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कई बार शरीर को तोड़ देने वाली बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का बहुत आसान हल होता है. इन्हें रोजमर्रा के फूड से ठीक किया जा सकता है. हम यहां आपको ऐसी ही आठ चीजों के बारे में बता रहे हैं.
यह बूढ़ी बीवियों की खब्त नहीं है- चिकन सूप वाकई सर्दी से राहत दिलाता है. गर्म शोरबा जकड़न को खत्म करने में मददगार होता है, यह लिक्विड की आपूर्ति कर डिहाइड्रेशन को रोकता है और नाक की नली में नमी बनाए रखता है. लेकिन चिकन सूप ही क्यों?
इसमें कारनोसाइन नाम का यौगिक भी होता है, जो ऊपरी श्वसन तंत्र में जलन को कम करके नाक भरी होने, जकड़न के अहसास को कम करता है. और सबसे अच्छी बात ये है कि यह गर्म शोरबा, शरीर में जाने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) के लिए मददगार कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सिलिकॉन और सल्फर जैसे मिनरल्स देता है, जिन्हें हमारा बीमार शरीर बेहद आसानी से ग्रहण कर लेता है.
ज्यादा फाइबर और कम कैलोरी वाला फूड होने के साथ ही पालक में थाईलाक्वॉड्स होते हैं, जो मिठाई या फास्ट फूड जैसी सेहत के लिए नुकसानदायक चीजों की क्रेविंग कम करने के लिए जाने जाते हैं और जिनसे वजन घटाने में मदद मिलती है. थाईलाक्वॉड्स मूल रूप से तृप्तिकारक हार्मोंस का उत्सर्जन बढ़ाते हैं, जिससे बेहतर भूख नियंत्रण, स्वास्थ्यवर्धक चीजें खाने की आदत और वजन घटाने में मदद मिलती है.
दस्त से पोटैशियम की कमी हो जाती है, जिससे शरीर में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन पैदा हो सकता है. केले पोटैशियम का जबरदस्त स्रोत हैं और इस मिनरल की भरपाई का शानदार उपाय हो सकते हैं. इसका दूसरा फायदा ये है कि इस फल में फाइबर और पोषक तत्व के साथ कार्बोहाइड्रेट, होता है जो आपको एनर्जी देता है.
इसके साथ ही यह इतना मुलायम होता है कि कमजोर पाचन तंत्र को परेशानी नहीं होती. यह ऐसे समय के लिए बिल्कुल सही है, जब हमारा पाचन तंत्र मुश्किल में होता है.
यह कीमती फल अल्कलाइन (क्षारीय) होता है, जो हमारी आंत के पीएच संतुलन को सही करने और आमाशय में एसिडिटी के खात्मे के लिए बहुत अच्छा है. इसके अलावा अनानास खाने के माध्यम से ब्रोमीलेन पाने का इकलौता बड़ा स्रोत है. ब्रोमीलेन एक अनूठा पाचन एंजाइम है, जिसमें जलन को शांत करने का गुण है.
अनार में भरपूर पॉलीफेनॉल्स होते हैं- ऐसे एंटीऑक्सिडेंट जिसमें दिल की हिफाजत करने वाले कई गुण होते हैं. ये नुकसानदायक LDL कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करते हैं. तो इस रसीले फल को हफ्ते में कम से कम तीन बार लेने की आदत डाल लीजिए.
अनहेल्दी खाना, जंक फूड और अनियमित खानपान की आदत से शरीर में टॉक्सिन बन जाते हैं. शरीर को फूलने से रोकने के लिए गलत खाने की आदत को छोड़ने के साथ ही पेशाब के जरिए इन्हें शरीर से बाहर निकालने का सबसे मौलिक प्राकृतिक उपाय है- अजवाइन की चाय.
एक कप गर्म पानी में दो चम्मच सूखी अजवायन को मिलाकर 10 मिनट तक भिगोए रहने दें. एक दिन में तीन कप अजवायन की चाय पीएं.
केले में एक खास यौगिक होता है- फ्रुक्टोलिगोजैकराइड्स (fructooligosaccharides) जो कि हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी पोषक तत्वों को ग्रहण करने में मदद करता है. हरा केला (जिसे प्लाटेंस भी कहते हैं) इससे भी एक कदम आगे जाता है और शॉर्ट चेन फैटी एसिड (SCFA’s) बनाता है, जो हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार होता है.
चुकंदर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में काफी मददगार होता है. इसका कारण है इसमें बहुतायत में पाए जाने वाले नाइट्रेट तत्व, शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं और रक्तशिराओं को शिथिल और फैलने में मदद करते हैं, जिससे रक्त संचार अच्छा होता है और ब्लड प्रेशर कम होता है. इसलिए बेहतर है कि थोड़ा-थोड़ा चुकंदर चबाते रहें अथवा रोजाना या एक दिन छोड़ कर चुकंदर का जूस ले लिया करें.
(कविता देवगन वेट मैनेजमेंट कंसलटेंट, न्यूट्रिशनिस्ट, हेल्थ कॉलमनिस्ट हैं और इन्होंने ‘डोंट डाइट! 50 हैबिट ऑफ थिन पीपुल’ किताब लिखी है.)
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