advertisement
अगर कुछ खाने के कुछ घंटों बाद आपको मिचली महसूस होती है, उल्टी होने लगती है, पेट में दर्द या ऐंठन होती है या दस्त होने लगता है, तो हो सकता है कि ये फूड प्वॉइजनिंग के कारण हो रहा हो.
दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ अश्विनी सेतिया बताते हैं कि दूषित खाना खाने से तबीयत खराब होना फूड प्वॉइजनिंग कहलाता है.
आमतौर पर खाने की चीजें बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट या उनके टॉक्सिन और केमिकल से दूषित होती हैं.
डॉ सेतिया बताते हैं कि फूड प्वॉइजनिंग कई तरीके से हो सकती है:
हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ के.के अग्रवाल कहते हैं, ‘हम जानते हैं कि कच्चे मांस, मुर्गी और अंडे भी रोगाणुओं का कारण बन सकते हैं. इनके साथ ही अगर फल और सब्जियों को ठीक से धोकर इस्तेमाल न किया जाए, तो फूड प्वॉइजनिंग का खतरा रहता है.’
फूड प्वॉइजनिंग के लक्षण खराब खाना खाने के बाद कई घंटे से लेकर कुछ दिन तक में दिखाई दे सकते हैं. जैसे- साल्मोनेला बैक्टीरिया 1-3 दिनों के बाद तक तबीयत खराब होने का कारण बन सकता है.
फूड प्वॉइजनिंग होने पर पेट में दर्द या ऐंठन, दस्त, मिचली या उल्टी, बुखार- ये सभी लक्षण एकसाथ भी दिख सकते हैं या सिर्फ कोई एक या दो लक्षण भी नजर आ सकते हैं.
उल्टी और दस्त के कारण मरीज में ये दिक्कतें भी देखी जा सकती हैं:
फूड प्वॉइजनिंग की गंभीरता रोगाणु, दूषित खाने की मात्रा, आपकी उम्र और सेहत पर निर्भर करती है. बच्चों, बुजुर्गों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बीमार लोगों को फूड प्वॉइजनिंग का ज्यादा खतरा होता है.
फूड प्वॉइजनिंग के इलाज में सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि इस दौरान उल्टी या दस्त के कारण शरीर से जितने तरल की हानि (फ्लूइड लॉस) हो, उसकी पूर्ति की जाए.
इसके अलावा डॉ सेतिया इस बात पर जोर देते हैं और आग्रह करते हैं कि इस दौरान बिना डॉक्टर को दिखाए खुद से कोई एंटीबायोटिक बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए.
अगर आपको बार-बार उल्टी हो रही है, दस्त होते दो-तीन दिन हो चुके हैं, पेट में बहुत दर्द और ऐंठन महसूस हो रहा है, बुखार है, डिहाइड्रेशन के लक्षण नजर आ रहे हैं, मांसपेशियों में कमजोरी, धुंधला दिख रहा है, तो इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर मेडिकल हेल्प लेने में देरी नहीं करनी चाहिए.
फूड प्वॉइजनिंग पर बात करते हुए खाना गर्म करने को लेकर डॉ सेतिया एक और अहम बात बताते हैं, जिन पर हमने शायद ही कभी ध्यान दिया हो.
डॉ सेतिया बताते हैं कि इसके अलावा फूड प्वॉइजनिंग की और भी वजहें हो सकती हैं.
मेयो क्लिनिक के मुताबिक बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए फूड प्वॉइजनिंग काफी गंभीर हो सकता है. इसलिए ऐसे लोगों को कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए:
फूड प्वॉइजनिंग के मामले गर्मियों ज्यादा देखने को मिलते हैं क्योंकि इस मौसम में खाने की चीजें जल्दी खराब होती हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप बाहर की चीजें खाने से परहेज करने के साथ ही घर पर भी सावधानी बरतें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 10 May 2019,04:35 PM IST