यूनिसेफ की ओर से भारत और दक्षिण एशिया में गहराते वायु प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया गया है.
UNICEF की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे ने आगाह किया है कि प्रदूषित हवा बच्चों के मस्तिष्क विकास को प्रभावित कर सकती है.
हाल ही में भारत का दौरा कर चुकीं फोरे ने कहा, "मैंने अपनी आंखों से देखा है कि बच्चे वायु प्रदूषण के भयानक परिणामों से किस तरह लगातार पीड़ित हो रहे हैं."
फोरे ने कहा कि वायु प्रदूषण बच्चों पर सबसे ज्यादा बुरा असर डालता है और यह उनके जीवन को लगातार प्रभावित करता रहता है क्योंकि उनके फेफेड़े अपेक्षाकृत छोटे होते हैं और वे वयस्कों के मुकाबले दोगुना तेजी से सांस लेते हैं और उनकी इम्यूनिटी भी कम होती है.
उन्होंने कहा, "इस बात के सबूत हैं कि बहुत ज्यादा प्रदूषित हवा में रह चुके किशोरों को अपेक्षाकृत अधिक मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करना पड़ता है."
फोरे ने कहा कि UNICEF दक्षिण एशिया में 62 करोड़ बच्चों को प्रभावित कर रहे इस वायु गुणवत्ता संकट से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करता है.
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