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दुनिया का सबसे महंगा मशरूम नहीं बल्कि ये मशरूम खाते हैं पीएम

साथ ही आपको दुनिया के कुछ बेहतरीन मशरूम के बारे में बता ही देते हैं.

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दुनिया का सबसे महंगा मशरूम नहीं बल्कि ये मशरूम खाते हैं पीएम
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दुनिया का सबसे महंगा मशरूम नहीं बल्कि ये मशरूम खाते हैं पीएम
(फोटो: : iStock altered by The Quint)

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इन दिनों मशरूम के काफी चर्चे हो रहे हैं. हो भी क्यों न जब बात पीएम से जुड़ी हो तो सुर्खियां बनना तो लाजिमी है. गुजरात चुनाव प्रचार के अंतिम समय में अल्पेश ठाकोर ने जैसे ही मशरूम पर बयान दिया. हर जगह इसी के चर्चे शुरू हो गए.

अल्पेश ने कहा कि मशरूम खाने से ही पीएम मोदी का रंग गोरा हो गया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी दिन में 5 मशरूम खाते हैं और एक मशरूम की कीमत 80 हजार रुपये होती है.

जब बात मशरूम की उठी है तो, हम आपको दुनिया के कुछ ऐसे ही बेहतरीन मशरूम के बारे में बता ही देते हैं-

पीएम को 'गुच्छी' पसंद है..

ये बात सच है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मशरूम पसंद है. उन्होंने एक बार खुद भी बताया है कि उन्हें मशरूम पसंद है. लेकिन अल्पेश जिस ताईवान की मशरूम की बात कर रहे हैं, वो नहीं. बल्कि मोदी को भारत में पाया जाने वाला मशरूम पसंद है. पहाड़ों पर पाए जाने वाले इस मशरूम को 'गुच्छी' कहा जाता है. देश में विशेष रूप से ये हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के जंगलों में पाया जाता है.

इसकी कीमत 80 हजार रुपये किलो नहीं है. बल्कि आमतौर पर 10 हजार रुपये से 30 हजार किलो मिलती है.

पीएम मोदी जब विदेशी दौरे पर होते हैं, तो अक्सर उनके खाने के मेन्यू में वहां का लोकल मशरूम होता है. लेकिन अब तक पीएम मोदी न तो कभी ताईवान गए हैं और न ही उन्हें वहां के मशरूम पसंद है.

सबसे महंगा यूरोपियन ट्रफल

दुनिया का सबसे महंगा यूरोपियन ट्रफल, इसे आम तौर पर मशरूम कहा जाता है मगर ये मशरूम नहीं होता. दुनियाभर में ये काफी कम पाया जाता है. इस वजह से ये 7 से 8 लाख रुपये किलो तक मिलता है. इसे उगाया नहीं जाता है, बल्कि ये एक तरह का फंगस होता जो सैकड़ों साल पुराने ओक के पेड़ की जड़ों के आसपास खुद पैदा होती है.

ट्रफल को ज्यादा खाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसे खाने के लिए गार्निश यानी सजावट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

माटसुटेक

दुनिया की महंगी मशरूमों में से एक माटसुटेक है, इसकी कीमत 1 लाख से डेढ़ लाख रुपये प्रति किलो तक होती है. सितंबर और जनवरी के बीच हर साल, उत्तरी अमेरिका के वेस्ट कोस्ट पर बीनने वाले इस मसालेदार-महक वाले मशरूम की तलाश में निकलते हैं. इस मशरूम का बहुत बड़ा व्यवसाय होता है और ज्यादा डिमांड जापान में होती है. जापान में इसका इस्तेमाल स्वाद और अर्थ दोनों के लिए बेशकीमती है. वहां ये एक-दूसरे को उपहार के तौर पर दिया जाता है जिसे उर्वरता और खुशी के प्रतीक से जोड़ा जाता है.

(फोटो: Twitter)

भारत में पैदा होनेवाले मशरूम

बटन मशरूम

भारत में आमतौर पर सब्जी मार्केट में आसानी से जो मशरूम मिलता है, उसे बटन मशरूम के नाम से जाना जाता है. ये साधारण प्रजाति दुनिया भर में सबसे अधिक उगाए जाने वाले मशरूम में से एक है. लाखों लोग इसे हर दिन खाते हैं. ये शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. साथ ही इसमें एंटी-कैंसर यानी कैंसर से बचाने के भी गुण पाए जाते हैं. इसके सेवन से शरीर में विटामिन और मिनरल्स की भरपाई होती है.

(फोटो: Twitter)

ढिंगरी मशरूम

देश के पर्वतीय क्षेत्रों में इस प्रजाति के मशरूम की खेती होती है. आमतौर पर मार्च से अक्टूबर महीने तक इसकी खेती की जा सकती है. खाने में स्‍वादिष्‍ट, सुगन्धित, मुलायम और पोषक तत्‍वों से भरपूर होती है. इसमें फैट और शुगर कम होने के कारण ये मोटापे, डायबिटीज और ब्लडप्रेशर से परेशान लोगों के लिए एक आर्दश आहार है.

(फोटो: Twitter)

दूधिया मशरूम

दूधिया मशरूम प्रोटीनयुक्त और कम कैलोरी वाला होता है. ये विटामिन और मिनरल्स का अच्छा सोर्स है. खास बात ये है कि इसमें फैट कम और प्रोटीन ज्यादा होता है. इसमें स्टार्च नहीं होता इसलिए ये डायबिटीज के मरीजों को फायदा करता है. इस कारण इसे ‘डिलाइट आॅफ डाइबेटिक‘ भी कहा जाता है.

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Published: 17 Apr 2018,05:00 PM IST

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