advertisement
दिल्ली के रहने वाले एस राहुल के परिवार के सभी मेंबर अपनी सेहत को लेकर बेहद सचेत हैं और शायद यही वजह है कि खाना पकाने के मामले में इस परिवार में दूसरे किसी भी किस्म के तेल की तुलना में जैतून के तेल या ऑलिव ऑयल को पहली प्राथमिकता दी जाती थी. हालांकि तीन साल पहले इस परिवार ने ऑलिव ऑयल की जगह देसी घी को अपनाना शुरू कर दिया क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं.
एस राहुल का परिवार ही केवल ऐसा नहीं है, बल्कि आज कई ऐसे परिवार हैं, जो खाना पकाने की इस पुरानी शैली को अपना रहे हैं. यहां तक कि डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट भी इस बात से सहमत हैं कि अगर समुचित मात्रा में देसी घी का सेवन किया जाए तो यह हड्डियों और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है.
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट प्रियंका रोहतगी ने बताया, "भारतीय समाज में देसी घी को बेस्ट इम्यूनिटी बूस्टर में से एक माना जाता है. ये हमारी आंखों, पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है और यहां तक कि यह हड्डियों को भी मजबूत बनाता है. देसी घी से स्किन और बाल भी अच्छे होते हैं."
बहरहाल, राहुल ने किसी डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट के सुझाव पर देसी घी को नहीं अपनाया है, बल्कि उनका कहना है कि यूट्यूब पर देसी घी के फायदों के ऊपर बने वीडियो को देखकर उन्होंने इसके इस्तेमाल का फैसला लिया है.
राहुल ने दावा किया, "हम पहले जैतून के तेल पर निर्भर थे, लेकिन अब हम देसी घी पर आ गए हैं क्योंकि ये आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ता है और इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं. इसने मेरे सोरायसिस के लक्षणों में भी आराम दिया है."
उन्होंने आगे कहा, "देसी घी का उपयोग करने के बाद हमने देखा कि इसने वजन घटाने में भी हमारी मदद की है और मेरे माता-पिता ने भी अब जोड़ों के दर्द के बारे में शिकायत करना बंद कर दिया है."
नोएडा के जेपी अस्पताल में कार्डियोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर बी.एल. अग्रवाल ने बताया, "देसी घी में सैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं और इसमें विटामिन A, E और K2 भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें कॉन्जुगेटेड लिनोलेइक एसिड और ब्यूटिरिक भी पाई जाती है और इन दोनों के कई शक्तिशाली स्वास्थ्य लाभ हैं."
उन्होंने आगे कहा, "एक सामान्य वयस्क रोजाना 1-2 चम्मच घी ले सकता है. व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या के आधार पर भी इसकी मात्रा में थोड़ा-बहुत बदलाव किया जा सकता है."
हालांकि विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि लंबे समय तक इसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा में सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है, जिसके कई नुकसान हैं.
(ये स्टोरी भरत उपाध्याय ने लिखी है. इनसे bharat.u@ians.in पर संपर्क किया जा सकता है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 16 Sep 2019,03:27 PM IST