मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019COVID-19: कोरोना वैक्सीन की रेस में अब तक कौन है सबसे आगे?

COVID-19: कोरोना वैक्सीन की रेस में अब तक कौन है सबसे आगे?

ह्यूमन ट्रायल के फाइनल स्टेज में 3 कैंडिडेट वैक्सीन

सुरभ‍ि गुप्‍ता
फिट
Updated:
नोवल कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 के खिलाफ कुल 163 कैंडिडेट वैक्सीन पर काम चल रहा है.
i
नोवल कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 के खिलाफ कुल 163 कैंडिडेट वैक्सीन पर काम चल रहा है.
(फोटो: iStock)

advertisement

कोरोना की वैक्सीन को लेकर हाल ही में खबर आई कि रूस की सेचेनोफ यूनिवर्सिटी ने वॉलंटियर्स पर क्लीनिकल टेस्ट पूरा कर लिया है और जल्द ही इस वैक्सीन का बड़े स्तर पर प्रोडक्शन शुरू होगा.

हालांकि रूस की वैक्सीन के जिन नतीजों की चर्चा हुई, वो क्लीनिकल ट्रायल के पहले फेज के हैं, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि वैक्सीन इंसानों के लिए सुरक्षित है या नहीं.

यहां हम आपको उन कैंडिडेट वैक्सीन की जानकारी दे रहे हैं, जो असल में कोरोना वैक्सीन की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की ओर से वैक्सीन कैंडिडेट को लेकर जारी 15 जुलाई के ड्राफ्ट में बताया गया है कि 23 वैक्सीन कैंडिडेट का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है.

आपको बता दें कि किसी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी चार फेज में होता है और हर फेज में इसकी सेफ्टी, असर, टॉक्सिसिटी और इम्युन सिस्टम को एक्टिवेट करने की क्षमता परखी जाती है.

(सोर्स: विश्व स्वास्थ्य संगठन)

कोरोना वैक्सीन: ह्यूमन ट्रायल के फाइनल स्टेज में ये 3 कैंडिडेट वैक्सीन

1. सिनोवैक की CoronaVac

चीन की सिनोवैक को ब्राजील में कोरोना वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल के तीसरे फेज की मंजूरी मिल चुकी है. इस वैक्सीन को SARS-CoV-2 के इनएक्टिवेटेड स्ट्रेन से तैयार किया गया है.

2. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ChAdOx1 nCoV-19

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्‍सीन ChAdOx1 nCoV-19 क्लीनिकल ट्रायल के फाइनल स्‍टेज में है. इसका ट्रायल ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील में भी हो रहा है.

3. मॉडर्ना की mRNA-1273

अमेरिका में, बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के साथ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीज (NIAID) वैक्सीन mRNA-1273 बना रहा है. ये mRNA आधारित वैक्सीन है.

mRNA - या मैसेंजर RNA - एक अणु (molecule) है, जो एक खास क्रम में जुड़े न्यूक्लियोटाइड से बना होता है, जो कोशिकाओं के लिए आनुवंशिक जानकारी भेजता है ताकि mRNA द्वारा एन्कोड किए गए प्रोटीन या एंटीजन प्रोड्यूस किया जा सके. एक बार वैक्सीन का mRNA शरीर की कोशिकाओं के अंदर जाता है, तो कोशिकाएं mRNA वैक्सीन के एन्कोड किए गए एंटीजन का उत्पादन करती हैं. एंटीजन तब कोशिका की सतह पर दिखते हैं, शरीर का इम्युन सिस्टम उनकी पहचान कर प्रतिक्रिया करता है, जिसमें एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडी का प्रोडक्शन शामिल है.

इस कैंडिडेट वैक्सीन में जो mRNA है, वो कोशिकाओं को वही प्रोटीन (स्पाइक प्रोटीन) बनाने का निर्देश देता है, जिसकी पहचान वैज्ञानिकों ने वायरस की सतह पर की है.

मॉडर्ना ने 8 जुलाई को अपनी फेज 2 स्टडी के लिए नामांकन पूरा किया है.

वहीं द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश शुरुआती चरण (फेज 1) के डेटा में बताया गया है कि इस वैक्सीन से ऐसी एंटीबॉडीज प्रोड्यूस होती हैं, जो कोरोना वायरस को न्यूट्रालाइज कर सकती हैं.

अब मॉडर्ना ने 30 हजार पार्टिसिपेंट्स के साथ 27 जुलाई से फेज 3 का ट्रायल शुरू करने की भी योजना बनाई है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कोरोना वैक्सीन: ह्यूमन ट्रायल के फेज 2 में ये दो कैंडिडेट वैक्सीन

1. CanSino Biologics / बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की Ad5-nCoV

चीनी वैक्सीन कंपनी CanSino Biologics और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज की वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे फेज में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेज 2 के नतीजे भरोसा देने वाले रहे हैं, हालांकि इसके नतीजे अभी पब्लिश होने बाकी हैं.

2. रिकॉम्बिनेंट न्यू कोरोनावायरस वैक्सीन

Anhui Zhifei Longcom बायोफार्मास्युटिकल और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टिट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की रिकॉम्बिनेंट न्यू कोरोनावायरस वैक्सीन के फेज 2 ट्रायल में 900 पार्टिसिपेंट्स को शामिल किया गया है.

कोरोना वैक्सीन: ह्यूमन ट्रायल के फेज 1/2 में कैंडिडेट वैक्सीन

WHO के मुताबिक 8 वैक्सीन कैंडिडेट फेज 1/2 में हैं, जिसमें भारत बायोटेक की वैक्सीन, Pfizer और BioNTech की वैक्सीन भी शामिल है.

वैक्सीन डेवलपमेंट में तेजी लाने के लिए ह्यूमन ट्रायल का फेज 1 और फेज 2 कंबाइन भी किया जा रहा है.

Pfizer और BioNTech की वैक्सीन को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से फास्ट ट्रैक डेजिग्नेशन दे दिया गया है. फास्ट ट्रैक की प्रक्रिया किसी दवा और वैक्सीन के विकास में अपनाई जाती है.

वहीं 10 कैंडिडेट वैक्सीन पहले फेज में हैं, जिसमें इम्पिरियल कॉलेज लंदन और रूस के गेमली इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के कैंडिडेट वैक्सीन भी शामिल है.

15 जुलाई, 2020 तक 140 कैंडिडेट वैक्सीन प्री-क्लीनिकल इवैल्यूएशन में हैं. इस तरह नोवल कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 के खिलाफ कुल 163 कैंडिडेट वैक्सीन पर काम चल रहा है.

भारत की अपनी वैक्सीन का हाल

भारत में दो कैंडिडेट वैक्सीन पर काम चल रहा है:

  1. भारत बायोटेक की Covaxin
  2. जायडस कैडिला की ZyCoV-D

इन दोनों कैंडिडेट वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल इसी महीने जुलाई में शुरू हो रहा है.

भारत बायोटेक की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए सैंपल साइज 1125 तय किया गया है यानी कुल 1,125 स्वस्थ वॉलंटियर्स पर ट्रायल होगा. फेज 1 की स्टडी में 375 वॉलंटियर्स और फेज 2 में 750 वालंटियर्स होंगे.

जायडस कैडिला की ZyCoV-D को ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. इनकी स्टडी डिजाइन के मुताबिक फेज 1 में 48 लोगों और फेज 2 में 1 हजार लोगों को शामिल किया जाएगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 16 Jul 2020,12:50 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT