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साल के शुरुआती सात महीनों में पूरे श्रीलंका में डेंगू वायरस के फैलने से 47 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200,000 लोग इसकी चपेट में आ गए हैं. यह आंकड़े सरकार ने जारी किए हैं.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, "जुलाई के अंत तक डेंगू के 234,078 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे अधिक मामले जिला कोलंबो के और फिर गमपाहा और कलुतारा जिले के हैं."
सरकार की एपिडेमीलॉजी यूनिट का कहना है कि हाई रिस्क क्षेत्रों में पांच जिले- कोलंबो, गमपाहा गल्ले, कलुताका और रत्नापुर शामिल हैं.
एपिडेमीलॉजिस्ट ने कहा, "सभी डेंगू मरीजों को आराम करने के साथ स्कूल और काम पर जाने से बचने की जरूरत है. डेंगू हेमरेजिक फीवर (डीएचएफ) जानलेवा साबित हो सकता है."
विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर पहले दिन ही अस्पताल में भर्ती कराने की अपील की है.
बीते साल मच्छरजनित वायरस से श्रीलंका में 50 लोगो की मौत हो गई थी, वहीं 48,000 इसकी चपेट में आ गए थे.
बांग्लादेश में इस साल डेंगू के 15,369 मामले सामने आए हैं. इनमें से 9,683 मामले सिर्फ जुलाई में रिपोर्ट किए गए हैं.
पड़ोसी बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप देखते हुए भारत में त्रिपुरा सरकार ने राज्य के आठ जिलों में अलर्ट जारी करते हुए जागरुकता कैंपेन लॉन्च किया है और इस बीमारी से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है.
डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलता है. ये काले छोटे मच्छर होते हैं, जिनके पेट और पैरों पर सफेद धारी होती है. इन्हें टाइगर मच्छर भी कहते हैं. संक्रमित मच्छर के काटने के 5-6 दिनों बाद ये बीमारी होती है.
डेंगू दो तरह का होता है:
डेंगू की शंका होने पर पेशेंट को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत होती है.
(इनपुट: PTI, आईएएनएस, nvbdcp)
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Published: 06 Aug 2019,11:57 AM IST