तलाक बिल तो पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास जरूरी संख्या बल नहीं है. ऐसे में मोदी सरकार अध्यादेश लेकर आई है, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.

संविधान का अनुच्छेद-123 क्या कहता है?

संविधान का अनुच्छेद-123 क्या कहता है?(फोटो: द क्विंट)

संविधान का अनुच्छेद-123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है. संविधान कहता है कि अगर कोई ऐसा मुद्दा हो, जिस पर तत्काल प्रभाव से कानून लाने की जरूरत हो, तो संसद के सत्र का इंतजार करने की बजाए सरकार अध्यादेश के जरिए उस कानून को लागू कर सकती है. लेकिन इस अनुच्छेद में ये भी साफ है कि अध्यादेश को बेहद जरूरी या आपात स्थितियों में ही लाया जाना चाहिए.

अब ये जरूरी स्थितियां क्या हैं, ये शायद इतना साफ नहीं है. यही वजह है कि 26 जनवरी, 1950 से लेकर अब तक 700 से ज्यादा अध्यादेश देश की सरकारें ला कर चुकी हैं. इनमें से कई ऐसे भी अध्यादेश थे, जिन्हें साफ-साफ ‘बेहद जरूरी’ नहीं कहा जा सकता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अध्यादेश की समय सीमा क्या होती है?

संसद का सत्र खत्म होने के समय जारी किया गया अध्यादेश संसद की दोबारा बैठक होने पर दोनों सदनों में रखा जाना चाहिए.

अध्यादेश की समय सीमा क्या होती है?(फोटो: क्विंट हिंदी)
  • संसद की मंजूरी नहीं मिलती है, तो ये अध्यादेश ज्यादा से ज्यादा 6 महीने तक मान्य रहता है.
  • अगर संसद अध्यादेश को पारित कर देती है, तो वो कानून बन जाता है.
  • संसद अगर कोई फैसला नहीं लेती है, तो संसद की दोबारा बैठक के 6 हफ्ते के बाद अध्यादेश खत्म हो जाता है.

एक बात और जानना जरूरी है कि एक ही विषय पर कई बार अध्यादेश लाया जा सकता है.

देश में अध्यादेशों का इतिहास

  • 26 जनवरी 1950 के बाद से अबतक देश में 700 से ज्यादा अध्यादेश लागू किए जा चुके हैं
  • साल 1993 में एक साल में सबसे ज्यादा 34 अध्यादेश पारित किए गए थे
  • दूसरे स्थान पर साल 1950 और 1996 है, जब 32-32 अध्यादेश पारित किए गए
  • साल 1997 में 31 अध्यादेश पारित किया गया
  • साल 1963 में एक भी अध्यादेश पारित नहीं हुआ, 1960 और 1982 में सिर्फ एक अध्यादेश पारित किया गया
  • अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल (1998-2004) में 58 अध्यादेश लाए थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 20 Sep 2018,08:28 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT