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टच स्क्रीन जेनरेशन टेक्नोलॉजी की कीमत चुका रही है. आज हर 10 में से 7 यूथ डिजिटल आई स्ट्रेन का शिकार हैं. स्क्रीन को घंटों लगातार देखने से आंखों में थकान और सूखेपन (ड्राइनेस) की परेशानी हो रही है.
शुरुआत में इससे दूर की नजर और धुंधला देखने की परेशानी हो सकती है, लेकिन इसका आंखों पर लंबी मियाद तक क्या नुकसान इस बारे में अभी जानकारी नहीं है.
यह सुन कर आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए, जाहिर है कि आपने इसके बारे में सोचा ही नहीं होगा. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लगातार लगे रहना आपकी आंखों के लिए नेमत (वरदान) था. आपने ये कभी सोचा भी नहीं होगा कि डिजिटल दुनिया से इतना लगाव आपकी आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
चमकदार डिजिटल डिसप्ले (पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब, स्मार्टफोन) पर लंबे वक्त तक आंखें गड़ाए रहना आपकी आंखों के लिए प्राकृतिक कार्य नहीं है. छोटे लिखे अक्षर और धुंधली तस्वीरें आपकी आंखों की मांसपेशियों पर ज्यादा जोर डालती हैं.
आमतौर पर आप एक मिनट में करीब 18 बार पलकें झपकाते हैं, लेकिन जब आप गैजेट का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी संख्या घट कर 6-7 बार हो जाती है.
अगर आप साइबेरिया या अंटार्टिका में नहीं रहते हैं तो आप अपने गैजेट के बिना नहीं रह सकते. तो फिर यहां कुछ उपाय बता रहे हैं जिनसे आपकी खूबसूरत आंखें हमेशा रोशन रहेंगी:
अगर यह सब उपाय नाकाम हो गए हैं, तो अपनी दिक्कतों का इलाज कराएं.
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Published: 04 May 2018,05:24 PM IST