जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए सर्दियों का मौसम मुश्किल पैदा कर सकता है. ऑस्टियोअर्थराइटिस की स्थिति तब होती है, जब आपके जोड़ों में उपस्थित कार्टिलेज धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगती है और इस वजह से हड्डियां आपस में एक-दूसरे से घिसने या रगड़ने लगती हैं, फलस्वरूप जकड़न, जोड़ों में दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है.
जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ प्रताप चौहान ने कुछ उपाय सुझाए हैं, जिनका उपयोग आप जोड़ों के इस दर्द से उबरने के लिए कर सकते हैं.
साइकिलिंग और तैराकी जैसे कुछ कसरतों के साथ आप अपनी जीवनशैली में ज्वॉइंट रोटेशन को शामिल करें. जोड़ों के इस घुमाव से आपको दर्द से राहत मिलेगी और स्थिति को बिगड़ने से रोकने में मदद मिलेगी.
यह आयुर्वेद चिकित्सा का एक रूप है, जिसमें औषधीय तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है. इससे एक तो वात की समस्या कम होती है और दूसरी इससे उत्तकों से टॉक्सिन को बाहर निकलने में मदद मिलती है.
अगर आप रुमेटॉइड अर्थराइटिस से पीड़ित हैं, तो अभ्यंग का अभ्यास ना करें.
गठिया को एक ऐसे रोग के रूप में देखा जाता है, जिसमें वात की अधिकता हो जाती है जिससे पूरे शरीर में नमी कम होने लगती है और इस वजह से चिकनाई में कमी होने लगती है.
योग को अपनी जिंदगी में शामिल करें. ताड़ासन, वीरभद्रासन और दंडासन से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और इससे गति में तेजी आती है.
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए उचित और संतुलित खानपान बेहद जरूरी है. 'रक्ताशली' और 'शष्टिका' जैसे अनाजों के सेवन से दर्द में राहत मिलती है.
करेला, बैंगन, नीम और सहजन के डंठल का सेवन इस रोग में अधिक से अधिक करें और साथ ही तमाम तरह के बेर और एवोकैडो भी खाएं.
(फिट नोट: ये लेख सिर्फ आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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Published: 23 Dec 2019,11:49 AM IST