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क्या आपको खाने की कुछ चीजें पचाने में दिक्कत होती है? क्या कुछ चीजों को खाने के बाद आपका पेट फूलने लगता है? उल्टी और दस्त होने लगता है? ऐसे में हो सकता है कि आपको किसी फूड से एलर्जी हो या फूड इंटॉलरेंस हो.
आपने लैक्टोज इंटॉलरेंस और व्हीट एलर्जी के बारे में सुना होगा. आपके जानने वालों में जरूर कोई न कोई ऐसा होगा, जिसे किसी चीज से एलर्जी हो. कभी सोचा है कि इसकी वजह क्या होती है. अब तक जो चीज बड़े चाव से खाते आए थे, उम्र के एक पड़ाव में वही चीज एलर्जी या इंटॉलरेंस की वजह कैसे बन जाती है?
तीन से चार महीने पहले की बात है, जब रोजाना ऑफिस आने के बाद मेरी बॉस की तबीयत खराब हो जाती. उन्हें उल्टी आने जैसा लगता, पेट दर्द और सांस लेने में दिक्कत होती. उन्हें तबीयत खराब होने की वजह समझ नहीं आ रही थी. फिर उन्होंने इस बात पर गौर करना शुरू किया कि ऑफिस आने से पहले वो ब्रेकफास्ट में क्या खाती हैं और उसमें से एक-एक चीज छोड़ कर देखा.
उन्हें समझ में आया कि हर रोज तबीयत खराब होने की वजह एग खाना है. जब उन्होंने अंडा खाना छोड़ा, उन्हें राहत मिल गई. हालांकि वो हमेशा से अंडे खाती रही हैं और उन्हें कभी उससे कोई दिक्कत नहीं हुई थी, लेकिन अब उन्हें एग इंटॉलरेंस की दिक्कत हो गई है.
अक्सर हम फूड एलर्जी और फूड इंटॉलरेंस को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं. इनकी वजह जानने से पहले ये जान लीजिए कि ये दोनों चीजें अलग हैं.
जब आपको किसी फूड से एलर्जी होती है, तो आपका इम्यून सिस्टम रिएक्ट करता है, जिससे शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं. वहीं दूसरी ओर जब खाने की कोई चीज आपके पेट को दिक्कत करती है या आपका शरीर उसे ठीक तरीके से पचा नहीं पाता है, तो ये इंटॉलरेंस है. ये डाइजेस्टिव (पाचन) दिक्कतों से जुड़ा होता है. इसमें शरीर के रोग प्रतिरोधक प्रणाली की भूमिका नहीं होती है.
हालांकि फूड एलर्जी और फूड इंटॉलरेंस के लक्षण एक जैसे लग सकते हैं. जैसे:
मैक्स हेल्थकेयर के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ सेतिया लैक्टोज इंटॉलरेंस का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि लैक्टोज मिल्क में पाया जाने वाला एक शुगर है और इसे हजम करने के लिए लैक्टेज एंजाइम की जरूरत होती है. कई बार ग्रैजुएली ये एंजाइम शरीर से अपने आप ही खत्म हो जाता है. तब लोगों को दूध हजम करने में परेशानी होने लगती है. उनका पेट फूल जाता है, कई बार डायरिया हो जाता है क्योंकि किसी भी तरह का शुगर अगर नहीं पच पाता है, तो डायरिया हो सकता है.
फूड एलर्जी तब होती है, जब इम्यून सिस्टम खाने की किसी चीज या उसमें मौजूद किसी पदार्थ पर ओवररिएक्ट करता है क्योंकि इम्यून सिस्टम उस चीज को खतरनाक समझ लेता है.
फूड एलर्जी का सिर्फ आपके पेट पर नहीं बल्कि पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है. इसमें रैशेज, स्किन पर खुजली, दाने, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, ब्लड प्रेशर में गिरावट, कुछ निगलने में तकलीफ हो सकती है.
डॉ सेतिया कहते हैं कि कई तरह की फूड एलर्जी में आजकल व्हीट एलर्जी के मामले बच्चों और बड़ों में बहुत बढ़ गए हैं.
डॉ सेतिया के मुताबिक किसी को किसी भी उम्र में उन चीजों से एलर्जी हो सकती है, जिनसे अब तक कोई दिक्कत नहीं थी.
फूड एलर्जी उस चीज के डोज पर निर्भर नहीं करती, जिस चीज से आपको एलर्जी है, उसकी जरा सी मात्रा भी आपमें गंभीर लक्षणों की वजह बन सकती है. आपको एलर्जी है या इंटॉलरेंस इसका पता डॉक्टर लगा सकते हैं.
ये पता लगाने के लिए कि किस चीज से दिक्कत हो रही है, कुछ चीजों को खाना छोड़ कर देखिए. एलर्जी टेस्ट कराइए.
आपको कब और किस चीज से एलर्जी होने लगे, इसके बारे में पहले से बता पाना मुमकिन नहीं है. फूड एलर्जी के लक्षण हल्के भी हो सकते हैं और काफी गंभीर भी. अगर किसी चीज से एक बार आपको हल्की एलर्जी होती है, तो इसका ये मतलब नहीं है कि आपको उससे कभी कोई गंभीर दिक्कत नहीं हो सकती.
इसलिए एलर्जी और इंटॉलरेंस दोनों ही मामलों में लापरवाही न बरतें. डॉक्टर को जरूर दिखाएं और उनकी सलाह पर अमल करें.
(इनपुट: अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी)
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Published: 17 Dec 2018,06:36 PM IST