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Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या प्लास्टिक के बर्तन आपको बीमार कर रहे हैं? 

क्या प्लास्टिक के बर्तन आपको बीमार कर रहे हैं? 

आप किसी प्लास्टिक के जहरीले तत्वों से मुक्त होने का 100 प्रतिशत भरोसा नहीं कर सकते.

डॉ. अश्विनी सेतिया
फिट
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क्या प्लास्टिक के बर्तन आपको बीमार कर रहे हैं
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क्या प्लास्टिक के बर्तन आपको बीमार कर रहे हैं
फोटो:Istock

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इसे पढ़ने के दौरान इस बात की पूरी संभावना है कि आप कुछ खा या पी रहे हैं, जो आपके खाने से कुछ समय पहले प्लास्टिक में रखा गया है. प्लास्टिक हर जगह मौजूद है. अपनी रसोई में देखें, आपके पानी की बोतल, डिनर की प्लेट, बच्चों के बर्तन, नॉन-स्टिक बर्तन, मसाला रखने से लेकर दाल, चावल और नमकीन तक. प्लास्टिक ने खाना और इसे स्टोर करना ज्यादा आसान बना दिया. लेकिन क्‍या यह आपको बीमार भी बना रहा है?

क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के बर्तनों में केमिकल की परत होती है, जो अक्सर आपके भोजन में घुल सकती है? इनमें से कई केमिकल जैसे बिस्फेनल- ए (बीपीए) और फ्थालेट्स, आपके शरीर के लिए अनजान हो सकते हैं.

सुरक्षित प्लास्टिक जैसी कोई चीज नहीं

यह सही बात है. आपके इस भ्रम को तोड़ने के लिए माफी, यहां तक कि जो उत्पाद 'माइक्रोवेव सेफ', 'बीपीए-फ्री' आदी कहे जाते हैं, वो सभी सिर्फ मार्केटिंग के तरीके हैं.

सच ये है कि प्लास्टिक बहुत बेहतरीन नहीं है, आप किसी प्लास्टिक के जहरीले तत्वों से मुक्त होने का 100 प्रतिशत भरोसा नहीं कर सकते.

सुरक्षित प्लास्टिक जैसी कोई चीज नहीं फोटो:Istock

जब आप खाना एक प्लास्टिक के बर्तन में माइक्रोवेव में रखते हैं, तो बहुत ही सूक्ष्म तरीके से प्लास्टिक की थोड़ी मात्रा घुलकर या ट्रांसफर होकर आपके खाने में आ जाती है.

उदाहरण के लिए, अगर आप प्लास्टिक के बर्तन या बोतल माइक्रोवेव में रखते हैं और उनमें गर्म लिक्विड या खाना डालते हैं, तो ठंडा इस्तेमाल करने के मुकाबले बीपीए 50 गुना ज्यादा तेजी से आपके खाने या ड्रिंक में घुल जाता है.

इस बात के भी प्रमाण हैं कि इस तरह के बर्तन होने पर केमिकल प्लास्टिक से जल्दी आपके खाने में घुल जाता है:

पुराना या स्क्रैच पड़ा हुआ

तैलीय, नमकीन या अम्लीय खाने के संपर्क में आता हो

​अक्सर डिशवॉशर में डालते हों

कठोर डिटरजेंट से धुलता हो

अब तक कोई रिसर्च नहीं है, जो यह बताए कि असलियत में हमारे शरीर में कितनी मात्रा में ये चीजें जाती हैं.

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बीपीए और फ्थालेट्स- आपके दुश्मन नंबर 1

बीपीए और फ्थालेट्स- आपके दुश्मन नंबर 1 फोटो:Istock

बीपीए (या बिस्फेनल ए) का इस्तेमाल कठोर, शुद्ध प्लास्टिक बनाने में किया जाता है. केन में आने वाले खाने के अंदर की लाइनिंग पर क्या ध्यान दिया है? ये बीपीए है एक केमिकल, जो एस्ट्रोजेन जैसे हार्मोन में बदलाव लाते देखा गया है. ये गंभीर बीमारियों- जैसे कैंसर व कार्डियोवस्क्युलर से जुड़ा हुआ है, हालांकि ऐसा निश्चित तौर पर नहीं कह सकते.

