मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dexamethasone:वो दवा जो कोरोना के गंभीर मामले में हो सकती है कारगर

Dexamethasone:वो दवा जो कोरोना के गंभीर मामले में हो सकती है कारगर

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे बताए हैं

FIT
फिट
Published:
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे बताए हैं
i
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे बताए हैं
(फोटो: iStock)

advertisement

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक क्लीनिकल ट्रायल के आधार पर कहा है कि डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) नाम की दवा कोरोना वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार लोगों की मौत का रिस्क घटाने में मददगार हो सकती है.

ये एक सस्ती कॉर्टिकॉस्टिरॉइड ग्रुप की दवा है, जिसका ब्रिटेन के क्लीनिकल ट्रायल में इस्तेमाल किया गया है और इसके नतीजों के आधार पर सुझाव दिया गया है कि हॉस्पिटल में एडमिट गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज में इसे शामिल किया जाना चाहिए.

सांस की तकलीफ वाले मरीजों पर हुआ ट्रायल

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रायल को को-लीड कर रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्टिन लैंडरे ने कहा, "इसके नतीजे दिखाते हैं कि अगर COVID-19 के मरीज वेंटीलेटर पर हैं या ऑक्सीजन पर हैं, तो डेक्सामेथासोन देकर उनकी जिंदगी बचाई जा सकती है और इसमें खर्च भी कम होगा.”

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक टीम ने अस्पताल में भर्ती लगभग 2 हजार मरीजों का अध्ययन किया, जिन्हें डेक्सामेथासोन दिया गया था और इस ग्रुप की तुलना 4 हजार ऐसे लोगों से की गई थी, जिन्हें ये दवा नहीं दी गई थी. वेंटिलेटर पर रहे रोगियों के लिए मौत का रिस्क 40% से घटकर 28% और ऑक्सीजन की जरूरत वाले लोगों के लिए मौत का रिस्क 25% से घटकर 20% पाया गया.

इस ट्रायल के को-लीड इन्वेस्टिगेटर, प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने कहा,

यह अब तक की एकमात्र दवा है, जिसका असर मौत के मामलों को कम करने में देखा गया है और इससे बीमारी से मौत का रिस्क घटा है. यह एक बड़ी सफलता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्चर्स ने बताया कि अगर महामारी की शुरुआत से ब्रिटेन में मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया गया होता, तो 5 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती थी.

रिसर्चर्स ने कहा है कि फिर भी लोगों को इसे खुद खरीद कर लेने से बचना चाहिए. साथ ही इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि इससे हल्के लक्षण वाले, जिन्हें सांस लेने में कोई कठिनाई नहीं होती, उनके लिए ये कारगर हो.

हालांकि सबसे जरूरी बात ये है कि कोरोना के इलाज के लिए अब तक किसी दवा या वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT