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हमारे बड़े-बुजुर्ग सही कहते थे. हमारी दाल और सब्जी वाकई में सबसे अच्छी डाइट है. अब इसी बात की पुष्टि एक बड़ी स्टडी ने भी कर दी है.
मेडिकल जर्नल लांसेट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने साल 2050 तक करीब 10 अरब होने वाली दुनिया की आबादी को लंबे समय तक भरपेट पौष्टिक आहार देने का वैश्विक समाधान पेश किया है. वैज्ञानिकों ने खानपान में बदलाव लाने को कहा है, जिससे लोगों की सेहत में सुधार हो.
ये स्टडी करने वाले EAT-Lancet कमीशन ने ‘प्लैनेटरी हेल्थ डाइट’ का सुझाव दिया है, जिससे इंसानों और धरती के स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाने में मदद मिल सकती है.
16 देशों से स्वास्थ्य, पोषण, पर्यावरण, खाद्य प्रणाली, अर्थशास्त्र और राजनीतिक शासन जैसे विषयों के 37 विशेषज्ञों ने मिलकर तीन साल तक इस पर काम किया.
रिपोर्ट बताती है कि फिलहाल दुनिया में 82 करोड़ लोगों को पर्याप्त खाना नहीं मिलता है और बाकी अनहेल्दी डाइट लेते हैं. 2050 तक जब दुनिया की आबादी करीब दस अरब पहुंच जाएगी, तब दुनिया के सामने लोगों का पेट भरने के साथ पौष्टिक भोजन की उपलब्धता भी एक बड़ी चुनौती होगी.
दुनिया भर में भोजन की कमी के बारे में बात करते हुए इस आयोग के सह-आयुक्त अमेरीका स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ वाल्टर विलेट ने कहा:
EAT-Lancet कमीशन ने दुनिया भर में खानपान के तौर-तरीकों में बदलाव लाने के लिए वैज्ञानिक आधार पर कुछ सुझाव दिए हैं:
लांसेट के एडिटर-इन-चीफ डॉ रिचर्ड हॉर्टन कहते हैं:
रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में खराब सेहत की मुख्य वजह अनहेल्दी डाइट है. खानपान में हेल्दी बदलाव से हर साल 1.08-1.16 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है.
रिपोर्ट में बताई गई डाइट से वैश्विक पोषण में सुधार होगा और इससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी. ये कमी जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौते के अनुरूप होगी. इससे बायोडाइवर्सिटी का नुकसान भी कम होगा और खेती के लिए जमीन, पानी और नाइट्रोजन की मांग में भी कमी आएगी.
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Published: 17 Jan 2019,05:38 PM IST