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JEE और NEET के साथ NET का एग्जाम भी अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ही कराएगी. पहले सीबीएसई ही JEE, UGC NET और NEET का टेस्ट लेती थी.
यूजीसी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी NET के लिए नोटिफेकशन आ चुका है. दिसंबर में इसका टेस्ट होगा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के पास और भी एंट्रेंस एग्जामिनेशन कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी होगी. आखिर ये नेशनल टेस्टिंग एजेंसी क्या है और यह क्या-क्या करेगी?
पिछले कुछ सालों से देश में तमाम तरह के एंट्रेस एग्जाम करवाने के लिए एक एजेंसी की बात हो रही थी. मानव संसाधन मंत्रालय ने इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाई है. नवंबर 2017 में एनटीए को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. इसका गठन देश की शैक्षणिक प्रणाली में बड़े सुधार के उद्देश्य से किया गया है. सरकार के मुताबिक, सीबीएसई की तरफ से करवाई जाने वाली कई एंट्रेंस एग्जाम अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करवाएगी. अब इस काम के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पूरी तरह तैयार है.
पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एंट्रेंस एग्जामिनेशन में सुधार लाने का काम करेगी. इसे इसी साल से शुरू किया जा रहा है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, यूजीसी, एआईसीटीई, आईआईटी, विश्वविद्यालयों, स्कूल बोर्डों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर रिसर्च और हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने में मदद करेगी.
इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE-Mains), मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए होनेवाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET), मैनेजमेंट कोर्स के लिए कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (CMAT), फॉर्मेसी कोर्स में एडमिशन के लिए ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (GPAT) के साथ ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी में टीचिंग और फेलोशिप के लिए यूजीसी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) का आयोजन अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ही करवाएगी.
आने वाले समय में इस टेस्टिंग एजेंसी के जिम्मे कई और एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करवाने की जिम्मेदारी भी मिलने की उम्मीद है. क्योंकि इसे इसी मकसद के साथ तैयार किया गया है कि समय पर अच्छे तरीके से सभी एंट्रेंस एग्जामिनेशन हो सके.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अब यूजीसी नेट की परीक्षा साल में दो बार जुलाई और दिसंबर में कंडक्ट करेगी. वहीं जेईई (मेन्स) की परीक्षा हर साल जनवरी और अप्रैल में दो बार कराई जाएगी. कोई भी स्टूडेंट्स जेईई की दोनों परीक्षा में शामिल हो सकता है. जो बेहतरीन स्कोर होगा उसके आधार पर दाखिला मिलेगा.
मेडिकल के लिए होनेवाली NEET की परीक्षा भी साल में दो बार करवाने की बात की गई थी. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के ऐतराज के बाद इसे केवल एक बार करवाने का फैसला किया गया है. ये एग्जाम हर साल मई में होगी. वहीं सीमैट और जीपैट जनवरी में करवाई जाएगी.
जहां तक सिलेबस, क्वैश्चन फॉर्मेट और लैंग्वेज की बात है तो इसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह पहले की तरह ही होता रहेगा. लेकिन कुछ एग्जामिनेशन के पैटर्न में बदलाव किए गए है. अब तक यूजीसी नेट की परीक्षाएं पेपर बेस्ड होती थी, लेकिन अब ये परीक्षा ऑनलाइन होगी. वहीं जेईई (मेंस), सीमैट, जीपैट की परीक्षाएं भी कंप्यूटर बेस्ड ऑनलाइन मोड में ही होंगी. मेडिकल के लिए होनेवाली नीट एग्जामिनेश पेन और पेपर पर होगी.
नीट परीक्षा में करीब 13 लाख छात्र बैठते हैं, जबकि आमतौर पर जेईई मेन्स में 12 लाख और यूजीसी नेट में करीब 12 लाख स्टूडेंट्स हिस्सा लेते हैं. सीमैट में एक लाख स्टूडेंट्स और जीपैट में 40 हजार स्टूडेंट्स शामिल होते हैं.
इन सभी परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का फ्यूचर इन बातों को टिका होता है कि सही समय पर एंट्रेंस एग्जामिनेशन हो, किसी तरह की लीक न हो और सही समय पर रिजल्ट आ जाए. लेकिन कई बार इसमें स्टूडेंट्स को निराशा हाथ लगती रही है. लेकिन अब सरकार के दावों पर यकीन करें तो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इन सभी परेशानियों को दूर करने का काम करेगी.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई के पास शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को तैयार करने, स्कूलों की मान्यता और 10वीं, 12वीं की परीक्षा कंडक्ट करवाने संबंधी कई तरह की जिम्मेदारी है. ऐसे में पिछले कई सालों से सीबीएसई जेईई, नीट और नेट जैसे एंट्रेंस एग्जाम को करवाने से मना भी कर रही थी.
सीबीएसई के ऊपर बोझ की वजह से कई बार नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट सही समय पर नहीं हो पाई. वहीं सीबीएसई के जरूरी काम भी इन एंट्रेंस एग्जामिनेशन की वजह से भी प्रभावित हो रहा था. ऐसे में अब जब ये सारी परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवाएगी तो निश्चित रूप से सीबीएसई का भार कम होगा. और वह पूरी तरह से स्कूली शिक्षा पर फोकस कर पाएगी.
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