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तेज चलना, तैराकी, डांस और जॉगिंग जैसी शारीरिक गतिविधियां न केवल सेहत को बेहतर बनाती हैं, बल्कि ये बुजुर्गों में भी दिमाग की क्षमता बढ़ाकर याद्दाश्त को तेज कर देती हैं.
रिसर्च से पता चला है कि उम्र बढ़ने पर स्मृति और दिमाग की गतिविधियों में बदलाव ज्यादातर इंसान के शारीरिक स्वास्थ्य स्तर पर निर्भर करता है.
रिसर्च के दौरान पता चला कि जिन प्रतिभागियों का फिटनेस स्तर कम रहा, उनकी तुलना में व्यायाम करने वाले प्रतिभागियों के हृदय का फिटनेस स्तर बेहतर मिला, जिससे उनकी स्मरण शक्ति और मस्तिष्क की गतिविधियों में भी सुधार हुआ.
इस रिसर्च के लिए 18 से 31 साल के स्वस्थ युवा और 55 से 74 साल के बुजुर्गों को चुना गया था. प्रतिभागियों द्वारा ट्रेडमिल पर चलने और जॉगिंग करने के दौरान रिसर्च करने वालों ने उनका कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (सीआरएफ) का आकलन किया.
कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस की टेस्टिंग में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों ने अन्य प्रतिभागियों की तुलना में स्मृति संबंधी कामों में बेहतर परिणाम दिया. यह रिसर्च 'कॉर्टेक्स' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
-इनपुट आईएएनएस से
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