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नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी है. दिल्ली से लेकर हैदराबाद, मुंबई और यूपी में भी कई जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ जगहों पर नागरिकता संशोधन एक्ट के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है. नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ मद्देनजर कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है. धारा 144 को पूरे उत्तर प्रदेश, बैंगलुरू, कर्नाटक और दिल्ली के कुछ हिस्सों पर लागू कर दी गई है. अगर आप भी धारा 144 के बारे में जानना चाहते हैं, तो हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्या होती है धारा 144 और इसे कब लगाया जाता है.
सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने के लिए उस स्थिति में लगाई जाती है, जब किसी तरह के दंगें की आंशका होती है. धारा-144 लगने के बाद, उस इलाके में पांच या उससे ज्यादा व्यक्ति एक साथ खड़े नहीं हो सकते हैं. धारा 144 को लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी की ओर से आधिकारिक सूचना जारी दी जाती है.
धारा 144 लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों को ले जाने में भी पांबदी होती है. आपको बता दें कि धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है.
धारा 144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि अगर राज्य सरकार को लगता है कि खतरा टालने या फिर से दंगे टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसके समय को बढ़ाया जा सकता है. इस स्थिति में भी धारा 144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है.
धारा 144 लगे इलाके में गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंगें में शामिल होने के लिए केस दर्ज किया जा सकता है. इसमें अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है.
धारा 144 और कर्फ्यू में अंतर
आपको बता दें कि धारा 144 और कर्फ्यू एक ही चीज नहीं है. कर्फ्यू बेहद खराब हालातों में लगाया जाता है. उस समय लोगों को अपने घर में रहने के निर्देश दिए जाते हैं. मार्केट, स्कूल को बंद कर दिया जाता है. इस दौरान ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पांबदी होती है. हालांकि धारा 144 इससे अलग है.
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