बिहार के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल, पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल(PMCH) में डॉक्टरों के लिए निकाले गए ऑर्डर ने विवाद खड़ा कर दिया है. ऑर्डर के खिलाफ डॉक्टरों ने विरोध जताया है.

7 जुलाई को PMCH मेडिकल सुप्रिटेंडेंट द्वारा निकाले गए ऑर्डर में कहा गया कि डॉक्टर अगर किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने के बाद क्वॉरंटीन होना चाहें तो उन्हें विभाग के हेड से परमिशन लेनी होगी. अपनी ड्यूटी अरेंज करवाने के बाद ही वो क्वॉरंटीन हो सकते हैं. यानी उन्हें अपनी जगह किसी सहयोगी डॉक्टर को ड्यूटी पर लगवाने के बाद ही इसकी इजाजत मिलेगी.

(फोटो: फिट हिंदी)

इस फरमान को लेकर डॉक्टरों ने आपत्ति जताई है. बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन ने बिहार के प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेटरी को लेटर लिखकर इसे रद्द करने की मांग की है.

एसोसिएशन के वाइस प्रसिडेंट डॉ. डीके सिंह ने फिट से बातचीत में कहा कि,

“अगर कोई डॉक्टर किसी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आता है तो वो अपनी सुरक्षा के बारे में सोचेगा, खुद को क्वॉरंटीन करेगा या किसी से ये गुजारिश करेगा कि उनकी जगह कोई और ड्यूटी कर दे. अगर 10 में से 8 डॉक्टरों के क्वॉरंटीन होने की स्थिति आ गई तो अपनी जगह ड्यूटी करने के लिए वो कहां से डॉक्टर लाएंगे. बचे हुए 2 डॉक्टर 8 डॉक्टरों का काम कैसे करेंगे?”
डॉ. डीके सिंह, वाइस प्रसिडेंट, बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन

उन्होंने कहा कि इस ऑर्डर में कोई तर्क नहीं है और इसे लागू कर पाना मुमकिन नहीं है.

(फोटो: फिट हिंदी)
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डॉक्टरों ने जताई नाराजगी

सोशल मीडिया पर भी इस आदेश के खिलाफ डॉक्टरों की नाराजगी दिखी. AIIMS RDA के पूर्व जनरल सेक्रेटरी डॉ. राजीव रंजन ने इस बारे में ट्वीट कर लिखा है कि “डॉक्टर्स की जरूरत पड़ने पर उनकी व्यवस्था करना एडमिन का काम है. डॉक्टर्स की सुरक्षा और रिस्क को दरकिनार कर ऐसा ऑर्डर निकालना बेतुका है.”

फिट ने PMCH के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. बिमल कारक को फोन कर ऑर्डर और इस विरोध को लेकर फोन पर प्रतिक्रिया जाननी चाही. फोन का जवाब मिलने पर स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.

बता दें, बिहार की राजधानी पटना में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. हेल्थकेयर वर्कर्स और डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं. बिहार में 9 लैब में कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. PMCH का लैब भी उनमें से एक है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक PMCH में अब तक संक्रमित डॉक्टरों और कर्मचारियों की संख्या 30 पर पहुंच गई है.

हाल ही में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एक डॉक्टर और एक लैब टेक्नीशियन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लैब बंद कर दिया गया था. सोमवार को 3 दिन की बंदी के बाद इसे खोला गया.

8 जुलाई तक, पटना में कुल 1351 कंफर्म मामले मिले हैं. इसमें 698 एक्टिव मामले हैं वहीं मौतों की संख्या 12 है.

पूरे बिहार में 12570 केस मिले हैं. मौतों का आंकड़ा 104 पर पहुंच गया है. पटना में संक्रमण को देखते हुए 10 जुलाई से 1 सप्ताह तक कंप्लीट लॉकडाउन का आदेश भी दिया गया है.

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Published: 08 Jul 2020,08:19 PM IST

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