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इंसान का दिमाग बेहद जटिल और व्यस्त अंग है. जब आप खाली बैठे होते हैं या सो रहे होते हैं, तो भी यह लगातार सोचने, प्रोसेसिंग करने, स्टोर करने, ट्रांसमिट करने, सूचना प्राप्त करने, सांस लेने, हार्ट बीट को नियमित करने, संवेदी अंगों में तालमेल बिठाने जैसे जरूरी काम कर रहा होता है.
इन सब कामों में निश्चित रूप से काफी ज्यादा एनर्जी खर्च होती है, लेकिन यह एनर्जी आती कहां से है? जो फूड हम खाते हैं उससे, और हमारे खानपान से ही फर्क पड़ता है.
जानिए उन फूड आइटम्स के बारे में जिन्हें अपनी डाइट में शामिल कर आप अपना दिमाग तेज कर सकते हैं.
दिमाग बहुत चर्बी वाला अंग है और इसको अपनी खुराक में नारियल तेल बहुत पसंद है. इसमें मौजूद मिडियम चेन ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) की भरपूर मात्रा दिमाग के लिए ईंधन की तरह काम करती है. यह दिमाग की कोशिकाओं को पोषण देती है, रक्त संचार बढ़ाती है और वो सारे अच्छे कोलेस्टेरॉल मुहैया कराता है, जिनकी दिमाग को जरूरत होती है.
अखरोट में भरपूर ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो दिमाग में उचित न्यूरॉन कनेक्शन और तंत्रिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है.
हल्दी नूट्रॉपिक (स्मार्ट ड्रग) के तौर पर काम करती है, जो दिमाग की क्षमता को बढ़ाती है. यह सप्लीमेंट के तौर पर दवा का काम करती है और आपके दिमाग को समय से पहले बूढ़ा होने से रोकती है.
इसमें पाया जाने वाला सक्रिय घटक करक्यूमिन, एंटी-इनफ्लेमेटरी होता है, जो फ्री रैडिकल्स का सफाया करता है.
ब्राह्मी और अश्वगंधा जैसी अनुकूलन गुण वाली जड़ी बूटियां सुरक्षित और प्रभावी हैं, क्योंकि यह शरीर की जरूरत के अनुसार ही अपना काम करती हैं.
अश्वगंधा मानसिक स्टेमिना बढ़ाने के लिए जानी जाती है और यह याददाश्त बढ़ाती है. इसी तरह ब्राह्मी से ज्ञानात्मक क्षमता, याददाश्त अच्छी होती है, बुद्धि तेज होती है, मन की शांति बढ़ती है और मूड अच्छा होता है.
चॉकलेट के सबसे शुरुआती और कच्चे रूप कोको में ‘परम आनंद के अणु’ एनंडामाइड का भंडार होता है, ‘प्रेम का यौगिक’ phenylethylamine, 'प्रसन्नता का अणु' सेरोटोनिन और एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन होता है, जो सेरोटोनिन का प्रारंभिक रूप है.
शरीर में मैग्नीशियम की कमी से एंग्जाइटी, बाईपोलर डिसऑर्डर, पैनिक अटैक और सीजोफ्रेनिया हो सकता है.
खमीर उठा कर तैयार किए गए (फर्मेंटेड) फूड्स जैसे कि चावल की कंजी, किमची, दही, सेब का सिरका आंत के गुड और बैड बैक्टीरिया के बीच संतुलन कायम करते हैं, जो कि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. यह विटामिन बी12 के उत्पादन में भी मदद करते हैं, जो नसों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.
हर जगह आसानी से मिलने वाले केले की ताकत को कम करके मत आंकिएगा. केले में भरपूर विटामिन बी-कॉम्पलेक्स, खासकर बी6 और मैग्नीशियम होता है, जो तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को शांत करता है. इसमें भारी मात्रा में ट्रिप्टोफन भी होता है, जो सेरोटोनिन में परिवर्तित हो जाता है, जिससे आपका मूड अच्छा होता है.
सही फूड एक तरफ जहां मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है, वहीं कई बार कुछ नहीं खाना और निश्चित अवधि के लिए व्रत रखने का भी बहुत फायदा है. इससे शरीर से सभी तरह के टॉक्सिन की सफाई में मदद मिलती है.
स्वच्छ शरीर का स्वच्छ दिमाग से सीधा संबंध है. व्रत रखने वाले शख्स को ध्यान लगाने में मदद मिलती है, सोच स्पष्ट होती है, वह अधिक सकारात्मक होता है और बेचैनी दूर होती है. यानी दिमाग और शरीर अच्छा बनाने के लिए जरूरी है कि सही समय पर सही फूड लिया जाए!
(ल्यूक कॉटिन्हो अल्टरनेटिव मेडिसिन (इंटिग्रेटिव और लाइफस्टाइल) में एमडी हैं. वे हॉलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट हैं, जो खास तरीकों से कैंसर के रोगियों की इस बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं.)
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Published: 10 Oct 2018,12:36 PM IST