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अस्‍पतालों में लापरवाही से ब्‍लड चढ़ाने से हजारों हुए HIV पॉजिटिव!

HIV रोगियों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है

इंडियास्पेंड
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(फोटो: iStockphoto)
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रक्तदान आपका जीवन बचा सकता है. लेकिन अगर आप सावधान नहीं हैं, तो रक्तदान आपको HIV जैसी गंभीर बीमारी भी दे सकता है.

जी हां, नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पतालों में चढ़ाए गए ब्लड से अक्टूबर 2014 से मार्च 2016 के बीच करीब 2,234 लोग HIV जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो गए.

हैरत की बात यह है कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन की वजह से इतने लोगों तक HIV जैसी गंभीर बीमारी फैलने की खबर सरकार को भी नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ता चेतन कोठारी ने साल 2016 में NACO से सूचना अधिकार के तहत पूरी जानकारी मांगी थी. NACO की ओर से उपलब्ध कराए गए अांकड़ों में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

16 अगस्त , 2016 को संसद में कांग्रेस सदस्य और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार के सामने ये सवाल उठाया कि क्या सरकार जानती है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की वजह से HIV हो रहा हैं. लेकिन सिंधिया के इस दावे को स्वास्थ्य मंत्रालय ने नकार दिया था.

ब्लड बैंकों में HIV की जांच करने के लिए सीमित संसाधन होते हैं, लिहाजा ब्लड ट्रांसफ्यूजन के चलते HIV फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
<b>सरकार का जवाब</b>

NACO ने रिपोर्ट पर सवाल उठाया

NACO ने अपनी ही रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि HIV ट्रांसमिशन रक्तदान के दौरान हुआ है.

रक्तदान से HIV संक्रमित होने की संभावना है, बनिस्बत इसके कि कोई कैसी जीवनशैली जी रहा है
जरीन भरूचा, फेडरेशन ऑफ बॉम्बे ब्लड बैंक्स के अध्यक्ष

भारत नबंर 3 पर

नैको की ही रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया के बाद भारत रोगियों की संख्या के मामले में नंबर 3 पर है. अस्पतालों में डोनेटेड ब्लड की एचआईवी , हेपेटाइटिस बी, सी और मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, क्योंकि महंगे होने के करण लोग ये टेस्ट नहीं कराते हैं और इन गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते है.

2007 के बाद HIV के मरीजों की संख्या में 5 प्रतिशत की कमी आई थी, लेकिन इसके बावजूद 86,000 नए संक्रमणों की भी रिपोर्ट सामने आई और 68,000 मौतें एड्स की वजह से हुई.

फोटो : नेशनल ऐड्स कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (NACO)

बावजूद इसके कि 2007 HIV रोगियों में 5 फीसदी आई कमी के बाद भी अब तक 86,000 नए सक्रंमण और एड्स के कारण सालाना 68,000 मौते अब भी होती हैं

दिसबंर 2015 में लोकसभा सत्र के दौरान सदन में बताया गया था कि भारत में 95 फीसदी HIV ट्रांसमिशन असुरक्षित यौन संबंध के कारण होता है.

फंड की कमी,अपर्याप्त सुविधा, स्वास्थ के साथ खिलवाड़

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ राज्यों एचआईवी टेस्ट सुविधाओं की कमी है. झारखंड के 24 जिलों में ब्लड टेस्ट की कोई सुविधा तक नहीं है.

एक अनुमान के अनुसार 19,800 एकीकृत परामर्श और परीक्षण केन्द्रों ( आईसीटीसी ) मे पिछले तीन साल में 4194 की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम NACP के नियमों के अनुसार , हर जिले में कम से कम 1 आईसीटीसी होना चाहिए.

सरकार ने पिछले दो साल की तुलना में NACP की 2014-2015 में वित्त पोषण में कटौती की और 2016-17 में जो कि 2013-14 के मुकाबले 3 प्रतिशत कम थी.

फोटो Union Budgets

दरअसल, इस समस्‍या से निपटने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बहुत ही जरूरी है. यही एक ऐसी चीज है, जिससे इस खतरे से वक्‍त रहते बचा जा सकता है.

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