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वो चीज जो डायबिटीज को आपसे दूर सकती है, ठीक आपकी कॉफी टेबल के ऊपर रखी है!
डेनमार्क में वैज्ञानिकों ने लैब में चूहों पर किए गए परीक्षण में पाया गया कि कॉफी में पाया जाने वाला तत्व ‘कैफेस्टोल’ टाइप-2 डायबिटीज के पैदा होने की रफ्तार को धीमा कर सकता है, इससे कोषिकाओं की कार्यप्रणाली और इंसुलिन सेंसटिविटी को सुधारा सकता है.
नई स्टडी में ये पता चला है कि दुनिया भर में ब्रेकफास्ट का हिस्सा समझी जाने वाली कॉफी को हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है.
शोधकर्ताओं ने पूर्व में भी ऐसे तत्व की पहचान की थी जो डायबिटीज की बीमारी पैदा होने के खतरे को कम कर सकता है, लेकिन ‘कैफेस्टॉल’ ऐसा तत्व है जिसका अभी तक परीक्षण नहीं किया गया है.
अपने स्टडी में शोधकर्ता देखना चाहते थे कि क्या ‘कैफेस्टोल’ टाइप-2 डायबिटीज के पैदा होने को रोक सकता है या इसके पैदा होने की रफ्तार को कम कर सकता है. ये नतीजे अमेरिकन केमिकल सोसायटी जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स में प्रकाशित हुए हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार,
वैज्ञानिकों ने अपने स्टडी के लिए KKAy चूहों की प्रजाति का चुनाव किया, जिसमें डायबिटीज होने की टेंडेंसी होती है. 47 नर चूहों को दो समूहों- ट्रीटमेंट और कंट्रोल ग्रुप में बांट दिया गया.
सभी चूहों को सामान्य खाना दिया गया, ट्रीटमेंट ग्रुप के चूहों को दस हफ्ते तक रोजाना ‘कैफेस्टोल’ दिया गया. कंट्रोल ग्रुप के चूहों को ‘कैफेस्टोल’ नहीं दिया गया. अंत में जीन एक्सप्रेशन के परीक्षण के लिए फास्टिंग ग्लूकोज, ग्लूकाजन और इंसुलिन के अलावा लिवर, मांसपेशियों और फैट टिश्यूज के सैंपल लिए गए.
शोधकर्ताओं ने Langerhans- जो कि इंसुलिन का उत्सर्जन करता है- के islets को अलग किया, और उनकी इंसुलिन स्राव क्षमता को मापा.
“हाई-कैफेस्टोल समूह में फास्टिंग ग्लूकाजन 20 फीसद कम था और इंसुलिन सेंसटिविटी 42 फीसद सुधर गई थी. कैफेस्टोल ने कंट्रोल ग्रुप की तुलना में islets से इंसुलिन स्राव 75-87 फीसद बढ़ा दिया था. ”
शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि कैफेस्टोल ने चूहों में एंटी-डायबिटिक गुण पैदा कर दिए हैं. “इस तरह कॉफी पीनेवालों में कैफेस्टोल टाइप-2 डायबिटीज पैदा होने का खतरा कम करने में मददगार हो सकता है और दवा उत्पादन के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए इंसानों में डायबिटीज को रोकने या ठीक करने की दवा बनाने में मददगार हो सकता है”.
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