advertisement
स्ट्रेस, टेंशन, खानपान की खराब आदतें और हमारी अनहेल्दी लाइफस्टाइल- इन सबका का बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ा है. हालांकि, लाइफस्टाइल की गंभीर बीमारियों के पूरी तरह से सामने आने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इनके लक्षण पहले से नजर आने लगते हैं. हम में से अधिकतर लोग सुस्त महसूस करते हैं, अपच, एसिडिटी, पेट खराब होना, भूख कम लगना, क्रेविंग और बहुत कुछ अनुभव करते हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि सभी रोग गट यानी हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में शुरू होते हैं. इसलिए, अगर कुछ गलत है, तो शरीर पेट की परेशानी से गुजरता है. ये पहले सामने आने वाले संकेत होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए या खुद से इलाज नहीं करना चाहिए, जैसे कि एंटासिड की गोलियां खाना.
गट क्या है? जठरांत्र संबंधी मार्ग (gastrointestinal tract) का दूसरा नाम है, जो पाचन तंत्र का अहम हिस्सा है. ये हमारे मूड और मेमोरी को भी प्रभावित करता है.
मानव शरीर में 100 ट्रिलियन बैक्टीरिया होते हैं, जिनमें से अधिकतर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (गट) में होते हैं. ये बैक्टीरिया शरीर के सभी कार्यों, एनर्जी लेवल, क्रिएटिविटी और मूड को प्रभावित करते हैं.
एक प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथचरक संहिता कहता है, ‘शक्ति, स्वास्थ्य, दीर्घायु और प्राणवायु चयापचय यानी मेटाबॉलिज्म सहित पाचन की शक्ति पर निर्भर करती है. जब भोजन और पेय के रूप में ईंधन की आपूर्ति की जाती है, तो पाचन की ये शक्ति बनी रहती है; आपूर्ति न होने पर ये घट जाती है.’
जब पाचन कमजोर होता है, भोजन पचाने और अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालने का काम गंभीर रूप से प्रभावित होता है. अपशिष्ट पदार्थ बाहर नहीं निकलने पर शरीर में विषाक्त पदार्थों या ’अमा’ बनता है.
खराब पाचन से उत्पन्न होने वाले विषैले पदार्थ 'अमा' की मौजूदगी शरीर में सभी तरह की बीमारियों का कारण है. अष्टांग हृदय सूत्र में उल्लेख है कि 'अमा' मार्गों को अवरुद्ध करता है. यह अपच, सुस्ती के लिए जिम्मेदार है. इससे शरीर भारीपन महसूस करने के साथ ही कम ऊर्जा, बेचैनी, विषाक्त पदार्थों का संचय और स्वाद खत्म होने की दिक्कतों का सामना करता है.
गट की दिक्कतें आमतौर पर कब्ज, एसिडिटी, भूख की कमी, क्रेविंग, पेट फूलने और गैस के रूप में सामने आती है.
आयुर्वेद, पचाने वाली आग की भूमिका पर जोर देता है, जिसे ‘अग्नि‘ कहते हैं. ये उस भोजन को तोड़ने के लिए जिम्मेदार है, जो भी हम पर्यावरण से ग्रहण करते हैं. यह उपयोगी चीजों को लेने और अवांछित चीजों को बाहर निकालने में मदद करता है.
जब हमारा पाचन मजबूत होता है तो यह प्रक्रिया कुशलता से होती है. शरीर स्वास्थ्य और ऊर्जा का रहस्य ओजस को प्रोड्यूस करने में सक्षम होता है. ओजस संपूर्ण स्वास्थ्य, ऊर्जा और आजीविका के लिए जिम्मेदार सार है. यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का आधार है. यह ताकत और इम्यूनिटी में मदद करता है.
अनहेल्दी लिविंग, निगेटिव इमोशनल एनर्जी, सुस्त लाइफस्टाइल, जंक फूड खाने, हेल्दी रूटीन न रखने और नींद की कमी से अग्नि कमजोर हो जाती है.
इसके लिए सिंपल स्टेप्स के साथ शुरुआत करें. आप प्रोसेस्ड, बासी और ऑयली फूड खाना बंद कर दें. आपको एक पौष्टिक नाश्ता, दोपहर का संतुलित भोजन और रात का हल्का भोजन करने की जरूरत है.
दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच दोपहर का भोजन करने से पाचन में मदद मिलती है क्योंकि उस समयअग्नि सबसे मजबूत होती है. सूरज ढलते ही यह कम हो जाती है. रात का खाना रात 8 बजे से पहले खाना चाहिए.
ऑफिस कैफेटेरिया में खाने से बचने के लिए लंच पैक करके ले जाएं. जीरा और अपनी पसंद के मसालों के साथ कोई भी मौसमी सब्जी, रोटी और दही एक आसान और हेल्दी ऑप्शन हो सकता है.
डिनर दिन का सबसे हल्का भोजन हो, जीरा, अदरक और सब्जियों के साथ एक सिंपल खिचड़ी आपको तृप्त करने के साथ ही आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकती है.
पर्यावरण और जिस तरह से हम भोजन लेते हैं, वह अच्छे पाचन के लिए महत्वपूर्ण है. अगर हम बिना किसी टाइमटेबल के, बिना रुचि या अनमने ढंग से अनहेल्दी खाना खाते हैं. निगेटिव फीलिंग्स या विचारों को बढ़ावा देते हैं, तो हमें पेट संबंधी समस्या हो सकती है.
आयुर्वेद में कृतज्ञता के साथ भोजन करने की सलाह दी जाती है. जब हम भोजन को आशीर्वाद मानते हैं, तो हम सकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, जो पाचन को बढ़ाती हैं. मन लगाकर खाना खाने के लिए बैठना, टीवी देखे बगैर या मोबाइल पर मैसेज किए बिना भोजन करना भी मददगार होता है.
(नूपुर रूपा एक फ्रीलांस राइटर और मदर्स की लाइफ कोच हैं. वो पर्यावरण, भोजन, इतिहास, पालन-पोषण और यात्रा पर आर्टिकल लिखती हैं.)
ऐसी और स्टोरीज के लिए हमारे हटके इलाज सेक्शन को फॉलो करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 02 May 2019,12:33 PM IST