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आपके मन में सेक्सुअल रिलेशनशिप या यौन स्वास्थ्य से जुड़ा कोई सवाल है, लेकिन इसके बारे में किसी से खुलकर बात करने में आपको झिझक महसूस हो रही है. फिर आप अपनी जिज्ञासा कैसे शांत करेंगे?
सेक्सुअल हेल्थ पर किसी भी तरह की सलाह या सूचना के लिए युवा लोग आम तौर पर अपने दोस्तों से संपर्क करते हैं, लेकिन क्या ये सलाह सही होती है?
हम सभी जानते हैं कि इन विषयों पर सही जानकारी और जागरुकता कितनी जरूरी है.
इसका नाम डॉ स्नेहा चैटबॉट है. डॉ स्नेहा दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' की एक लोकप्रिय पात्र है, जिसका मकसद स्वच्छता, लैंगिक समानता, यौन शिक्षा, यौन स्वास्थ्य और अधिकारों जैसे मुद्दों पर लोगों को शिक्षित करना है.
डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म 'प्रैक्टो' के 'इंडियाज एनुअल हेल्थकेयर मैप' में बताया गया है कि साल 2018 में 2017 के मुकाबले इंटरनेट पर सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी पूछताछ में 268 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में मांगे गए कुल ऑनलाइन परामर्शों में 31.6 प्रतिशत मामले सेक्सुअल हेल्थ से जुड़े थे. हालांकि यौन जरूरतें और इससे जुड़े सवालों पर पुरुषों की तुलना में महिलाएं उतनी मुखर नहीं हैं.
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पूनम मुत्रेजा बताती हैं कि हमारे समाज में यौन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन पर अभी भी चुप्पी है. स्कूल के पाठ्यक्रम में या माता-पिता से किशोर-किशोरियों को इस विषय पर जानकारी नहीं मिलती क्योंकि इन विषयों पर बात करना ही गलत समझा जाता है.
चैटबॉट पर किशोर-किशोरियां यौन स्वास्थ्य और अपने अधिकारों के बारे में सही और विश्वसनीय जानकारी ले सकते हैं और क्योंकि ये पर्सनल चैट होती है, तो उन्हें इस बात का विश्वास होता है कि उनकी इन विषयों पर जिज्ञासा का कोई गलत मतलब नहीं लिया जाएगा.
चैटबॉट के जरिए सेक्सुअल हेल्थ के प्रति जागरुकता फैलाने का मकसद कहां तक पूरा होगा, इस सवाल पर पूनम मुत्रेजा कहती हैं कि भारत में आज मोबाइल फोन और डाटा का इस्तेमाल कई गुना बढ़ गया है. 2017 के ग्लोबल मोबाइल स्टडी के अनुसार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में 75 प्रतिशत लोग 35 साल से कम उम्र के हैं. फेसबुक पर 10 में से 9 लोग 35 से कम उम्र के हैं. इन सबको ध्यान में रखते हुए चैटबॉट को फेसबुक पर एंबेड किया गया.
चैटबॉट वीडियोज, सवाल-जवाब और कहानियों के माध्यम से यौन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देती है. पूनम मुत्रेजा के मुताबिक चैटबॉट पर क्विज और वीडियो सबसे अधिक पसंद किए जा रहे हैं, इन्हें लोग अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर रहे हैं.
चैटबॉट पर हम लोगों से उनकी अपनी कहानी और प्रतिक्रिया भी मांगते हैं. कोई सवाल पूछने पर चैटबॉट उपयुक्त अनुभाग पर ले जाती है. जैसे-जैसे चैटबॉट का प्रयोग बढ़ेगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से चैटबॉट की दक्षता बढ़ती जाएगी.
इस चैटबॉट को तैयार करने वाली कृति शर्मा कहती हैं कि ये चैटबॉट युवाओं को यौन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी पाने में सशक्त कर रहा है. इससे वे सूझ-बूझ से अपने जीवन के बारे में निर्णय ले पाएंगे. उन्हें सही जानकारी और यौन स्वास्थ्य के बारे में प्रचलित मिथकों के बारे में चैटबॉट से सही ज्ञान प्राप्त होता है.
सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर जानकारी और जागरुकता फैलाने की दिशा में इस चैटबॉट की क्षमता को देखते हुए मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने बॉट को जनसंख्या स्थिरता कोश (JSK) के नेशनल टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800 111 6555 से लिंक करने की मंजूरी दी है.
आप चैटबॉट पर डॉ स्नेहा से यहां चैट कर सकते हैं.
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