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23 की उम्र में हार्ट अटैक! भारत के युवाओं को ज्यादा खतरा क्यों?

हर रोज 30 साल तक के 900 भारतीयों की मौत हार्ट अटैक के कारण होती है.

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ऋषभ अग्रवाल, जिन्हें 23 की उम्र में हार्ट अटैक पड़ा
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ऋषभ अग्रवाल, जिन्हें 23 की उम्र में हार्ट अटैक पड़ा
(फोटो: Fit)

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मेरा नाम ऋषभ अग्रवाल है. मैं 23 साल का हूं. और मुझे ढाई महीने पहले ही हार्ट अटैक हुआ था. 

ट्रिनिटी हॉस्पिटल की स्टडी (2013) के मुताबिक रोजाना 30 साल तक के 900 भारतीयों की मौत हार्ट अटैक से होती है.

आज के दौर में ये अब सिर्फ बुजुर्गों की दिक्कत नहीं रही. 20 से 30 की उम्र तक के लोग अपने दिल की सेहत को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि इसके लिए हमारी लाइफस्टाइल जिम्मेदार है.

हार्ट अटैक के बाद ऋषभ ने तो अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव कर लिए हैं. लेकिन ऋषभ जैसे हजारों लोग हैं, जिन्हें दूसरा मौका नहीं मिलता.

मैं बिल्कुल फिट था. मेरी फैमिली में भी किसी को दिल से जुड़ी दिक्कतें नहीं रही. ये बस हो गया.
ऋषभ अग्रवाल, 23, फैक्ट्री मालिक

ऋषभ की हार्टबीट 22-23 प्रति मिनट हो गई थी, जो कि बेहद खतरनाक स्थिति है. सामान्य तौर पर हार्टबीट 70-80 प्रति मिनट होनी चाहिए. रात को घर आने के बाद ऋषभ बेहोश हो गए और वो अकेले थें. शुक्र है कि ऋषभ के मौसाजी यूं ही मिलने पहुंच गए. जब ऋषभ ने दरवाजा नहीं खोला, तो वो दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे.

ऋषभ को आईसीयू में एडमिट कराया गया और उन्हें दो दिन बाद होश आया.

एक्सरसाइज न करना, खाने की खराब आदतें, मेंटल स्ट्रेस, नींद की कमी- इन वजहों से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं.
डॉ अतुल माथुर, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट, फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट

ऋषभ बताते हैं, 'मैं इस तरह से पला-बढ़ा हूं कि मुझे कभी बहुत काम करने की जरूरत नहीं पड़ी. इसलिए जब मैंने काम करना शुरू किया, तो काफी स्ट्रेस ले लिया. मैं 12 घंटों तक काम करता और उसके बाद भी काफी देर में सोता था. अपनी डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान नहीं देता.'

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क्या किसी फिट इंसान को भी दिल की बीमारी हो सकती है?

डॉ माथुर के मुताबिक किसी को देखकर इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे बहुत से दिल के मरीज हैं, जो दिखने में दुबले-पतले होते हैं और उनकी लाइफस्टाइल भी काफी एक्टिव होती है. लेकिन अगर किसी में ये रिस्क फैक्टर्स- फैमिली हिस्ट्री, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान हैं. ऐसे में हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है.

डॉ माथुर बताते हैं कि जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज भी ठीक नहीं है. अगर कोई बहुत कठिन एक्सरसाइज करता है, जैसे कोई रोज दौड़ता है या कोई गेम खेलता है, इस वजह से भी धमनियों में एकाएक ब्लॉकेज हो सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है.

इसलिए ये जरूरी है कि जिन लोगों को इसका खतरा है, उन्हें नियम से जांच कराते रहना चाहिए.

दिल की बीमारियों से बचने के उपाय

  • इसके जोखिम कारकों से बचें और उन्हें कम करने की कोशिश करें, जैसे स्मोकिंग, मोटापा, हाई बीपी और खराब लाइफस्टाइल.
  • रोजाना एक्सरसाइज करें. इसका मतलब जरूरत से ज्यादा वर्कआउट नहीं है. दरअसल, बॉडी बिल्डिंग और सप्लीमेंट्स से आपको नुकसान भी हो सकता है. दिल को दुरुस्त रखने के लिए 45 मिनट तक टहलना भी काफी है.
  • खानपान पर ध्यान दें. फल व सब्जियों का सेवन करें. मलाई, मक्खन, मिठाई और मटन न खाएं. इन चीजों का सेवन कम से कम होना चाहिए.
  • काम और लाइफ में बैलेंस के साथ स्ट्रेस से डील करें. तनावपूर्ण जिंदगी से बचने के लिए परिवार, दोस्तों के साथ वक्त बिताएं और अपनी पसंद की चीजें करें, रिलैक्स करें.
  • नियमित तौर पर अपनी जांच कराते रहें.

बीमारी का इंतजार ना करें, बचाव के तरीके अपनाएं. शुरुआत से ही हेल्दी आदतें विकसित कर लें.

कैमरा पर्सन: अभय शर्मा और सुमित बडोला

वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास

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Published: 29 Sep 2018,05:35 PM IST

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