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सोशल मीडिया पर एक नया वायरस फैलने की खबरें वायरल हो रही हैं, इस वायरस का नाम 'हंतावायरस' बताया गया है. 24 मार्च को चीन के ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि 23 मार्च को चीन के युन्नान प्रांत में हंतावायरस के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई.
तो क्या वाकई में हंतावायरस है? इसका जवाब है, "हां, हंतावायरस होता है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं."
सेंटर ऑफ डिजीज प्रीवेंशन एंड कंट्रोल (CDC) के अनुसार हंतावायरस वायरस का परिवार है, जो मुख्य रूप से चूहों के जरिए फैलता है और ये वायरस लोगों में कई तरह के लक्षण पैदा करता है. ये वायरस एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा बीमारी हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS) की वजह बन सकता है.
ये कोई नया वायरस नहीं है. CDC ने अमेरिका में साल 2012 और फिर 2017 में इसके फैलने की सूचना दी थी. मुंबई में भी 2016 में इस वायरस को रिपोर्ट किया गया था.
लेकिन सबसे जरूरी बात ये है कि हंतावायरस संक्रमित चूहे के पेशाब, मल या सलाइवा के संपर्क में आने या फिर संक्रमित चूहे के काटने से फैलता है.
फिट ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुरनजीत चटर्जी से बात की, उन्होंने कहा,
गुरुग्राम के आर्टेमिस हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुमित रे बताते हैं, ‘’यह वायरस गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है, लेकिन यह न तो दूर तक और न ही तेजी से फैलता है. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण तो न के बराबर है. ‘’
डॉ चटर्जी के अनुसार असल समस्या उन वायरसों से होती है, जो मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलते हैं जैसे कि कोरोनावायरस.
वो COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए जरूरी सोशल डिस्टेन्सिंग और हाथ साफ रखने की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं, ‘’हंतावायरस से अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं. अभी इससे ज्यादा महत्वपूर्ण चीजें सोचने के लिए हैं.’’
मेयो क्लिनिक के अनुसार हंतावायरस दुर्लभ जरूर है, लेकिन इससे होने वाली बीमारी हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम जानलेवा है, जिसके लक्षण फ्लू की तरह होते हैं. ये बढ़ते-बढ़ते सांस लेने में दिक्कत जैसे गंभीर खतरे तक पहुंच सकते हैं.
इससे होने वाले दो बड़े रेस्पिरेटिरी इन्फेक्शन हैं- हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS) और हेमरेजिक फीवर विद रीनल सिंड्रोम (HFRS).
HPS के मामले उत्तर और दक्षिण अमेरिका में देखे गए, जबकि HFRS के मामले चीन, रूस और कभी-कभी पश्चिमी यूरोप में देखे गए हैं.
हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS) से संक्रमित लोगों में ये लक्षण सामने आते हैं:
CDC के अनुसार इन लोगों को आमतौर पर नाक बहने, गले में खराश या रैशेज की शिकायत नहीं होती.
डॉ रे कहते हैं कि अमेरिकी लोगों में ऊपर बताए गए लक्षण बहुत आम हैं, जबकि दूसरे देशों में हेमरेजिक फीवर विद रीनल सिंड्रोम (HFRS) के मामले ज्यादा पाए जाते हैं.
डॉ रे के अनुसार, ‘’HFRS के लक्षणों में ज्यादातर बुखार, बदन दर्द, मांसपेशियों में दर्द, किडनी का ठीक तरह से काम नहीं करना और ब्लीडिंग शामिल है.’’
डॉ चटर्जी कहते हैं कि इससे बचने का एक ही तरीका है कि अपने आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखा जाए और उन जगहों से बचा जाए, जहां चूहे अधिक होते हैं.
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