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चिकनगुनिया के दर्द से उबरने के लिए आजमाएं ये बेहद आसान तरीका

चिकनगुनिया के बुखार और दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. चिकनगुनिया का कोई खास इलाज या टीका नहीं है.

पूजा मेहरोत्रा
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चिकनगुनिया के बुखार में एहतियात  ही इलाज है (फोटो: iStockphoto)
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चिकनगुनिया के बुखार में एहतियात ही इलाज है (फोटो: iStockphoto)
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बुखार से सिरदर्द और बदन दर्द होता है, लेकिन अगर बुखार चिकनगुनिया या डेंगू के कारण हो, तो शरीर का हर अंग और हर जोड़ दर्द करता है.

चि‍कनगुनिया का मरीज बुखार से ठीक होने के बाद भी जोड़ो में होने वाले दर्द की वजह से 15 से 20 दिनों तक ठीक से चल फिर नहीं पाता. कभी-कभी ये दर्द साल भर तक रहता है और बार-बार उभरता भी है. ऐसी कई शिकायत के साथ लोग डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं.

वायरल और चिकनगुनिया की पहचान है संभव

वायरल फीवर और चिकनगुनिया के दर्द की पहचान भी अलग-अलग की जा सकती है. वायरल का दर्द मसल्स में होता है और चिकनगुनिया शरीर के हर एक जोड़ में दर्द देता है.चाहे वो हाथों की उंगलियों का हर एक जोड़ हो या फिर कुहनियां.

चिकनगुनिया से पंजे, घुटना, तलवा, हथेली, गर्दन या फिर एड़ी में दर्द इतना होता है कि चलना-फिरना तक मुहाल हो जाता है. यहा तक की जोड़ों में तक सूजन आ जाती है.

  • चिकनगुनिया से रिकवरी इम्यून सिस्टम पर निर्भर करती है.
  • चिकनगुनिया का दर्द 2-3 हफ्ते से लेकर करीब साल तक चल सकता है.
  • अगर ठीक तरीके से देखभाल की जाए, तो मरीज को 2-3 हफ्ते में ठीक हो जाते हैं.
  • 20-30 फीसदी मरीजों का दर्द ठीक होने में 1-2 महीने या साल भर का वक्त लगता लग सकता है.
  • ऐसे मरीजों को दर्द के साथ बुखार भी हो सकता है.

एहतियात ही इलाज है

चिकनगुनिया के मरीजों को साधारण पारासिटामोल, ताकत विटामिन की दवाएं दी जाती हैं. चूंकि इस बुखार में दर्द बहुत होता है, इसलिए अक्सर मरीज पेनकिलर खा लेते हैं.

ऐसे बुखार में पेनकिलर खाने से बचना चाहिए. पेनकिलर का सीधा असर शरीर के दूसरे अंगों पर होता है और किडनी तक खराब होने का डर रहता है.

चिकनगुनिया के बुखार और दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. चिकनगुनिया का कोई इलाज या टीकाकरण नहीं है.
डॉ. जीपी डुरेजा, दिल्ली पेन मैनेजमेंट के डायरेक्टर

डायबिटीज और हार्ट के मरीज खुद से न लें दवाएं

डायबिटीज और हार्ट के मरीजों को चिकनगुनिया का बुखार है, तो वे खुद से दवाएं बिलकुल न लें. अगर किसी मरीज को जोड़ों में ज्यादा दर्द है और कई दिनों तक है, तो उन्हें नजरअंदाज न करते हुए स्पेशलिस्ट से मिलें.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार,चिकनगुनिया के मरीज को घर पर आराम करने से देखभाल शुरू करनी चाहिए. इससे शरीर को आराम मिलता है. वह ऐसे वातावरण में आराम करें, जहां ज्यादा नमी या गरमी न हो. नमी और गरमी से जोड़ों का दर्द और बढ़ सकता है .

डॉ. डुरेजा बताते हैं कि अगर इस दर्द को ज्यादा समय तक नजरअंदाज किया जाए, तो यह शरीर में स्थायी रूप धारण कर लेता है.

दर्द से निपटने के उपाय :

बर्फ का पैक लगाएं: ठंडा आइस पैक लगाने से दर्द व सूजन काम होती है. एक कपड़े या तौलिये में बर्फ को लपेट कर सूजन वाले क्षेत्रों पर रखने से काफी राहत मिलती है.

अगर दर्द हल्का है और अकड़न ज्यादा है तो गर्म थैली से सिकाई करनी चाहिए.

दर्द की दवा लीजिए: पेरासिटामोल या एसिटामिनोफेन से बुखार और जोड़ों का दर्द कम होता है.

चिकनगुनिया में पेनकिलर नुकसानदायक हो सकती हैं. मरीज को दिनभर में कम से कम 4 लीटर पानी पीना चाहिए.

सरल व्यायाम कीजिए: सरल व्यायाम, जैसे की कुर्सी पर बैठकर टांगें सीधी करना या उठकर सीधे खड़े होकर पैर ऊपर की और उठाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों का दर्द कम होता है.

ऐसे मरीजों को सुबह व्यायाम करने से सबसे ज्यादा लाभ मिलता है.

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