लंबी अवधि तक बिना रुके ड्राइव करना और वह भी टाइट कपड़े पहनकर खतरनाक हो सकता है. जी हां, ये पल्मोनरी एम्बोलिज्म यानी फेफड़ों में धमनियां ब्लॉक होने की वजह बन सकता है क्योंकि इन दोनों चीजों से शरीर में खून का प्रवाह रुक सकता है.

पल्मोनरी एम्बोलिज्म कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकता है और समय पर इलाज ना हो, तो जान भी जा सकती है.

दिल्ली के रहने वाले सौरभ शर्मा 12 अक्टूबर, 2019 को अपने ऑफिस की सीढ़ियों पर बेहोश पाए गए. ऑफिस के लोगों ने उन्हें होश में लाने की कोशिश की, लेकिन एक पल के लिए होश आने के बाद वो दोबारा बेहोश हो गए. उन्हें तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन इस दौरान हालत और बिगड़ गई और उन्हें मैक्स हॉस्पिटल, शालीमार बाग रेफर कर दिया गया.

8 घंटे की लगातार ड्राइव से ब्लॉक हुई धमनियां!

हॉस्पिटल पहुंचे सौरभ का पल्स 10-12 प्रति मिनट था और ब्लड प्रेशर रिकॉर्ड नहीं हो रहा था. ईको से पल्मोनरी एम्बोलिज्म (फेफड़ों की धमनियों में ब्लॉकेज) का खतरा स्पष्ट होने पर दिल की हालत और बिगड़ने से रोकने के लिए तुरंत ब्लड क्लॉट खोलने की दवा दी गई. इमरजेंसी में कॉर्डियोलॉजी टीम ने 45 मिनट तक लगातार सीपीआर देकर उनके शरीर में जान डाली.

कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ नवीन भामरी बताते हैं, "सौरभ को जब इमरजेंसी में लाया गया तो उनकी सांसें मानो थम गई थीं. शरीर नीला पड़ गया था. सीपीआर से वे होश में आए और फिर 24 घंटों में उनका बीपी स्टेबल हुआ. लेकिन उन्हें पेशाब बिल्कुल नहीं हो रहा था. ऐसा इसलिए था क्योंकि लंबे समय से बीपी बहुत कम होने के नाते उनकी किडनियों ने सही से काम करना बंद कर दिया था. उनकी तुरंत कंटिन्यूअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी शुरू की गई, जो 24 घंटे तक चलने वाला डायलेसिस होता है."

डॉ भामरी बताते हैं कि उन्हें बाद में समझ आया कि इस भयानक पल्मोनरी एम्बोलिज्म की वजह 8 घंटे की लंबी ड्राइव थी क्योंकि उस दौरान मूवमेंट बिल्कुल नहीं हुआ था, इसके कारण सौरभ की टांगे अकड़ गई थीं. इसके अलावा डॉक्टरों के मुताबिक इस मामले में टाइट जीन पहनना भी खून का थक्का जमने की एक वजह हो सकता है.

सौरभ 5 दिनों के बाद ठीक हो गए और अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पल्मोनरी एम्बोलिज्म और कार्डियक अरेस्ट

भारत में दिल की बीमारियों से मौत के ज्यादा मामले होते हैं और हर 1 लाख लोगों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म के 23 से 69 मामले होते हैं.

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के 50 प्रतिशत मामलों में कार्डियक अरेस्ट होता है. इसलिए कार्डियक अरेस्ट के मामलों में क्लिनिकल डायग्नोसिस के जरिए ये फर्क करना जरूरी होता है कि उसकी वजह दिल की समस्या थी या फिर कोई दूसरा कारण.
डॉ नवीन भामरी

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के रिस्क फैक्टर

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कई रिस्क फैक्टर हैं, जैसे लंबे वक्त तक निचले अंगों को नहीं चलाना, डिहाइड्रेशन, सर्जरी के बाद की हालत (अगर मरीज को 24 घंटों से अधिक बेड रेस्ट कहा जाता है), थक्का जमने की समस्या, प्रेग्नेंसी और कुछ आनुवांशिक कारण भी होते हैं.

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के मामले बढ़ने की वजह गलत जीवनशैली, एक्सरसाइज ना करना और अनहेल्दी आदतें हैं.

इसलिए याद रखें कि अगर काम करते हुए आप लंबे समय तक शरीर को स्थिर रखते हैं तो इसके भयानक दुष्परिणाम हो सकते हैं. मसल्स को मूव करते रहना और ब्लड सर्कुलेशन बनाए रखना बेहद जरूरी है.

हमें नियमित व्यायाम करना चाहिए और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए. बैठकर काम करने के दौरान हर 2 घंटे पर ब्रेक लेना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 22 Nov 2019,11:34 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT