advertisement
अगर आप हाथ को पूरा तानकर, कलाई को अंदर की ओर मोड़कर कूदते हुए, चट्टानों पर चलते हुए सेल्फी लेते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान ठीक से संतुलन नहीं बना पाने के कारण गिरने पर कलाई में सबसे अधिक चोट आ सकती है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लोगों को इस तरह से सेल्फी लेने पर सावधानी बरतनी चाहिए.
हार्ट केयर फाउंडेशन ( एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल कहते हैं कि आज की पीढ़ी दूसरों से तारीफ सुनना चाहती है. युवा दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे और कोई नहीं कर सकता. सेल्फी लेने में जितनी हिम्मत दिखाई जाए, उतनी ही प्रशंसा मिलती है. इस तरह की सेल्फी से उन्हें अपने साथियों से तुरंत तारीफ मिलती है.
डॉ अग्रवाल के मुताबिक सेल्फी का बुखार दुनिया भर में पिछले दो साल में बढ़ा है. एक बड़ी तादाद में मृत्यु दर और कई बीमारियों से सेल्फी का संबंध पाया गया है.
डिजिटल युग में मॉडरेशन यानी तकनीक का मध्यम उपयोग होना चाहिए. कई उपकरणों का आविष्कार इसलिए किया गया था ताकि हम जिंदगी का बेहतर अनुभव ले सकें, लोगों के साथ अधिक समय बिता सकें और साथ ही अपने लिए कुछ खाली वक्त निकाल सकें, लेकिन हम में से बहुत से लोग उन्हीं उपकरणों के अब गुलाम बन चुके हैं.
मोबाइल फोन के अधिक उपयोग के कारण होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए डॉ अग्रवाल के सुझाव:
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)