हमें एक संतुलित आहार लेने की जरूरत होती है ताकि शरीर के लिए जरूरी सभी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहे. फिर भी मुमकिन है कि आपमें किसी न किसी पोषक तत्व की कमी हो और उसके लक्षण भी सामने आ रहे हों, लेकिन आपका उस ओर ध्यान न जा रहा हो.
यहां हम आपको 7 पोषक तत्वों, उनकी कमी के लक्षण और उस कमी को पूरा करने के लिए जरूरी फूड सोर्स के बारे में बता रहे हैं.
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में चीफ डायटिशियन अनीता जताना बताती हैं, "आयरन रेड ब्लड सेल्स का एक बड़ा भाग है, जो ग्लोबिन के साथ बंधकर कोशिकाओं में ऑक्सीन की पूर्ति करता है."
थकान
कमजोरी
आंखों और हाथों में पीलापन
सांस में तकलीफ
कमजोर इम्यूनिटी
ब्रेन फंक्शन में गड़बड़ी
1-3 साल का बच्चे: 9mg
4-6 साल का बच्चे: 13mg
7-9 साल का बच्चे: 16mg
लड़की (10-16 साल): 28mg
लड़का (10-16 साल): 27 mg
पुरुष: 17 mg
महिलाएं (19 साल से ज्यादा उम्र): 21mg
प्रेग्नेंट महिलाएं: 35 mg
बीन्स, दाल, चिकन, अंडा, काजू, हरी पत्तेदार सब्जियां, बाजरा, रागी, खजूर, किशमिश, गुड़
मिस जताना बताती हैं कि आयोडिन नॉर्मल थाइरॉयड फंक्शन और थाइरॉयड हार्मोन के प्रोडक्शन के लिए जरूरी मिनरल है.
चाइल्ड फंड इंडिया में हेल्थ स्पेशलिस्ट प्रतिभा पांडे कहती हैं, "मेटाबॉलिज्म और भ्रूण के विकास के लिए आयोडीन आवश्यक है. आयोडीन की कमी से घेंघा, हाइपोथारॉयडिज्म, जन्मजात विकृतियां हो सकती हैं."
बढ़ा हुआ थाइरॉयड ग्लैंड, जिसे घेंघा कहते हैं
इससे हार्ट रेट बढ़ सकता है
सांस में तकलीफ
वजन बढ़ जाना
बच्चों का संज्ञानात्मक विकास प्रभावित होना
बच्चों (9–13 साल): 120 mcg (माइक्रोग्राम)
किशोर (14–18 years): 150 mcg
वयस्क: 150 mcg
प्रेग्नेंट महिलाएं: 220 mcg
आयोडीन युक्त नमक, दूध, दही, चीज़ जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स, अनाज से तैयार की गई चीजें जैसे ब्रेड, सी फूड जैसे कॉड और टूना मछली, सीवीड, झींगा
विटामिन A स्किन, दांत, हड्डी और कोशिका झिल्ली के निर्माण और इन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. ये आई पिगमेंट प्रोड्यूस करता है, जो दिखाई देने के लिए जरूरी होता है.
रात में दिखाई न देना
विटामिन A की कमी के कारण आंखों को नुकसान हो सकता है, यहां तक कि अंधापन भी हो सकता है
इम्युन फंक्शन में गिरावट आ सकती है
इसकी कमी से जन्म के समय नवजात का वजन बहुत कम हो सकता है
मछली, गाजर, ब्रोकली, शकरकंद, खुबानी, आड़ू, हरी पत्तेदार सब्जियां, पीले फल और सब्जियां, अंडे की जर्दी, कॉड लिवर ऑयल
डायटिशियन अनीता जताना कहती हैं, "विटामिन D फैट में घुल सकने वाला विटामिन होता है, जो कि हमारे शरीर में स्टेरॉयड हार्मोन की तरह काम करता है."
