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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का अनुमान है कि हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे 60 करोड़ लोगों को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियक फेलियर का खतरा है.
हाई ब्लड प्रेशर की प्रमुख वजहों में अनहेल्दी खाना, गतिहीन जीवनशैली और तनाव है. हालांकि हम तनाव से पूरी तरह से छुटकारा नहीं पा सकते हैं, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने के लिए अपने खानपान और लाइफस्टाइल में कुछ सुधार जरूर कर सकते हैं. कुछ जड़ी बूटियों को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कर हमें खुशहाल और संतुलित जीवन जीने में मदद मिल सकती है.
ये तनाव को कम करने वाली एक जानी-मानी जड़ी बूटी है. ये तनाव वाले हार्मोन के लेवल को कम करके फोकस करने की शक्ति को बढ़ाती है. ब्राह्मी की पत्तियों का इस्तेमाल चाय बनाने के लिए किया जा सकता है, जो आपको शांत रखने तनाव दूर करने में मदद करती है.
भृंगराज चाय शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है यानी शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर करती है और ऑक्सिजन की सप्लाई बढ़ा कर दिमाग को ऊर्जा से भरती है. आप भृंगराज तेल का इस्तेमाल स्कैल्प (सिर) की मालिश के लिए भी कर सकते हैं, जिससे दिमाग और शरीर को सुकून मिलता है.
अश्वगंधा आराम की नींद को बढ़ावा देता है और नींद न आने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए शरीर में ऊर्जा को संतुलित करता है. ये स्टैमिना और एनर्जी बढ़ाता है. तनाव और एंग्जाइटी को कम करने के लिए अश्वगंधा की जड़ (सूखी हुई) का पाउडर नियमित रूप से रोजाना 1-2 चम्मच लें.
आंवला ब्लड प्रेशर को कम करने में बहुत असरदार साबित हुआ है. एक गिलास पानी के साथ आंवले का रस अगर खाली पेट पीया जाए तो लंबे वक्त तक कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं. यह हार्ट फेलियर और हाई ब्लड प्रेशर के एडवांस स्टेज जैसी परेशानियों को रोकने के लिए फलों में सबसे अच्छे माना जाता है. विटामिन C से भरपूर होने की वजह से ये रक्तवाहिकाओं को चौड़ा करने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है.
अर्जुन आज बेहद जानी-मानी जड़ी बूटी है. हार्ट और सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए इसके बहुत से प्रभावी मेडिसिनल इस्तेमाल हैं. इसीलिए इसे आयुर्वेद में दिल की बीमारियों के इलाज में काफी अहम माना जाता है.
शंखपुष्पी या श्यामकांता एक सदाबहार जड़ी बूटी है, इसके औषधीय फायदों की वजह से इसका इस्तेमाल किया जाता है. ये जड़ी बूटी हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए फायदेमंद है. इस जड़ी बूटी के पाउडर (2-3 gm) को दिन में तीन बार लें. शंखपुष्पी शर्बत को अकेले जड़ी बूटी के रूप में या दूसरी दवाओं के साथ सहायक के रूप में लिया जा सकता है.
(डॉ प्रताप चौहान जीवा आयुर्वेद के निदेशक, एक लेखक, पब्लिक स्पीकर और आयुर्वेदाचार्य हैं.)
(नोट: जड़ी बूटियों का इस्तेमाल खुद से इलाज के तौर पर बिल्कुल न करें.)
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Published: 17 May 2019,06:37 PM IST