मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या आप चुनाव को लेकर चिंतित हैं? जानिए इस फिक्र से कैसे निपटें

क्या आप चुनाव को लेकर चिंतित हैं? जानिए इस फिक्र से कैसे निपटें

‘इलेक्शन एंग्जाइटी डिसऑर्डर’ के बारे में सुना है?

वैशाली सूद
फिट
Updated:
कुछ लोगों को चुनाव की चिंता हो जाती है.
i
कुछ लोगों को चुनाव की चिंता हो जाती है.
(फोटो: FIT)

advertisement

लोकसभा चुनावों के पहले चरण के तहत आज देशभर के 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 91 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है. भारत की 1.3 अरब की आबादी में से 90 करोड़ लोग वोट देने के योग्य हैं. इस आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने वोट डालने के लिए घर से पोलिंग बूथ तक पहुंचेगा. इसके बाद सोशल मीडिया पर अनिवार्य तौर पर सेल्फी पोस्ट की जाएगी. पूरे देश में एक महीने तक चलने वाला ये आम चुनाव सात चरणों में होना है.

अगर ये तादाद अपने आप में आपको चिंतित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो आप में से कुछ चुनावों के दौरान अपनी चिंता के स्तर को बढ़ा हुआ पा सकते हैं. हमारे पास इसके लिए एक ऑफिशियल नाम है. इसे ‘इलेक्शन एंग्जाइटी डिसऑर्डर’ कहा जाता है.

क्या चुनाव के दौरान होने वाली चिंता वास्तविक है?

यहां भारत में, यह माना जा रहा है कि पहले कभी भी दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों के बीच राजनीतिक संबंधों पर उतना विवाद नहीं हुआ जितना कि आज है. (फोटो: iStock)

यहां दूसरे सबसे बड़े लोकतंत्र अमेरिका के कुछ दिलचस्प आंकड़े हैं. अमेरिकी मनोवैज्ञानिक एसोसिएशन द्वारा 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के आसपास किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग आधे देश ने महसूस किया कि चुनाव उनके जीवन में बहुत या कुछ हद तक तनाव का स्रोत है.

चिंता का उच्च स्तर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के बीच एक बहुत ही पक्षपातपूर्ण अभियान से जुड़ा था.

यहां भारत में, यह माना जा रहा है कि पहले कभी भी दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों के बीच राजनीति को लेकर इतना विवाद नहीं हुआ जितना आज है. बचपन की दोस्ती टूटने और सहकर्मियों के बीच झगड़े होने और शादी टूटने की भी खबरें आ रही हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हम इस बारे में जानने के लिए फोर्टिस हॉस्पिटल के मेंटल हेल्थ और बिहेवियरल साइंस के निदेशक डॉ समीर पारिख के पास पहुंचे.

'क्या चुनाव करीब आने के साथ ही भारतीयों में चिंता बढ़ने की आशंका है?'

ये ठीक है कि कुछ लोगों के बीच, जिनके लिए चुनाव उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जैसे शीर्ष स्तर के राजनीतिक नेताओं, पार्टी से जुड़े लोगों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ ही एक अन्य स्तर पर जो लोग राजनीति पर उत्साही विचार रखते हैं, उनके लिए ये निश्चित रूप से एक भावनात्मक उत्तेजना है. ये उनके लिए चिंता का कारण बन सकती है. ये लोग इसे पांच साल में अपनी पहली बड़ी परीक्षा समझते हैं.
डॉ समीर पारिख

डॉ पारिख को लगता है कि यह 'भावनात्मक उत्तेजना' पॉजिटिव या निगेटिव भी हो सकती है.

डॉ पारिख मानते हैं कि सही और फेक न्यूज की सरासर बकबक से खुद को अलग रख पाना मुश्किल है. लेकिन हर कोई बंटा हुआ है, या राजनीति को लेकर झगड़ रहा है, ये इस धारणा की अतिशयोक्ति है.

यह देखें कि अगर लोगों द्वारा रखे गए कुछ विचारों के कारण रिश्ते टूटने की कगार पर हैं, तो पहले ही उस रिश्ते के साथ कुछ गलत था.

दो अलग-अलग मत हमेशा से मौजूद रहे हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है - ये किसी भी लोकतंत्र के लिए आवश्यक हैं. लेकिन गुमनाम लोगों को आवाज देने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रसार ने निश्चित रूप से देश के सामाजिक ताने-बाने को विकृत कर दिया है. पूछा जाने वाला असली सवाल यह है कि भारत जैसे देश में उनकी पहुंच कितनी बड़ी है?

चुनावी चिंता से निपटना

इसलिए, अगर आप चिंतित महसूस कर रहे हैं, आप चिंतित हैं कि अगर आप जिसे वोट दे रहे हैं, वह सत्ता में नहीं आया तो आपके भविष्य में बहुत अधिक बदलाव हो जाएगा. ऐसे में आप ये काम कर सकते हैं.

  1. खबरों के रूप में आप तक कितने विचार पहुंच रहे हैं, उन्हें सीमित करें.
  2. अनेक प्लेटफार्मों की जांच करें जो विचारों के स्थान पर तथ्यात्मक समाचारों को प्राथमिकता देते हैं और आपका मन बनाते हैं.
  3. अगर सोशल मीडिया की बकबक आपको प्रभावित कर रही है, तो इससे ब्रेक ले लें.
  4. उन लोगों के साथ समानताएं खोजें, जो विरोधी पक्ष में हैं. आप पाएंगे कि राजनीति के अलावा, बहुत कम चीजें है जो आपको अलग करती है.
  5. अंत में, जान लें कि चिंता की कुछ मात्रा सामान्य है. यहां तक कि यह और भी अच्छा है, इसे कुछ रचनात्मक उपयोग के लिए रखें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 13 Mar 2019,10:38 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT