देश में बर्ड फ्लू (Bird Flu) से पहली मौत का मामला सामने आया है. एम्स, दिल्ली में मंगलवार, 20 जुलाई 2021 को 11 साल के एक बच्चे की मौत की खबर है. हरियाणा के इस बच्चे को H5N1 से संक्रमित पाया गया था और पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में इलाज चल रहा था.

भारत में इंसानों में H5N1 संक्रमण का ये पहला मामला माना जा रहा है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक बच्चा ल्यूकेमिया और निमोनिया से जूझ रहा था. उसे 2 जुलाई को एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया गया था.

एनडीटीवी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के हवाले से बताया कि बच्चे का कोविड सैंपल निगेटिव आया था और उसे इन्फ्लूएंजा पॉजिटिव पाया गया था. H5N1 की पुष्टि पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की ओर से की गई.

एम्स के अधिकारियों ने बताया कि बच्चे के संपर्क में आए सभी स्टाफ को फ्लू के लक्षणों को लेकर सतर्क रहने की हिदायत दे दी गई है.

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की एक टीम को बच्चे के गांव भेजा गया है. जहां ये टीम बर्ड फ्लू के और मामलों का पता लगाएगी और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करेगी.

क्या है बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू?

एवियन इन्फ्लूएंजा एक वायरल बीमारी है जो संक्रामक होती है. एवियन फ्लू को अक्सर बर्ड फ्लू कहा जाता है. इसके कारण पक्षियों में गंभीर रेस्पिरेटरी बीमारी हो जाती है.

बर्ड फ्लू के कई प्रकार हैं, लेकिन H5N1 ऐसा पहला बर्ड फ्लू वायरस था, जिससे इंसानों को संक्रमित पाया गया. H5N1 और H7N9 वायरस के सबसे कॉमन स्ट्रेन हैं.

H5N1 क्या है?

H5N1 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो पक्षियों में अत्यधिक संक्रामक, गंभीर श्वसन रोग का कारण बनता है जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (या "बर्ड फ्लू") कहा जाता है. H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसका संक्रमण मुश्किल होता है. हालांकि इससे संक्रमित होने पर मृत्यु दर लगभग 60% दर्ज की गई है.

लोगों में H5N1 संक्रमण कैसे फैलता है?

लोगों में H5N1 संक्रमण के लगभग सभी मामले संक्रमित पक्षियों (जीवित या मृत), या H5N1-दूषित वातावरण के निकट संपर्क से जुड़े पाए गए हैं. यह वायरस मनुष्यों को आसानी से संक्रमित नहीं करता है, और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके ट्रांसमिशन का कोई सबूत नहीं है.

जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इन्पेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉ. माला कनेरिया कहती हैं कि बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षी (मृत या जीवित) के निकट संपर्क से हो सकता है या कच्चे-अधपके पोल्ट्री प्रोडक्ट खाने से भी संक्रमण का रिस्क हो सकता है.

संक्रमित पक्षी की लार से दूषित किसी चीज या सतह को छूने और फिर आंख, नाक या मुंह को छूने से संक्रमण फैल सकता है.
डॉ. माला कनेरिया, कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ इन्फेक्शियस डिजीज, जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुंबई

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ठीक से तैयार और अच्छी तरह से पके हुए भोजन से लोगों में यह बीमारी फैल सकती है.

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H5N1 इन्फ्लूएंजा को लेकर इतनी चिंता क्यों है?

मनुष्यों में H5N1 संक्रमण गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और इसमें मृत्यु दर ऊंची पाई गई है. वहीं इन्फ्लूएंजा वायरस लगातार आनुवांशिक परिवर्तनों से गुजरते हैं. अगर H5N1 वायरस गंभीर रोग पैदा करने की अपनी क्षमता को बनाए रखते हुए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचरित होने लगे, तो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं.

इंसानों में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण क्या हैं?

  • बुखार (अक्सर तेज बुखार, > 38°C)

  • खांसी

  • गले में खराश

  • मांसपेशियों में दर्द

  • पेट दर्द

  • सीने में दर्द

  • दस्त

संक्रमण तेजी से गंभीर श्वसन बीमारी (उदाहरण के लिए, सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ, निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) और तंत्रिका संबंधी परिवर्तन (बदली हुई मानसिक स्थिति या दौरे) कर सकता है.

इंसानों में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा का इलाज कैसे किया जाता है?

मनुष्यों में संक्रमण के मामलों में एवियन इन्फ्लूएंजा एक गंभीर बीमारी में विकसित हो सकता है, जिसका तुरंत अस्पताल में इलाज किया जाना चाहिए और जहां उपलब्ध हो वहां गहन देखभाल की आवश्यकता हो सकती है. एंटीवायरल दवा ओसेल्टामिविर बीमारी की गंभीरता को कम कर सकती है और मौत से बचाने में मददगार हो सकती है.

डॉ. माला कनेरिया कहती हैं कि बुखार और रेस्पिरेटरी लक्षण महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय पर इलाज शुरू किया जा सके.

क्या H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा से मानव संक्रमण को रोकने के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है?

H5N1 संक्रमण को रोकने के लिए कैंडिडेट वैक्सीन विकसित की गई हैं, लेकिन ये व्यापक उपयोग के लिए तैयार नहीं हैं.

क्या सीजनल इन्फ्लूएंजा (सीजनल फ्लू) वैक्सीनेशन H5N1 वायरस से सुरक्षा देता है?

सीजनल इन्फ्लूएंजा वैक्सीनेशन H5N1 संक्रमण से बचाव करता नहीं पाया गया है.

क्या चिकन, पोल्ट्री उत्पाद खाना सुरक्षित है?

हां, ठीक से तैयार और पका हुआ पोल्ट्री खाना सुरक्षित है. वायरस हीट के प्रति संवेदनशील है. खाना पकाने के लिए उपयोग किया जाने वाले सामान्य तापमान (70 डिग्री सेल्सियस) में ये वायरस नहीं रह सकता है.

एक मानक एहतियात के तौर पर, विश्व स्वास्थ्य सिफारिश करता है कि मुर्गी पालन, कुक्कुट उत्पादों को हमेशा सफाई का पालन करते हुए तैयार किया जाना चाहिए, और पोल्ट्री मांस को ठीक से पकाया जाना चाहिए.

(इनपुट: WHO, NDTV, ANI)

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Published: 21 Jul 2021,11:05 AM IST

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