एंटीबायोटिक दवाओं के अनियंत्रित इस्तेमाल से उनके खिलाफ बैक्टीरिया और वायरस में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो रही है. ऐसे में आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक दवाएं इनका विकल्प साबित हो सकती हैं.
रिसर्च टीम के प्रमुख और एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ समरन सिंह के अनुसार, आमतौर पर आयुर्वेदिक दवाएं प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं, लेकिन फीफाट्रोल में बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने की क्षमता देखी गई है. सिंह के अनुसार, शुरुआती नतीजे उत्साहजनक हैं.
इस प्रजाति के कई बैक्टीरिया सक्रिय हैं, जिनमें आरियस, एपिडर्मिस, स्पोफिटिकस उप प्रकार शामिल हैं. इन तीनों बैक्टिरिया के खिलाफ यह प्रभावी रूप से कारगर पाया गया है. एक अन्य बैक्टीरिया पी रुजिनोसा के खिलाफ भी ये असरदार है. इसके अलावा इकोलाई, निमोनिया, के एरोजेन जैसे बैक्टीरिया के प्रति भी इसमें संवेदनशील प्रतिक्रिया देखी गई.
फीफाट्रोल 13 जड़ी बूटियों से तैयार एक एंटी माइक्रोबियल सोल्यूशन है, जिसमें पांच बूटियों की प्रमुख हिस्सेदारी और 8 जड़ी बूटियों के अंश मिलाए गए हैं.
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ रामनिवास पराशर के अनुसार, यह शोध साबित करता है कि आयुर्वेद में एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प मौजूद है, जो पूरी तरह से जड़ी-बूटियों पर आधारित है. इसलिए सरकार को इस दिशा में फोकस करना चाहिए.
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Published: 21 Oct 2019,01:33 PM IST