advertisement
हर फूड को खाने का एक सही समय होता और उनमें से कुछ के लिए एक गलत समय भी होता है. यह पक्का करना जरूरी है कि आप जो भी चीजें खा रहे हैं, उसे सबसे अच्छे समय में खाकर उसका ज्यादा से ज्यादा फायदा हासिल करें.
दिन में, यह हाजमे में अपनी मददगार भूमिका के कारण, पाचन तंत्र को आराम देता है. यह एक प्रोबायोटिक फूड है जो हमारी आंत को मजबूत करता है. इसके अलावा यह आपको चुस्त और फुर्तीला रखते हुए दोपहर के अनमनेपन से उबरने में मदद करता है.
रात, लेकिन सिर्फ तभी अगर आपका शरीर सर्दी और खांसी के प्रति नाजुक है, तो यह बलगम बना सकता है. अगर आप ऐसे नहीं हैं, तो कोई भी समय अच्छा है.
रात में, क्योंकि इसे पचाना आसान होता है और इससे नींद भी अच्छी आती है. लेकिन कृपया अपने खाने की मात्रा को लेकर सावधान रहें; अगर आप चावल काफी ज्यादा मात्रा लेते हैं तो आपको तकलीफ दे सकता है.
दोपहर में, रिफाइंड होने के नाते ये अचानक शुगर लेवल बढ़ा सकता है और फिर कम कर सकता है और इससे आपको नींद भी आ सकती है.
सुबह, सेब के छिलके में फाइबर पेक्टिन होता है, जो मल त्याग में मदद करता है और कब्ज से बचाता है. इसके अलावा यह कार्सिनोजेन्स को खत्म करने में भी मदद करता है.
कोई भी समय गलत नहीं है; कभी भी खाया जा सकता है!
सुबह, सुबह चीनी का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर का इंसुलिन ज्यादा प्रभावी होता है और मेटाबॉलिज्म लेवल और एक्विटिवी लेवल ज्यादा होने के कारण हम इसे अच्छे से हजम कर सकते हैं.
रात, क्योंकि आपके ब्लड-शुगर लेवल में बढ़ोतरी आपके एनर्जी लेवल को बढ़ा व घटा सकती है, और ये घटना-बढ़ना आपकी नींद में खलल पैदा करेगी.
दोपहर, बहुत ज्यादा फाइबर वाला केला हाजमे में मदद करता है. इसके अलावा ये प्राकृतिक एंटासिड के रूप में काम करता है और पेट में जलन को शांत करने में मदद करता है. साथ ही निरंतर और धीमी एनर्जी देता है, जो आपको लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास देता है. यह एक सही प्री-वर्कआउट फूड भी है.
रात, रात में खाने से कुछ ज्यादा संवेदनशील लोगों में बलगम बन सकता है और जुकाम हो सकता है.
दोपहर और सुबह, ताकि ये ठीक से हजम हो जाए और गैस न बने.
रात, क्योंकि इसकी हाई फाइबर सामग्री को रात में पचाने में कुछ लोगों को मुश्किल हो सकती है और किसी तरह की गैस्ट्रिक समस्या पैदा हो सकती है.
रात में, सोने से पहले के नाश्ते के तौर पर, क्योंकि अच्छी नींद लाने में ये आपकी मदद करते हैं. सोने से पहले बस नियमित रूप से कुछ अखरोट खा लें क्योंकि रिसर्च से पता चला है कि अखरोट शरीर में मेलाटोनिन (नींद को नियंत्रित करने वाले एक हार्मोन) को बढ़ाता है.
कोई भी गलत समय नहीं है क्योंकि ये फायदों से लबरेज होते हैं: यह ओमेगा-3 फैट्स, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ई से भरपूर है और अक्ल बढ़ाने का जाना-माना फूड है.
सुबह, अंजीर और खुबानी खाने से मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और पाचन तंत्र सक्रिय होता है.
खाने के लिए सबसे गलत समय: रात, इन्हें रात में खाने से कुछ लोगों में अपच और गैस की परेशानी हो सकती है.
दिन की शुरुआत में, शाकाहारियों के लिए चीज़ प्रोटीन का बड़ा स्रोत है. अगर संतुलित मात्रा में खाया जाए तो यह कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत है.
शाम के बाद: हजम होने में भारी होने के कारण इससे अपच हो सकती है और शरीर का वजन बढ़ सकता है.
रात में, यह नींद लाने में मदद करता है. इसमें एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन भरपूर मात्रा में होता है, जो नींद लाने वाले दिमाग के केमिकल्स- सेरोटोनिन और मेलाटोनिन बनने में मदद करता है.
कोई गलत समय नहीं है, इसे दिन में कभी भी लिया जा सकता है.
सुबह या दोपहर, नींद को भगाने और शरीर को एनर्जी का डोज देने में कैफीन से भरपूर कॉफी मददगार होती है.
शाम 7 बजे के बाद कैफीन आपके नींद के साइकिल को अव्यवस्थित कर देगी और यहां तक कि शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है (रात में बार-बार उठ कर बाथरूम जाने के कारण).
रात में डिनर के बाद क्योंकि यह मेलाटोनिन का एक प्राकृतिक स्रोत है. मेलाटोनिन हमारे शरीर में एक हार्मोन है, जो नींद लाने में मदद करता है. अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद है.
दोपहर: आपको एकदम नींद आ सकती है.
(कविता देवगन दिल्ली में रहने वाली एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो किताबें Don’t Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico) और Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined