2 साल तक कैंसर से जूझने के बाद बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का निधन हो गया है. 2 दिन पहले ही उनको मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया था. इरफान की तबीयत काफी बिगड़ गई थी जिसके चलते उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी पत्नी सुतापा सिंकदर और दो बेटे उनके साथ थे.

मार्च 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता लगने के बाद से इरफान बीमार थे और इसी के चलते उन्हें मेडिकल अटेंशन में रखा गया था. हालांकि एक साल पहले ही लंदन से इलाज कराकर वो भारत लौट आए थे.

क्या है न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर?

इस बीमारी का ब्रेन ट्यूमर से कोई भी संबंध नहीं है. दरअसल, एंडोक्राइन ट्यूमर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, यानी हार्मोन पैदा करने वाले शरीर के हिस्सों में ये ट्यूमर होता है.

बीमारी का पता चलने के बाद इरफान खान ने फैंस के लिए अपने मैसेज में भी कहा था, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि दुआएं करते रहिएगा. वैसे न्यूरो शब्द हमेशा दिमाग से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. आप गूगल करके भी इस बारे में रिसर्च कर सकते हैं.

अब जहां तक रही न्यूरो एंडोक्राइन ग्लैंड की बात, तो शरीर के एंडोक्राइन ग्लैंड्स में से ही एक है न्यूरो एंडोक्राइन ग्लैंड. जो बॉडी में हार्मोन रिलीज करने का काम करता है, और जब ये रिलीज जरूरत से ज्यादा होने लगता है तो वो ट्यूमर बन सकता है.

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डॉक्टरों की क्या राय है?

दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल, साकेत के निदेशक डॉक्टर जेडी मुखर्जी ने फिट से बातचीत में कहा था कि इसका इलाज गंभीर होता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वो इरफान खान के केस को नहीं जानते, इसलिए कुछ कह नहीं सकते.

डॉक्टर मुखर्जी ने बताया कि ये जरूरी नहीं है कि हर ऐसा ट्यूमर कैंसर बन जाए. इसका इलाज ट्यूमर के साइज और उसके जगह को ध्यान में रखकर किया जाता है, ये एक रेयर बीमारी है.

कहां-कहां हो सकती है ये बीमारी

इस बीमारी के कई प्रकार हैं, और ये शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होता है. न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर पैंक्रियास, इंटेस्टाइन (आंत) और फेफड़े में हो सकता है. कभी-कभी ये ट्यूमर ही हार्मोन रिलीज करने लगता है और दिक्कत और बढ़ जाती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ पहले के एक इंटरव्यू में, एक्टर ने खुलासा किया था कि वो एक ट्रायल स्टडी का हिस्सा थे और इलाज को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता था. “अब मुझे हाई-ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर का पता चला है. मेरी शब्दावली में ये नया नाम, मुझे पता चला, ये रेयर था, और कम केस स्टडी और तुलनात्मक रूप से कम जानकारी के कारण, इलाज को लेकर पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता था. मैं ट्रायल-एंड-एरर गेम का हिस्सा था.”

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Published: 29 Apr 2020,12:31 PM IST

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