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कार्डियक अरेस्ट से कितना अलग है हार्ट अटैक, फर्क जानना जरूरी

किसी शख्स को कार्डियक समस्याओं की कोई हिस्ट्री नहीं हो,तो भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है

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कार्डियक अरेस्ट हमेशा हार्ट अटैक नहीं होता
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कार्डियक अरेस्ट हमेशा हार्ट अटैक नहीं होता
फोटो:iStock 

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श्रीदेवी सिर्फ 54 साल की थीं. वे फिट थीं और जब-तब अपने वर्कआउट की तस्वीरें पोस्ट किया करती थीं. डांसर तो वह पूरी जिंदगी रहीं. शुरुआती रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई. बाद में फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया कि बाथटब में डूबने से उनकी मौत हुई.

लेकिन शुरुआती चर्चाओं ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया, क्या कोई शख्स अपनी सेहत के सबसे अच्छे दौर में भी दिल की बीमारी का शिकार हो सकता है? फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ. अशोक सेठ कहते हैं कि सेहतमंद दिख रहे किसी शख्स की भी धमनियों (आर्टिरीज) में ब्लॉकेज हो सकता है.

तो आइये उन कारणों की पड़ताल करते हैं कि कोई पूरी तरह सेहतमंद शख्स किस तरह दिल की बीमारी का शिकार हो सकता है.

(फोटो: iStock)
यह<i> </i>देख<i> </i>कर<i> </i>सदमा<i> </i>लगा<i> </i>कि<i> </i>ऐसी<i> </i>शख्सियत<i> </i>जो<i> </i>ऐसा<i> </i>सेहतमंद<i> </i>जीवन<i> </i>जी<i> </i>रही<i> </i>थीं<i>, </i>अपनी<i> </i>डाइट<i> </i>और<i> </i>फिटनेस<i></i>का<i> </i>बहुत<i> </i>गंभीरता<i> </i>से<i> </i>खयाल रखती<i> </i>थीं<i>, </i>उनका<i> </i>इस<i> </i>तरह<i> </i>असमय<i> </i>निधन<i> </i>हो<i> </i>गया<i>. </i>लेकिन<i> </i>जब<i> </i>किसी<i> </i>की<i></i>अचानक<i> </i>कार्डियक<i> </i>अरेस्ट<i> </i>से<i> </i>मौत<i> </i>होती<i> </i>है<i>, </i>तो<i> </i>इसका<i> </i>कारण<i> </i>हार्ट<i> </i>अटैक<i> </i>या<i> </i>किसी<i> </i>कारण<i> </i>से<i> </i>हार्ट<i> </i>की<i> </i>रफ्तार <i></i>बिगड़ना<i> </i>हो<i> </i>सकता<i> </i>है<i>. 10 </i>में<i> </i>से<i> 8 </i>बार<i> </i>कार्डियक<i> </i>अरेस्ट<i> </i>का<i> </i>कारण<i> </i>हार्ट<i> </i>अटैक<i> </i>होता<i> </i>है<i>.</i>
डॉ. अशोक सेठ, फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के हेड

कार्डियक अरेस्ट शब्द का इस्तेमाल बड़ी अस्पष्टता से किया जाता है. बहुत कम स्थितियों में ऐसा भी हो सकता है कि दिमाग में अचानक रक्तस्राव से कार्डियक अरेस्ट हो जाए.

डॉ. सेठ कहते हैं कि ऐसे हालात में पहला सवाल उठता है कि क्या यह शख्स हर साल जरूरी कार्डियक चेकअप कराता था. ऐसे ब्लॉकेज सिर्फ स्पेशलाइज्ड कार्डियक टेस्टमें पकड़ में आते हैं, जिन्हें हर साल कराने की सलाह दी जाती है. भारतीयों में पहले से ही कोरोनरी आर्टरी बीमारियों का शिकार होने की प्रवृत्ति होती है. यहां तक कि अगरहम नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हों और बहुत अच्छे हाल में, तो भी नहीं बताया जा सकता कि दिल के अंदर क्या चल रहा है.

यह जरूरी बात जरूर याद रखनी चाहिए कि किसी शख्स को कार्डियक समस्याओं की कोई हिस्ट्री नहीं हो,तो भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. आर्टिरीज ब्लॉकेज 80-90 फीसद तक पहुंच जाने के बाद ही इसकापता चल पाता है. एक चौथाई लोग काफी ज्यादा और गंभीर ब्लॉकेज हो जाने के बाद भी किसी तरह कीपरेशानी नहीं महसूस करते.
(फोटो: iStock)
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कार्डियक अरेस्ट हमेशा हार्ट अटैक नहीं होता

मेयो क्लीनिक के अनुसार हार्ट अटैक कोरोनरी आर्टिरीज में ब्लॉकेज से, जो कि दिल को रक्त प्रवाह रोक देता है, होता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है, जिसमेंअप्रत्याशित तरीके से दिल काम करना बंद कर देता है, सांस लेना थम जाता है या बेहोशी आ जाती है. इसका कारण आपके दिल में इलेक्ट्रिकल डिसटर्बेंस से पंपिंग कार्यरुक जाना हो सकता है, जिससे बाकी शरीर में रक्त का प्रवाह रुक जाता है.

इस मामले में यह भी हो सकता है कि आपकी आर्टिरीज में ब्लॉकेज कतई ना हो. इसके लक्षण इस तरह हैंः

धड़कन नहीं होना

अचानक गिर जाना

सांस ना आना

बेहोशी

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डॉक्टरों का कहना है कि कई लक्षण होते हैं, जिन पर चेत जाना चाहिए, लेकिन लोग इनकी अनदेखी कर देते हैं. इनमें थकान, चक्कर आना, छोटी-छोटी सांसें लेना,कमजोरी, तेज धड़कन और उलटी आना शामिल हैं. लेकिन उनका यह भी कहना है कि कार्डियक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के भी हो सकता है. ऐसी तकरीबन आधीमौतों में कोई भी जाना-पहचाना कारण मौजूद नहीं था.

(ये खबर FIT से ली गई है)

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Published: 27 Feb 2018,10:18 PM IST

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