प्रदूषित हवा के प्रकोप से बचने के लिए आप क्या-क्या कर रहे हैं? एंटी पॉल्यूशन मास्क, इंडोर प्लांट्स, इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजें लेना, बाहर निकलने से बचना और घर या ऑफिस के अंदर की हवा साफ करने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल.
लेकिन हम आपको बता दें कि एयर प्यूरिफायर रखकर भी आप बेफिक्र नहीं हो सकते.
BreatheEasy कंसल्टेंट्स के CEO बरुण अग्रवाल बताते हैं कि मार्केट में मौजूद 98 प्रतिशत से ज्यादा एयर प्यूरिफायर क्लोरिन, डाइऑक्सिन, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, अमोनिया जैसी हानिकारक गैसें नहीं हटाते हैं क्योंकि 50 ग्राम के कार्बन फिल्टर से इन गैसों को नहीं हटाया जा सकता है.
साथ ही एयर प्यूरिफायर कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को घटाने की क्षमता भी नहीं रखते. ऐसे में आपके ऑफिस या घर में बेहतर वेंटिलेशन के अभाव में कार्बन डाइऑक्साइड खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है.
ब्रीदईजी कंसल्टेंट्स की ओर से एक साल तक अप्रैल 2018 और मार्च 2019 के बीच की गई एक स्टडी के दौरान कई घरों में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल 750 पीपीएम की सुरक्षित सीमा के मुकाबले 3,900 पीपीएम से अधिक पाया गया था.
सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट और मैक्स हॉस्पिटल में कंसल्टेंट डॉ शरद जोशी बताते हैं कि कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ना सुरक्षित नहीं है.
हवा में CO2 लेवल और संभावित स्वास्थ्य समस्याएं:
250 - 350 ppm: बाहर की हवा में CO2 का सामान्य लेवल
350 - 1,000 ppm: बंद जगहों पर जहां वेंटिलेशन हो
1,000 - 2,000 ppm: इस लेवल पर लोगों को सुस्ती लग सकती है और इसे खराब हवा माना जाता है
2,000 - 5,000 ppm: इस लेवल पर सिर दर्द, नींद, आलस, सांस लेने में कठिनाई, किसी चीज में ध्यान ना लगा पाना, हार्ट रेट बढ़ना, मिचली जैसी समस्या हो सकती हैं.
5,000 ppm: ये एयर कंडिशन सामान्य नहीं होती. ऐसे में टॉक्सिसिटी या ऑक्सीजन की कमी हो सकती है.
40,000 ppm: ऑक्सीजन की कमी के कारण ये लेवल तुरंत हानिकारक है
डॉ शरद जोशी बताते हैं कि मार्केट में कई तरह के एयर प्यूरिफायर मौजूद हैं, इसलिए आपको इनका चुनाव करते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए.
बरुण अग्रवाल कहते हैं कि बाजार का कोई भी एयर प्यूरिफायर कार्बन डाइऑक्साइड लेवल को नहीं घटा सकता है.
वो बताते हैं, “हमने IQAir की मशीन के साथ समाधान निकाला है और हम चाहते हैं कि दूसरे भी इसी तरह का समाधान निकालें.”
डॉ शरद जोशी एयर प्यूरिफायर के साथ ही घर के अंदर स्नेक प्लांट, एरिका पाल्म, मनी प्लांट और तुलसी जैसे इंडोर प्लांट्स लगाने की सलाह देते हैं.
इसके अलावा ये जरूरी नहीं है कि सभी एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डिवाइस कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल भी बताएं, इसलिए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डिवाइस लेते वक्त भी आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप जो डिवाइस ले रहे हैं, वो किन-किन प्रदूषकों का लेवल मेजर कर सकती है. उदाहरण के लिए Kaiterra की Laser Egg+ CO2 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डिवाइस कार्बन डाइऑक्साइड के साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स, पीएम 2.5, तापमान और ह्यूमिडिटी बताती है.
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अगर आप साफ हवा के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो कार्बन डाइऑक्साइड लेवल को कंट्रोल करने और हानिकारक गैसों को फिल्टर करने के लिए बेहतर वेंटिलेशन के साथ अच्छे एयर प्यूरिफायर का चुनाव करना जरूरी है क्योंकि एक समस्या सुलझाने के लिए दूसरी समस्या बढ़ाने में कोई समझदारी नहीं है.
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Published: 07 Nov 2019,01:44 PM IST