अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, धूम्रपान नहीं करते हैं, पहले कभी सांस संबंधी बीमारी भी नहीं रही है और आप अपने फेफड़ों की चिंता किए बगैर सुबह दौड़ लगाना पसंद करते हैं, तो आपको अब गंभीर हो जाने की जरूरत है क्योंकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आपके आसपास का वायु प्रदूषण औसतन प्रतिदिन 15-20 सिगरेट पीने के बराबर है.
दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण इतना ज्यादा जहरीला था कि पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) को दिल्ली-एनसीआर में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना पड़ा और लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को वातावरण के संपर्क में सीमित रूप से ही आने की सलाह दी है.
नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ राजेश चावला ने कहा, "दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं रहा है. यह अब संकट बन गया है. दिल्ली में हर कोई इससे प्रभावित है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप धूम्रपान करते हैं या नहीं, यहां हर कोई समान रूप से 15 से 20 सिगरेट रोजाना पी रहा है."
उत्तर भारतीय राज्यों में पिछले एक महीने से गंभीर वायु प्रदूषण है और वायु गुणवत्ता सूचकांक आपात स्तर पर पहुंच गया है.
मुंबई स्थित डॉ एलएच हीरानंदानी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट (पल्मोनोलॉजी) डॉ स्वप्निल मेहता के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 से ज्यादा हानिकारक होता है.
दिल्ली सरकार ने केंद्र से कई बार वायु प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया क्योंकि उसने इसके लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया है.
आरएमएल हॉस्पिटल के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ देश दीपक ने कहा, "धूम्रपान नहीं करने वालों को भी खतरा है. धूम्रपान नहीं करने पर वायु प्रदूषण ही बीमारी बढ़ाने के लिए जरूरी तत्व उपलब्ध करा सकता है. धूम्रपान, सेकेंड हैंड स्मोक (एसएचएस) और प्रदूषण के एक साथ हमले से आपके फेफड़े बीमार पड़ सकते हैं."
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