नमक खरीदते वक्त उसके पैकट पर आपने जरूर पढ़ा होगा - वेपराइज्ड और आयोडाइज्ड नमक. लेकिन क्या आपको इसका मतलब सही तरह से पता है? सोचा ही नहीं होगा आपने.

हर दिन भोजन में चुटकी भर नमक डालते वक्त न केवल आफ अपने खाने की लज्जत बढ़ाते हैं बल्कि शरीर में भी नमक की भरपाई करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप नमक के बारे में ये अहम बातें जरूर जान लें.

जानें नमक के बारे में

(फोट: iStock)

शुद्ध नमक सोडियम और क्लोराइड से बनता है. इन तत्वों को शरीर नहीं बना पाता है इसलिए भोजन से इन्हें ग्रहण किया जाता है. यह शरीर में तमाम मिनिरल्स के बीच संतुलन बनाने और कोशिकाओं को सक्रिय रखने के लिए जरूरी है.

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समुद्री नमक

समुद्र के पुराने और सूखे हिस्से से निकाला जाने वाला नमक प्राकृतिक सोडियम क्लोराइड का रूप है जिसमें सेलेनियम, बोरोन, क्रोमियम और कॉपर जैसे मिनिरल्स भी मिले होते हैं. शरीर में हड्डियों की मजबूती के लिए इन मिनिरल्स की जरूरत होती है. यह शक्कर को नियंत्रित रखता है और शरीर साफ करता है.

दिखने में ऑफ व्हाइट, ग्रे या गुलाबी रंग का यह नमक खाना बनाने के लिए तो श्रेष्ठ है, लेकिन ये काफी महंगा भी है और जल्दी मिलता भी नहीं है.

टेबल सॉल्ट

किराने की हर दुकान पर उपलब्ध यह नमक समुद्री जल (नए वाटर बेड) से निकाला जाता है. यह रिफाइंड है इसलिए इसमें मिनिरल्स कम होते हैं. यह अधिकतर जमीनी हिस्से पर पाया जाता है इसलिए इसमें कुछ ऐसे तत्व भी हो सकते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक हों.

इसमें पोटैशियम आयोडाइड भी मिलाया जाता है जिससे यह घेंघा जैसे रोग से बचाव कर सके. इसकी उम्र बढ़ाने के लिए इसमें प्रिजर्वेटिव्स भी मिलाए जाते हैं. यह कुकिंग के लिए बेहतर तो नहीं लेकिन सलाद या खाने में ऊपर से छिड़कने के लिए ठीक है.

काला नमक

ये पत्थर से निकाला जाता है न कि समुद्र जल से इसलिए इसका रंग गुलाबी होता है और महक थोड़ी अलग. सोडियम क्लोराइड के अलावा इसमें कैल्शियम और पोटैशियम है लेकिन आयोडीन नहीं होता.

कोशर साल्ट

पश्चिमी देशों में लोकप्रिय यह नमक बड़े दानों वाला होता है जिसका इस्तेमाल मीट के बड़े टुकड़ों को गलाने में किया जाता है.

अधिक नमक के सेवन से नुकसान

(फोट: iStock)

अगर आप नमक का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो सोडियम को संतुलित करने के लिए शरीर को अधिक पानी की जरूरत होती है इसलिए हमें प्यास ज्यादा लगती है.

आमतौर पर हम प्रतिदिन छह से सात ग्राम नमक का सेवन करते हैं लेकिन दिन भर में इसे पांच ग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए. अधिक नमक के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, दिल के रोग, किडनी संबंधी रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इन रोगों के मरीजों को प्रतिदिन तीन ग्राम से अधिक नमक नहीं लेना चाहिए.

ऐसे में भोजन में अचार, सॉस, तले नमकीन स्नैक्स और पैकेज्ड फूड का सेवन कम करना ही बेहतर है.

और हां, भोजन पर ऊपर से नमक छिड़कने की आदत तो छोड़ ही दें.

एक चम्मच = पांच ग्राम

कम नमक के भी हैं नुकसान शरीर में नमक की कमी डायरिया, हैजा, उल्टियां, अतिरिक्त पसीना, अत्याधिक युरीन जैसी समस्याओं के कारण शरीर में नमक की कमी हो सकती है.

इतना ही नहीं, इसकी कमी से त्वचा संबंधी समस्याएं, आंखों में दिक्कत, उलझन, कोमा और कई मामलों में मृत्यु तक हो सकती है.

(डॉ. निरुता शर्मा नई दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एज्युकेशन एंड रिसर्च में कंसल्टेंट हैं. उनसे Twitter/@Nirutasharma पर संपर्क कर सकते हैं.)

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Published: 02 Nov 2015,11:45 AM IST

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