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(हाल ही में हिप इम्प्लांट पर हुए विवाद को लेकर हम चाहते हैं कि मरीज के तौर पर आप हर तरह से सशक्त रहें. चाहे वो एक्स रे, एमआरआई, हिप या घुटनों का प्रत्यारोपण हो. जागरूक रहें और अपने सवालों का जवाब जानें. अगर आपके मन में इन सबसे जुड़ा कोई भी सवाल है, तो fit@thequint.com पर भेजें.)
इस साल जनवरी में मुंबई के सरकारी अस्पताल में अपने एक रिश्तेदार का एमआरआई कराने गया 32 साल का एक नौजवान मौत का शिकार हो गया. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का कारण बना लोहे का एक ऑक्सीजन सिलेंडर जो कि वह थामे हुए था. अस्पताल के स्टाफ ने उसे नहीं बताया कि एमआरआई रूम में धातु की कोई भी चीज नहीं ले जा सकते.
सिलेंडर की बात तो छोड़िए एमआरआई के लिए जाते समय आप अंगूठी या कानों की बालियां जैसी छोटी चीजें भी नहीं पहन सकते.
ऐसी और कौन सी जरूरी सावधानियां हैं जिनका एमआरआई, सीटी स्कैन या एक्स-रे कराने जाते समय ध्यान रखना जरूरी है?
यहां हम आपको बता रहे हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
इन सभी टेस्ट के लिए अगर आपने मेटल-फ्री कपड़े नहीं पहने हैं तो आपको हॉस्पिटल गाउन पहनना होता है. इसलिए हमेशा टेस्ट के लिए जाते समय सुविधाजनक और ढीले-ढाले कपड़े पहनें.
एमआरआई मशीन में बहुत शक्तिशाली चुंबकीय शक्ति होती है, इसलिए धातु की कोई भी चीज मशीन के अंदर या करीब ले जाने की इजाजत नहीं दी जाती. यहां तक कि मेकअप की भी इजाजत नहीं दी जाती, क्योंकि इन कॉस्मेटिक्स में भी धातु के कुछ कण हो सकते हैं. इन टेस्ट के दौरान आपको हिलना-डुलना नहीं होता है, इसलिए अगर आपको लगता है कि आपको पैनिक अटैक आ सकता है या आप क्लास्ट्रोफोबिक (अकेलेपन या भीड़ में डर लगना) हैं या शरीर को स्थिर नहीं रख सकते तो ओरल सेडेटिव दिए जाने की मांग कर सकते हैं.
आपको डॉक्टर या रेडियोलॉजिस्ट को हमेशा अपनी मेडिकल हिस्ट्री बता देनी चाहिए. उन्हें पता होना चाहिए कि आप डायबिटिक हैं, गर्भवती हैं, गर्भ की संभावना है या आप बच्चे को दूध पिलाती हैं. सीटी स्कैन के दौरान आप थोड़े समय के लिए आयोनाइजिंग रेडिएशन के संपर्क में आते हैं. ऐसे में अगर आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर किसी अन्य जांच के लिए कह सकते हैं.
और फिर से जान लें, सीटी स्कैनर में कोई भी धातु नहीं ले जाई जा सकती है. अगर आप डायबिटिक हैं, तो आपको अपने टेस्ट से पहले यथासंभव ग्लूकोज लेवल 100 मिलीग्राम/ डीएल तक लाने को कहा जा सकता है. अगर आपका शुगर लेवल बहुत हाई है, तो आपको जांच की नई तारीख तय करने को कहा जा सकता है.
एक्स-रे में आपके शरीर को रेडिएशन का सामना करना होता है. रेडिएशन की मात्रा उस अंग या टिश्यू पर निर्भर करती है, जिसका एक्स-रे होना है. एक्स-रे के दौरान पड़ने वाले रेडिएशन की मात्रा कम होती है और इसे सुरक्षित माना जाता है. कोई भी धातु साथ नहीं होने का नियम इन सभी टेस्ट में समान रूप से लागू होता है.
अगर आप गर्भवती हैं, तो अपने डॉक्टर को बता दें. वह आपको अल्ट्रासाउंड की सलाह दे सकते हैं, जिसमें किसी किस्म का रेडिएशन शामिल नहीं होता.
सबसे अंतिम चीज, आपा ना खोएं या घबराएं नहीं. ये बहुत सामान्य टेस्ट हैं और अगर आप दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं, तो ये आपको किसी तरह शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
(प्रत्यारोपण और चिकित्सीय उपकरण न सिर्फ आपके जीवन को बचा सकते हैं बल्कि उसकी गुणवत्ता में भी सुधार कर सकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी इन्हीं जीवनरक्षक उपकरणों के कारण किसी तरह की समस्या का सामना किया है? अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करिए. fit@thequint.com पर अपनी कहानी भेजिए.)
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Published: 02 Feb 2018,12:55 PM IST