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फाइबर या रफेज बेशक न्यूट्रिशन के सबसे उपेक्षित पहलुओं में से एक है. एक फूड जो अच्छी तरह से संतुलित और संपूर्ण है, का मतलब है इसमें फल, सब्जियां, मेवे, बीज और साबुत अनाज शामिल हैं. इसमें अपने आप वह सब कुछ है, जो हमारे शरीर को चाहिए. जब हम किसी खास फूड ग्रुप को छोड़ना शुरू करते हैं और प्रोसेस्ड फूड की ओर बढ़ते हैं, तो फाइबर की कमी सहित पोषण संबंधी कमियों पर हमारा ध्यान जाता है.
आज ज्यादातर आधुनिक डाइट में फाइबर की कमी है क्योंकि फूड को इस हद तक प्रोसेस, रिफाइंड और पॉलिश किया जाता है कि अधिकांश फाइबर प्रोसेसिंग में निकल जाते हैं. पॉलिश किए चावल, रिफाइंड गेहूं का आटा और इससे बने उत्पाद कुछ उदाहरण हैं. यही कारण है कि डिब्बाबंद और रिफाइंड फूड हमारे लिए खराब कहे जाते हैं.
हो सकता है कि फाइबर को एक न्यूट्रिएंट के तौर पर वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है, लेकिन हमारी भूख और शुगर लेवल को मैनेज करने से लेकर फैट घटाने या लिपिड को काबू में रखने में मदद करने के साथ हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने में इसकी बड़ी भूमिका होती है.
फाइबर दो तरह के होते हैं: घुलनशील और अघुलनशील. घुलनशील फाइबर पानी में आसानी से घुल जाता है और जैली जैसे पदार्थ में बदल जाता है, जबकि अघुलनशील फाइबर घुलता नहीं है या आंत में पचता है. दोनों तरह के फाइबर सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं.
फाइबर ब्लड शुगर प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह भोजन के ग्लाइसेमिक लोड को बढ़ाकर और रक्त प्रवाह में शुगर की दर को बढ़ा कर ऐसा करता है. वास्तव में, भोजन में फाइबर शामिल करने से आप कई तरह के फूड खा सकते हैं, जिन्हें आपको खाने की वैसे इजाजत नहीं होगी.
घुलनशील फाइबर लेना शरीर में कोलेस्ट्रॉल के ऊंचे स्तर और कोरोनरी आर्टरी डिसीज के जोखिम को कम करने के सबसे प्राकृतिक तरीकों में से एक है. ये शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल और फैट ग्लोब्यूल्स को निकाल कर ऐसा करता है. फाइबर डाइटरी कोलेस्ट्रॉल के विघटन और हजम होने को भी रोकता है.
फाइबर युक्त संपूर्ण फूड लें- ऐसे फूड नहीं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इनमें “एडेड फाइबर” है. फाइबर इनटेक बढ़ाने के लिए फाइबर से भरपूर फूड लेना सबसे अच्छा तरीका है.
अगर आप सफर कर रहे हैं, तो आपके शरीर को जितनी जरूरत है, उतना फाइबर लेना सच में चुनौती हो सकता है. ऐसे में इसबगोल की भूसी से प्राकृतिक फाइबर की खुराक लेने में काफी मदद मिल सकती है. 2-3 चम्मच इसबगोल की भूसी पानी के साथ मिलाकर लेने से अगली सुबह सुगम मल त्याग होगा.
फलों पर अलसी के पाउडर के छिड़कने, भिगोए हुए सब्जा बीज से भी शरीर में फाइबर की आपूर्ति होती है.
दूसरे हाई फाइबर सुपरफूड्स हैं- सूखा आलूबुखारा, काली किशमिश, खजूर, अंजीर और खुबानी. साबुत अनाज जैसे हाथ से निकाला हुआ चावल, खपली गेहूं, बाजरा, ज्वार, रागी, चौलाई भी फाइबर के अच्छे स्रोत हैं!
जब फाइबर की बात आती है, तो खाई जाने वाली मात्रा और किस्म किसी शख्स की सेहत की स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत होनी चाहिए. बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि फाइबर लेने से उन्हें पेट फूला हुआ महसूस होता है, हालांकि ऐसा नहीं है.
कुछ लोग शायद एक बार में कम मात्रा में फाइबर को पचाने में सक्षम होते हैं, कुछ प्री-डाइजेस्टेड / फर्मेंटेड फाइबर युक्त फूड और कुछ लोग पकाए या मसले हुए फाइबरयुक्त फूड चाहते हैं, जिससे कि फाइबर आसानी से पच जाए.
जैसा कि हर चीज के साथ है, ज्यादा फाइबर भी ठीक नहीं है. ज्यादा फाइबर फायदे की बजाए नुकसान कर सकता है. फाइबर बहुत ज्यादा लेने से सेहतमंद शख्स को भी सूजन, गैस से कब्ज और आंतों की लाइनिंग की सूजन से पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है. यह आंत में पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बाधित कर सकता है. यह सोच कर बहुत ज्यादा फाइबर लेना कि इससे आपको वजन घटाने में मदद मिलेगी, गलत है. पर्याप्त फाइबर खाएं और कभी भी अति न करें.
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(ल्यूक कॉटिन्हो एक इंटीग्रेटिव मेडिसिन- होलिस्टिक लाइफस्टाइल कोच हैं. वह मरीजों का इलाज करते हैं और दुनिया भर में होलिस्टिक और इंटीग्रेटिव पद्धति से कैंसर के ट्रीटमेंट में माहिर हैं.)
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Published: 06 Feb 2019,11:55 AM IST