मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या जहरीली हैं यमुना किनारे उगाई जा रही सब्जियां? हो रही है जांच

क्या जहरीली हैं यमुना किनारे उगाई जा रही सब्जियां? हो रही है जांच

कई रिपोर्ट में कहा जा चुका है कि यमुना किनारे उगाई जा रही फसलों में हैवी मेटल होते हैं.

फिट
फिट
Published:
TERI और NEERI इन दो संस्थाओं को इसका पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
i
TERI और NEERI इन दो संस्थाओं को इसका पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
(फोटो: iStock)

advertisement

यमुना नदी की साफ-सफाई पर निगरानी के लिए बनाई गई समिति ने राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute-NEERI) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को यमुना नदी के किनारे उगने वाली फल-सब्जियों और दूसरी फसलों की जांच के निर्देश दिए हैं. एचटी की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.

NEERI और CPCB इस बात की जांच करेंगे कि यमुना किनारे उगने वाली फसलें कितनी जहरीली हैं और इनका इस्तेमाल करने वाले लोगों की सेहत पर इसके क्या दुष्प्रभाव हो रहे हैं.

दोनों संस्थाओं को इस बात का पता लगाना है कि यमुना किनारे उगाए गए फल, सब्जियों में किस तरह के और कितनी मात्रा में हैवी मेटल और हानिकारक कीटनाशक हैं.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2018 में दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा और एनजीटी के पूर्व एक्सपर्ट मेंबर बी.एस. साजवान की कमेटी बनाई थी. इसी कमेटी ने यमुना नदी के आसपास बिक रहे फल, सब्जियों और दूसरी फसलों के सैंपल लेकर जांच करने और रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

दरअसल इस पर द एनर्जी रिसोर्स इंस्टीट्यूट (TERI) और एक एनजीओ टॉक्सिक लिंक की रिपोर्ट के हवाले से छपी खबरें आने के बाद समिति ने ये निर्देश दिया.

बता दें कि एनजीटी ने साल 2015 में एक फैसला देते हुए यमुना नदी के किनारे फल, सब्जियां और दूसरी खाद्य फसलों की खेती पर पाबंदी लगाई थी. इसके बावजूद यहां खाद्य फसलों की खेती जारी है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हालांकि इससे पहले इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के कई रिपोर्ट में इन सब्जियों में कीटनाशकों की मात्रा सुरक्षित सीमा में पाई गई है. इसके अलावा किसानों का कहना था कि वे सिंचाई के लिए यमुना के प्रदूषित पानी की बजाए भूमिगत जल का इस्तेमाल करते हैं. वहीं एक्सपर्ट का भी मानना था कि यमुना किनारे हर जगह का भूमिगत जल जहरीला नहीं है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT