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बढ़ती उम्र के साथ गंभीर बीमारियों से बचे रहना और स्वस्थ जीवन जीने का सपना कई लोगों का होता है. उम्र बढ़ने के साथ ही याददाश्त कम होना, हड्डियां कमजोर होना, बालों का झड़ना और त्वचा पर झुर्रियां पड़ने जैसी कई समस्याओं का डर लगा रहता है.
हालांकि उम्र-संबंधी इन बदलाव और परेशानियों से बचना मुश्किल लग सकता है, लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखकर और कुछ स्टेप्स फॉलो कर उम्र संबंधी बीमारियों से दूरी बनाई जा सकती है. शारीरिक रूप से सक्रियता, स्वस्थ आहार और स्मार्ट जीवनशैली अपनाकर उम्र संबंधी स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सकता है.
हम यहां ऐसी ही कुछ बीमारियों और उससे बचने के उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिनका खतरा उम्र बढ़ने के साथ और बढ़ जाता है.
मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो लगातार बढ़ रही है. मोटापे से ग्रस्त लोग मेटाबॉलिक सिंड्रोम, हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस, हृदय रोग, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, कैंसर और नींद की दिक्कतों से परेशान रहते हैं.
एक स्वस्थ जीवनशैली हृदय रोगों के जोखिम को 80 प्रतिशत तक कम कर सकती है.
दिल को स्वस्थ रखने के लिये रोजाना ड्राईफ्रूट्स ( जैसे पांच बादाम, एक अखरोट और एक अंजीर) खाएं, वेजीटेबल जूस, जामुन और मछली को अपनी डाइट में शामिल करें.
अगर आपको एल्कोहल और स्मोकिंग की आदत है, तो पहले इसके सेवन में कटौती करें और धीरे-धीरे पूरी तरह से छोड़ने की कोशिश करें.
आपके शरीर में ऑक्सीजन को प्रभावी ढंग से पंप करने की आपके शरीर की क्षमता उम्र बढ़ने के साथ घट जाती है. इसलिए, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना महत्वपूर्ण है. यह रक्तचाप, तनाव और वजन को मैनेज करने में मदद करता है.
हमारे देश में बुजुर्गों की लगभग आधी आबादी इस बीमारी से प्रभावित है. इस बीमारी की वजह से जोड़ों और हड्डियों में दर्द रहता है. ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया का सबसे आम प्रकार है जो जोड़ों, आमतौर पर हाथ, घुटने, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है.
सही तरह के इलाज और जीवनशैली में बदलाव करके इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. गठिया को रोकने का सबसे अच्छा तरीका नियमित रूप से एक्सरसाइज करना है. संतुलित स्वास्थ्य के लिए वजन पर नजर रखना भी आवश्यक है.
ऑस्टियोपोरोसिस को 'साइलंट बीमारी' के तौर पर जाना जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस 50 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लगभग 4 करोड़ 40 लाख भारतीयों को प्रभावित करता है, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं. ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित व्यक्तियों में गिरने पर हड्डी टूटने की संभावना ज्यादा होती है.
ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिये कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा का सेवन करना होगा, उच्च अम्लीय कंटेंट वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करना होगा और वाष्पित पेय से बचना होगा क्योंकि वे रक्त प्रवाह में पेट से कैल्शियम के अवशोषण को कम करते हैं.
विटामिन डी, हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, विटामिन डी प्राप्त करने के लिय सूर्य की रोशनी (धूप) एक बेहतरीन सोर्स है. सुनिश्चित करें कि आप कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें या इसकी जगह कोई सप्लीमेंट लें (डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह ले कर).
अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए वजन वहन करने वाले एक्सरसाइज का अभ्यास करना शुरू करें.
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कैंसर होने का खतरा बढ़ता है. 50 साल की उम्र के बाद ये खतरा और बढ़ जाता है. राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, कैंसर के नये मरीजों में एक-चौथाई हिस्सा ऐसे लोगों का है, जिनकी उम्र 65 से 70 वर्ष है.
फेफड़ों के कैंसर को रोकने के लिए स्मोकिंग छोड़ना आवश्यक है. डाइट में, ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें, फल और हरी सब्जियों को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनाएं, फाइबर युक्त भोजन की मात्रा बढ़ाएं, अधिक मछली खाएं, पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करें, अपने भोजन में हल्दी का इस्तेमाल करें, लाल मांस खाने से बचें, शराब के सेवन को सीमित करें और ट्रांस फैट से दूर रहें.
देश में टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी गंभीर चिंता का विषय है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों में युवा और बुजुर्ग दोनों समान रूप से शामिल हैं.
सैचुरेटेड फैट और कम शुगर से युक्त स्वस्थ डाइट अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है.
सप्ताह में कम से कम 5 दिन 30 मिनट के लिए कार्डियो अभ्यास करने की आदत बनाएं. टहलना, तैराकी और साइकलिंग जैसी एक्सरसाइज ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित, वजन को संतुलित और शरीर को मजबूती देने में खासा मददगार हैं.
ऊपर दिये गए सभी तरीके उम्र बढ़ने के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए कारगर उपाय हैं. इन टिप्स को फॉलो कर आप स्वस्थ जीवन का सफर लंबे समय तक तय कर सकते हैं.
(सोनिया नारंग ओरिफ्लेम इंडिया में वेलनेस एक्सपर्ट हैं. वो स्वास्थ्य और पोषण पर लिखती और सलाह देती हैं. ऊपर व्यक्त किये गये विचार लेखिका के खुद के हैं. FIT ना तो इसकी पुष्टि करता है और ना ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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Published: 04 Sep 2018,10:41 AM IST