पशुओं पर किए गए कई अध्ययन दिखाते हैं कि बीपीए की ज्यादा मात्रा हार्मोन के कामों की नकल करती है और उन्हें बाधित करती है. विशेष रूप से एस्ट्रोजेन, जिसकी वजह से आपकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. इंसानों पर एक बड़े, अच्छी तरह से किए गए अध्ययन में सामने आया कि जिन लोगों के यूरिन में बीपीए का उच्च स्तर था, उनमें मधुमेह, दिल की बीमारी और लिवर के जहरीला होने की दर बहुत ज्यादा थी.

‘बीपीए मुक्त’ लेबल का कोई मतलब नहीं है. यह सिर्फ मार्केटिंग का तरीका है. लगातार हो रहे अध्ययनों से पता चलता है कि निर्माता बीपीए की जगह ऐसे मिलते-जुलते केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें जहरीले पदार्थों का स्तर एकसमान है. 

प्लास्टिक में दूसरा दुश्मन है एक समूह जिसे फ्थालेट्स कहते हैं. ये हर जगह हैं, यहां तक कि घर के अंदर की जिस हवा में आप सांस लेते हैं. बीपीए की तरह ये हार्मोन को बाधित करते हैं और पुरुषों की प्रजनन की क्षमता पर बहुत प्रभाव डालते हैं.

वयस्‍क पुरुषों के शरीर में फ्थालेट्स के उच्च स्तर और स्पर्म की संख्या व गुणवत्ता में कमी के बीच संबंध पाया गया है. उच्च फ्थालेट्स स्तर वाली मां से पैदा हुए बच्चों के जननांग में परिवर्तन की बात भी सामने आई है.

बात बस इतना ही नहीं है. पिछले कुछ सालों में शोधकर्ताओं ने फ्थालेट्स को अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, ब्रेस्ट कैंसर, मोटापे और टाइप 2 मधुमेह, कम आईक्यू, न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याओं, व्यवहार संबंधी समस्याओं, ऑटिज्‍म स्प्रैक्ट्रम डिसऑर्डर, ऑल्टर्ड रिप्रोडक्टिव डेवलपमेंट और पुरुषों की प्रजनन क्षमता संबंधी समस्याओं से भी जोड़ा है.

आपको क्या करना चाहिए?

प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम से कम करेंफोटो:Istock

यहां आपकी जिंदगी में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम से कम करने के कुछ तरीके दिए गए हैं:

मिनरल वॉटर की बोतल को एक बार ही इस्तेमाल करें. इन्हें हमेशा के लिए रिस्काइल करना बंद करें.

खरीदारी के लिए कपड़े के बैग का इस्तेमाल करें.

पॉलिकार्बोनेट (आमतौर पर नंबर 7 या पीसी अक्षरों से चिह्न‍ित) और पॉलिविनाइन क्लोराइड (नंबर 3 या पीवीसी से चिह्न‍ित) से बनी बोतलों और प्लास्टिक कंटेनर के इस्तेमाल से बचें.

ताजा खाना खाएं और केन में न रखें. बीपीए या ​प्रिजर्वेटिव्स की अत्यधिक मात्रा सारे पोषक तत्व खत्म कर सकती है.

बच्चों की बोतल का कम से कम इस्तेमाल करें. मां का दूध पिलाएं या पॉलिकार्बोनेट बोतल की बजाए कांच की बोतल का इस्तेमाल करें.

अपने नॉनस्टिक बर्तन को तेज आंच पर पहले गर्म न करें.

500 डिग्री से ज्यादा पर ओवन में नॉनस्टिक बर्तन को न रखें.

आपकी दादी कच्चे लोहे के बर्तनों को लेकर बिल्कुल सही थीं. ये सुरक्षित और बेहतर होते हैं.

माइक्रोवेव का कम इस्तेमाल करें. अगर नहीं छोड़ सकते, तो प्लास्टिक की बजाए पेपर टावल या सेरामिक या ग्लास प्लेट का इस्तेमाल करें.

प्लास्टिक के बजाए कांच या स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में खाना रखें.

स्क्रैच आए और घिसे हुए प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल छोड़ दें.

आधुनिक जीवन में प्लास्टिक के बिना नहीं रहा जा सकता. लेकिन, आपकी कार में लगे प्लास्टिक और आपके लंच बॉक्स के प्लास्टिक में भारी अंतर है. आप अपनी कार को खाते नहीं हैं.

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Published: 13 Sep 2017,08:17 AM IST

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