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ब्रेस्टफीडिंग या स्तनपान हर मां के लिए मुश्किल होता है. हर महिला के लिए यह मुश्किलें अलग-अलग तरह की होती हैं. लेकिन अगर आप सुबह 9 से शाम 5 बजे (या 11 बजे से शाम 7 बजे) तक जॉब करती हैं, तो यह चीजों को और अधिक मुश्किल बना देता है.
हालांकि, मैटरनिटी लीव से इसमें निश्चित रूप से मदद मिल जाती है लेकिन फिर से काम पर लौटने के बाद इसकी अपनी चुनौतियां हैं. कैसे मेरा दूध उतरना जारी रहेगा? कैसे मेरा बेबी बदलाव को अपनाएगा? क्या मैं एक कठोर मां हूं?
डब्ल्यूएचओ शिशु के जन्म के बाद पहले छह महीनों तक लगातार ब्रेस्टफीडिंग की सलाह देता है. अधिकतर मम्मियां अपने बच्चे को कम से एक साल तक ब्रेस्टफीडिंग का लक्ष्य रखती हैं. और साल भर के बीच में काम पर लौटना ही सभी कन्फ्यूजन का कारण बनता है.
लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है! एक वर्किंग मदर के रूप में ब्रेस्टफीडिंग कराते समय कुछ अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती है. आप निश्चित रूप से इसे कर सकती हैं, और एक बार जब आप रूटीन में आ जाती हैं तो यह आसान हो जाता है.
जब आप फिर से काम पर वापस जाने का निर्णय लेती हैं, तो सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने एम्पलॉयर से बात करें. अपने ऑर्गनाइजेशन की ब्रेस्टफीडिंग पॉलिसी, लैक्टेशन टाइम और उसके लिए जगह के बारे में पता लगाएं. आप फ्लेक्सी-टाइमिंग के लिए भी बात कर सकती हैं. जिसमें आप वीक में कुछ दिन घर से काम कर सकती हैं. या शायद कुछ महीनों के लिए पूरी तरह घर से ही काम कर सकें. अपने बॉस और टीम को बताएं कि आप हर 3-4 घंटे में 15-20 मिनट का ब्रेक, हर दिन कुछ समय के लिए लेंगी. इसमें किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता है.
कुछ तरीकें हैं जिससे काम करने के साथ ही ब्रेस्टफीडिंग कराई जा सकती है. एक तो जाहिर तौर पर है कि आप ऑफिस में ही मिल्क पंप करें और इसे बच्चे के लिए घर ले जाएं. दूसरा ऑप्शन ये है कि कोई ऑफिस में या काम पर बच्चे को आपके पास लाता है या आप डेकेयर में बच्चे के पास जाती हैं. कोई आपके पास बच्चा लेकर आए ये आइडल है लेकिन ये हमेशा प्रेक्टिकल नहीं है. दूसरी ओर, अगर आप ऑफिस के नजदीक डेकेयर खोज सकें, तो आप अपने ब्रेक का का यूज सीधे वहां जाकर बच्चे को दूध पिलाने में कर सकती हैं.
अगर आपने बच्चे को सिर्फ ब्रेस्टफीड कराया है, तो एडवांस में बोतल से दूध पिलाना एक अच्छा आइडिया है. हालांकि, निपल कन्फ्यूजन से बचने के लिए आपको 8 हफ्ते का समय पार करना है. पंप करने के बाद पहले से ही अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाएं ताकि जब उसे दिन में कई बार बोतल से दूध पिलाना पड़े तो उसे झटका ना लगे.
एक अच्छा पंप हर वर्किंग मदर और ब्रेस्टफीड कराने वाली मां का सबसे अच्छा दोस्त होता है. यह ऐसी चीज नहीं है, जिसमें आप कंजूसी करें क्योंकि यह आपकी प्रोडक्टिविटी और स्ट्रेल लेवल में अंतर पैदा कर सकता है. एक डबल पंप लें जो एक ही बार में दोनों ब्रेस्ट को पंप करेगा. इससे आपका टाइम भी बचता है. यह बैटरी से चलने वाला भी होना चाहिए. जिससे कि प्लग नहीं मिलने और लाइट नहीं होने पर भी आपका काम हो सके. बिना किसी शोर के काम करने वाला पंप एक बोनस है. एक ऐसा बैग सुनिश्चित करें, जिसमें आप पंप से जुड़े सभी सामान को ले जा सकें.
