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क्या रिश्ता है आपके अकेलेपन और दिल का? 

अकेले रहने का नुकसान.

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अकेलापन, सामाजिक अलगाव आपके लिए स्ट्रोक, हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा देते हैं
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अकेलापन, सामाजिक अलगाव आपके लिए स्ट्रोक, हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा देते हैं
(फोटो: iStock) 

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अकेलापन सचमुच में आपका दिल तोड़ सकता है. टाइम मैग्जीन की रिपोर्ट के अनुसार हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि अलगाव, अकेलापन और नाखुशी से आपको हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा होता है.

एक ऐसी दुनिया में जो इतिहास में पहली बार इतनी कनेक्टेड है, इंसान लगातार अकेलेपन का शिकार होता जा रहा है, यह अच्छी खबर नहीं है. अकेले लोगों के हार्ट अटैक (दिल का दौरा) और स्ट्रोक (पक्षाघात) का शिकार होने की ज्यादा आशंका होती है. सामाजिक अलगाव से इंसान को हार्ट की बीमारियां हो जाती हैं, जिनसे उनकी मौत हो जाने का खतरा भी रहता है.

यूनाइटेड किंगडम में करीब 4,80,000 वयस्कों से उनके सामाजिक जीवन, अकेलेपन, मेडिकल हिस्ट्री और लाइफस्टाइल की आदतों के बारे में बात की गई और उन पर सात साल तक निगरानी रखी गई. अध्ययन से मिले शुरुआती आंकड़े चिंता पैदा करने वाले हैंः

सामाजिक अलगाव के कारण पहली बार हार्ट अटैक का खतरा 43% ज्यादा होता है और स्ट्रोक का खतरा 39% ज्यादा होता है. वहीं अकेलापन पहली बार हार्ट अटैक का खतरा 49% ज्यादा बढ़ा देता है, जबकि पहली बार स्ट्रोक का खतरा 36% बढ़ा देता है.  
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पहले शोधकर्ता सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य कारकों को जिम्मदार बताते थे, लेकिन अब इनकी हिस्सेदारी कम हो गई है. एकांतवास ने हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा क्रमशः 7% और 6% बढ़ा दिया. एकाकीकन ने हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 6% और 4% बढ़ा दिया.

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा किए गए एक और अध्ययन में दावा किया गया है कि ‘सामाजिक एकाकीपन, एकांतवास लोगों की सेहत के लिए मोटापे से ज्यादा खतरनाक है.’

दिल्ली के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. अचल भगत के मुताबिक अकेलापन आपकी सेहत को प्रभावित करता है.

दिमाग में अकेलेपन के ख्याल से आपका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है.
डॉ. अचल भगत

आपको एकाकीपन से निकलने की कोशिश करनी चाहिए. हर रोज किसी नए शख्स से बात करने की कोशिश करनी चाहिए.

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Published: 05 May 2018,10:50 AM IST

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