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आपको करेला बिल्कुल पसंद नहीं है- ऐसा हो सकता है क्योंकि ये काफी कड़वा होता है.
लेकिन अगर आपकी दादी-नानी हमेशा आपको करेला खिलाने की कोशिश करती हैं, तो वो गलत नहीं करतीं. वो जानती हैं कि आपके शरीर में फ्लो होने वाले शुगर को मैनेज करने के लिए क्या करना है.
डायबिटिज या मधुमेह के रोगियों को सुबह-सुबह खाली पेट करेला का जूस पीने की सलाह दी जाती है. करेला में चैरेंटिन (charantin) नाम का केमिकल होता है, जो हाई ब्लड ग्लूकोज के लेवल को कम करने के लिए जाना जाता है.
शुगर से मुकाबला करने में मेथी कारगर हो सकती है. मेथी पेट में शुगर के अवशोषण को धीमा करती है और इंसुलिन को संतुलित रखने में मददगार होती है. ये दोनों प्रभाव डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में ब्लड शुगर को कम रखते हैं.
फलों में सामान्य रूप से प्राकृतिक फ्रक्टोज होता है, जो धीरे-धीरे ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाता है. लेकिन डायबिटीज के रोगियों के लिए जामुन एक चमत्कारिक फल है. जामुन के बीज में जैंबोलीन रसायन होता है. ये लंबे समय तक ब्लड शुगर के लेवल को कम रखने के लिए जाना जाता है.
तो अगर आपको या आपके किसी जानने वालों को डायबिटीज है, तो उन्हें कहें कि वे करेला, भले ही यह कड़वा ही सही, लेकिन इसका सेवन जरूर करें. सिर्फ डायबिटीज के मरीज ही क्यों, जिन्हें डायबिटीज नहीं है, उनकी सेहत के लिए भी करेला बेहद फायदेमंद है.
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