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सीनियर कांग्रेस लीडर और तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित का शनिवार 20 जुलाई को निधन हो गया. वो 81 साल की थीं.
दिल्ली के ओखला स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट की ओर से जारी बयान के मुताबिक उन्हें 20 जुलाई की सुबह कार्डियक अरेस्ट की गंभीर कंडिशन में हॉस्पिटल लाया गया था, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी. कुछ देर के लिए उनकी कंडिशन स्टेबल भी हुई, लेकिन एक और कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक जब हार्ट के फंक्शन में अप्रत्याशित रुकावट आ जाए तो इसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं, जब हार्ट ठीक तरीके से नहीं धड़कता है.
इसका कारण दिल में इलेक्ट्रिकल डिसटर्बेंस से पंपिंग कार्य रुक जाना हो सकता है, जिससे बाकी शरीर में रक्त का प्रवाह रुक जाता है.
मेयो क्लीनिक के मुताबिक इसमें अप्रत्याशित तरीके से दिल काम करना बंद कर देता है, सांस थम जाती है या बेहोशी आ जाती है.
इसके लक्षण इस तरह हैंः
डॉक्टरों का कहना है कि कई लक्षण होते हैं, जिन पर चेत जाना चाहिए, लेकिन लोग इनकी अनदेखी कर देते हैं. इनमें थकान, चक्कर आना, छोटी-छोटी सांसें लेना, कमजोरी, तेज धड़कन और उल्टी आना शामिल हैं.
लेकिन उनका यह भी कहना है कि कार्डियक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के भी हो सकता है.
फिट से पहले हुई बातचीत में फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ अशोक सेठ बताते हैं कि जब किसी की अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत होती है, तो इसका कारण हार्ट अटैक या किसी कारण से हार्ट की रफ्तार बिगड़ना हो सकता है. 10 में से 8 बार कार्डियक अरेस्ट का कारण हार्ट अटैक होता है.
कुछ स्थितियों में ऐसा भी हो सकता है कि दिमाग में अचानक रक्तस्राव से कार्डियक अरेस्ट हो जाए.
एक चौथाई लोग काफी ज्यादा और गंभीर ब्लॉकेज हो जाने के बाद भी किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं करते.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट कार्डियक एरिथिमिया के कारण भी हो सकता है.
ये तब होती है, जब हार्ट में इलेक्ट्रिकल इंपल्स ठीक से काम नहीं करते. ज्यादातर एरिथिमिया सीरियस नहीं होते, लेकिन ये स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकते हैं.
ऐसा हो सकता है कि इसके कोई लक्षण नजर न आए. वैकल्पिक रूप से, लक्षणों में सीने में दर्द, बेहोशी या चक्कर आना शामिल हो सकते हैं.
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Published: 20 Jul 2019,06:20 PM IST