आपको गंदे बाथरूम में पंप नहीं करना चाहिए. कई एम्पलॉयर अब इस सच्चाई के प्रति सजग हो गए हैं. उन्होंने नई मॉम्स के लिए अपने बेबी की देखभाल करने या पंप करने के लिए जगह निर्धारित कर दी है. इसलिए पहले ही पता कर लें कि वह जगह कहां है. अगर ऐसे कमरे उपलब्ध नहीं हैं, तो आपको दूसरी जगह खोजनी पड़ सकती हैं, जहां जल्दी कोई ना आता हो.
जब आप एक दिन में कई बार पंप करना शुरू करेंगी तो आपको अपने वार्डरोब का पूरी तरह मेकओवर करने की जरूरत होगी. अगर आप अपने पंपिंग सेशन में पूरी तरह से अनड्रेस नहीं होना चाहती हैं तो बंद गले की ड्रेस या टॉप से बचें. आसानी से पंप करने के लिए रैप एक्सेसरीज, काउल नेक टॉप्स या बटन डाउन शर्ट्स पहनें. पंपिंग ब्रा को न भूलें, जो काम को बहुत आसान बना देती हैं. ड्रेस खराब होने की स्थिति में वर्कप्लेस पर कपड़ों का पूरा सेट साथ रखें.
स्तनपान करते समय काम पर वापस जाना एक बड़ा बदलाव लाने वाला होता है और बेबी से अलग होने से आपका स्ट्रेस बढ़ जाने वाला होता है. ऐसे में सुनिश्चित करें कि बेहतर पोषण से आपकी बॉडी इस बड़े बदलाव से निपटने के लिए तैयार हो. साबुत अनाज, प्रोटीन और ताजे फल और सब्जियां को अपनी डाइट में शामिल करें. साथ ही ऐसे फूड प्रोडक्ट्स लें, जो दूध बढ़ाने में मदद करते हैं.
सुनिश्चित करें कि आप अच्छी तरह से तैयार हों, जिससे कि आपका पम्पिंग शेड्यूल सुचारू रूप से चलता रहे. अपने बच्चे की फोटो को साथ रखें जिससे दूध निकालने में मदद मिल सके. अप्रत्याशित रिसाव या लीकेज से निपटने के लिए अतिरिक्त तौलिये और ब्रेस्ट पैड रखना सुनिश्चित करें. बोतल से लेकर पंप के पार्ट्स तक हर चीज का एक अतिरिक्त सेट खरीदना अच्छा आइडिया है.
जैसा कि बताया गया है, यह एक बड़ा बदलाव है. वास्तव में काम पर जाने से कई सप्ताह पहले ही घर पर इसे आजमा कर देखें. शेड्यूल के अनुसार पंप करें, इसे उसी तरह से स्टोर करें जैसे आप अपने वर्कप्लेस पर करती हैं और अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं. किसी अन्य से अपने बच्चे को दूध पिलाने को कहें और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं.
सुपर मॉम के मिथक को भूल जाइए- वह मौजूद नहीं है. पंप करना कठिन काम है और अगर आपका ऑफिस ऐसी परिस्थितियों से लैस नहीं है, तो आप पर एक शेड्यूल पर डटे रहने, एकांत स्थान खोजने, सब कुछ इकट्ठा करने और निकालने का एक्स्ट्रा स्ट्रेस है. और फिर भी यह सुनिश्चित करना है कि आप पीछे न हों. घर पर आपका समय आपके बेबी के लिए होना चाहिए, जो पूरे दिन आपसे दूर था. जब आप अपने बेबी के साथ स्पेशल टाइम को एंजॉय कर रही हैं तो वॉशिंग, स्टरलाइज करना और बाकी सब कुछ किसी और के लिए छोड़ दें.
(प्रतिभा पाल ने अपना बचपन ऐसी शानदार जगहों पर बिताया है, जिनके बारे में सिर्फ फौजियों के बच्चों ने ही सुना होगा. वह तरह-तरह की किताबों को पढ़ते हुए बड़ी हुई हैं. जब वो अपने पाठकों के साथ शेयर करने के लिए किसी DIY रेसिपी तैयार करने का काम नहीं कर रही होती हैं, तब प्रतिभा सोशल मीडिया पर अपनी लेखन कला का जादू बिखेर रही होती हैं. आप उनके ब्लॉग www.pratsmusings.com पर पढ़ सकते हैं या उनसे @myepica पर ट्विटर पर संपर्क कर सकते हैं.)
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Published: 06 Aug 2019,10:17 AM IST