सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे है एक मैसेज में विटामिन डी और कैल्शियम के स्रोत को लेकर कुछ दावे किए गए हैं. जैसे-
-विटामिन डी का निर्माण शरीर सूर्य की किरणों में खुद करता है
-दूध की बजाए तिल में सबसे ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है
ये सही है कि 100 ग्राम तिल में करीब 975 mg कैल्शियम होता है, लेकिन शरीर को कैल्शियम की पूर्ति के लिए सिर्फ यही बात काफी नहीं है.
अपोलो हॉस्पिटल में चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि किसी चीज में सिर्फ कैल्शियम की मात्रा ही महत्वपूर्ण नहीं होती है बल्कि उसमें मौजूद कैल्शियम का कितना अंश शरीर द्वारा अवशोषित करने योग्य है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है.
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ रुपाली दत्ता के मुताबिक दूध के कैल्शियम की जैवउपलब्धता (bioavailability) सबसे ज्यादा होती है. वो जैवउपलब्धता को समझाते हुए कहती हैं,
डॉ रोहतगी के मुताबिक तिल में मौजूद हाई ऑक्सलेट इसकी बायोएवेलैबिलिटी में बाधा डालता है.
वहीं गाय के दूध में कैल्शियम की अच्छी जैव उपलब्धता होती है (लगभग 30 से 35%).
ये सही है कि सूर्य की किरणों में हमारा शरीर विटामिन D का निर्माण खुद कर सकता है. इसीलिए एक्सपर्ट्स रोजाना 15-20 मिनट सूर्य की किरणों में बैठने की सलाह देते हैं.
सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत में सूरज के किरणों की क्वालिटी को लेकर जो दावा किया गया है, इस पर दिल्ली के मैक्स सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में ग्रैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी सेतिया कहते हैं कि सर्दियों में ज्यादा धूप निकलती नहीं है और चिलचिलाती गर्मी में धूप में बैठना मुश्किल होता है.
इसमें कोई शक नहीं है कि तिल या तिल के लड्डू सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. तिल कैल्शियम और जिंक से भरपूर होता है. आयरन से भरपूर गुड़ खाने से प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ती है और सर्दी-खांसी से बचाव होता है. हालांकि कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत दूध है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता.
वहीं विटामिन डी के लिए धूप में बैठने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं क्योंकि ये विटामिन खाने की बेहद सीमित चीजों में मौजूद होता है. लेकिन पर्याप्त विटामिन डी के लिए किसी को भी कितनी देर तक सूर्य की किरणों के संपर्क में रहना चाहिए, ये उसकी स्किन कलर और कितनी स्किन एक्सपोज हो रही है, इस पर निर्भर करता है.
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Published: 27 Jan 2020,03:10 PM IST