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वायु प्रदूषण से बचाएंगे ये 5 प्राणायाम

प्राणायाम आपको प्रदूषण से लड़ने की ताकत देता है

नेहा वशिष्ठ
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आज प्रदूषण की समस्या मानवजाति के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है. वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और खाद्य पदार्थों में मिलावट समाज में बड़े स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर रहे हैं. पूरे विश्व की सरकारें और अन्य संबंधित प्राधिकरण इस संकट को नियंत्रित करने के लिए लगातार कोशिशों में जुटी हुए हैं.

जैविक और घर में उगाया गया अनाज खाद्य पदार्थों में मिलावट से बचने का उपाय हो सकता है. गर्म किया हुआ और आरओ से शुद्धित पानी जल प्रदूषण के लिए समाधान हो सकता है. मैं यहां कुछ ऐसे जादुई यौगिक मंत्रों के बारे में बता रहा हूं, जो वायु प्रदूषण से सुरक्षित रहने में आपकी मदद करते हैं.

जी हां, मेरे प्यारे दोस्तों यह बिल्कुल सही है. हमारी श्वसन प्रणाली को अंदर से मजबूत बनाने और उसे वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखने के लिए एक बहुत प्रभावी और चमत्कारिक हथियार है, जिसे प्राणायाम कहते हैं. यह पूर्णता वैज्ञानिक और कारगर साबित हुआ है. प्राणायाम का रोजाना अभ्यास मानव शरीर को केवल शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत और स्वस्थ रखता है. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए यहां प्रणायाम के कुछ तरीके बताए जा रहे हैं.

कपालभाति

(फोटो: iStock)

आरामदायक अवस्था में बैठें. गहरी सांस लें. इसके बाद नाक से सांस छोड़ें और इस दौरान जब भी सांस छोड़ें तो अपने पेट की मांसपेशियों को अंदर की तरफ खीचें. इसे लगातार 5 से 10 मिनट तक दोहराते रहें.

ध्यान दें : उच्च रक्तचाप के मरीजों को योगा के दौरान थक जाने पर बीच—बीच में गहरी सांस लेकर आराम करना चाहिए.

अनुलोम-विलोम

(फोटो: iStock)

इस आसन के लिए कपालभाती की अवस्था में ही बैठें. अब दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं नाक का नथुना बंद करें. बाएं नथुने से श्वास धीरे-धीरे भीतर लें और बाहर छोड़ें. अब मध्यमा ऊंगली या कनिष्का ऊंगली से अपना बाईं नाक का नथुना बंद करें और दाएं नथुने से धीरे-धीरे श्वांस लें और छोड़ें.

इसके बाद दोबारा बाएं नथुने से श्वांस लें और छोड़ें. करीब दस से पंद्रह मिनट तक इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें.

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सूर्यभेदी

(फोटो: iStock)

इस आसन के लिए अनुलोम-विलोम आसन वाली अवस्था में ही बैठें. अब धीरे_धीरे अपने दाएं हाथ की प्रथम उंगली और मध्यमा से बाए नथुने को बंद करें. फिर दाएं नथुने से गहरी श्वास अंदर खींचें. अब बाएं नथुने से श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें. पांच से दस मिनट तक इस आसन का अभ्यास करें.

ध्यान दें : इसे सर्दियों के मौसम में ही करें. उच्च रक्तचाप के मरीज इसे करने से बचें.

बाह्य प्राणायाम

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सामान्य स्थिति में बैठकर गहरी सांस लें. अब पूरी सांस को तीन बार रोकते हुए बाहर छोड़ें. शरीर से हवा पुश करने के लिए अपने पेट और डायाफ्राम का इस्तेमाल करें. लेकिन, ध्यान रखें श्वांस छोड़ना आपके लिए किसी भी स्थिति में असहज न रहे. अपनी ठोडी को अपने सीने से स्पर्श करें और अपने पेट को पूरी तरह से अंदर और थोड़ा ऊपर की ओर खींच लें.

अपनी क्षमता के हिसाब से इस स्थिति में बैठे रहें. फिर अपनी ठोडी धीरे से ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे में सांस लें. फेफड़ों को पूरी तरह से हवा से भर लें. तीन बार इस प्रक्रिया को दोहराएं.

महाप्राण ध्वनि

उसी अवस्था में बैठ जाएं. अब ‘हम्म्म्म’ मंत्र का उच्चारण करते हुए गहरी और लंबी श्वास लें और बाहर छोड़ें. इस मंत्र का उच्चारण करते हुए दस से पंद्रह मिनट तक यह आसन करें.

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Published: 22 Feb 2016,02:29 PM IST

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