हेल्थ स्पेशलिस्ट प्रतिभा पांडे बताती हैं कि विटामिन D की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, अर्थराइटिस की तकलीफ हो सकती है.
बड़े लोगों में विटामिन डी की कमी के लक्षण
मांसपेशियों में कमजोरी
बोन लॉस
फ्रैक्चर का रिस्क बढ़ना
बच्चों में विटामिन डी की कमी के लक्षण
विकास में बाधा
कमजोर हड्डियां
12 महीने तक के बच्चों के लिए: 400 IU (इंटरनेशनल यूनिट)
1 से 70 साल तक के लोगों के लिए: 600 IU
70 से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए: 800 IU
विटामिन डी के लिए सूरज की रोशनी में बैठने के लिए कहा जाता है. खाने की कुछ ही चीजें हैं, जिनमें प्राकृतिक तौर पर विटामिन डी होता है, जैसे ट्राउट, सैमन, टूना और मैकेरल जैसी फैटी फिश और फिश लिवर ऑयल, कुछ दूध में इसे फॉर्टिफाई किया जाता है.
विटामिन B12 ब्लड फॉरमेशन के साथ दिमाग और नर्व फंक्शन के लिए जरूरी है.
थकान / कम एनर्जी
चिड़चिड़ापन
मेमोरी लॉस
निर्णय लेने, समझ में कमी
मेंटल क्लाउडनेस
मूड स्विंग
चिंता
डिप्रेशन
स्लो रिफ्लेक्स
चलने में कठिनाई
मुंह या जीभ में छाले
वजन कम होना / भूख कम लगना
पीला पड़ना और पीली त्वचा
मेंस्ट्रुअल या मासिक धर्म की समस्या
मांसपेशियों में ऐंठन
हाथ और पैरों में झुनझुनी
हथेलियों और तलवों में सुन्नपन
सांस फूलना
एक व्यस्क को रोजाना 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन B12 लेने की सलाह दी जाती है.
मछली, मीट, चिकन, अंडा, दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स
कैल्शियम शरीर की हर कोशिका के लिए आवश्यक है. हड्डियों और दांतों के विकास के लिए अहम है और हड्डियां मजबूत बनी रहें, इसके लिए भी कैल्शियम की जरूरत होती है. नर्व ट्रांसमिश से लेकर हृदय की मांसपेशियों के फंक्शन को रेगुलेट करने के लिए इसकी जरूरत होती है.
सॉफ्ट हड्डियां (बच्चों में रिकेट्स)
ऑस्टियोपोरोसिस (खासकर व्यस्कों में)
14–18 साल: 800 mg
19–50 साल: 800 mg
51–70 साल (पुरुष): 600 mg
51–70 साल (महिला): 600 mg
प्रेग्नेंट महिलाएं: 1200 mg
दूध, चीज़ और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, अखरोट, तिल, रागी, सोया, साबुत दालें
मैग्नीशियम शरीर के लिए एक बेहद जरूरी मिनरल है, ये हड्डी के लिए जरूरी है, दांतों की बनावट के लिए अहम है. मैग्नीशियम 300 से अधिक एंजाइम रिएक्शन में भी शामिल होता है.
असामान्य हार्ट रिदम
मांसपेशियों में ऐंठन या अकड़न
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम
थकान
माइग्रेन
भूख न लगना
यूरिन रिटेन्शन
पुरुष: 340 mg
महिला: 310 mg
अनाज, टोफू, मेवा, मीट, दूध, फलिया, सीफूड, हरी सब्जियां
अगर आपको लगता है कि आप किसी न्यूट्रिशनल कमी से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर के पास जाएं. आपकी डाइट, खाने की आदतों और आपमें दिख रहे लक्षणों के आधार पर डॉक्टर कुछ मेडिकल टेस्ट के जरिए पोषण की कमी का पता लगाते हैं.
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Published: 26 Sep 2020,06:23 PM IST